हसीना की सरकार गिराने वाले फिर बिफरे, यूनुस सरकार को थमाया अल्टीमेटम; अब किस बात पर मचा बवाल?
- शेख हसीना की सत्ता से बेदखल कर चुके छात्रा आदोलन से जुड़ी पार्टी ने यूनुस सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जल्द चुनाव की तारीख का ऐलान नहीं हुआ तो सड़कों पर जबरदस्त आंदोलन होगा।
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बांग्लादेश की सियासत में फिर हलचल तेज हो गई है। शेख हसीना को सत्ता से बाहर करने वाले छात्र आंदोलनकारी एक बार फिर उग्र होने के संकेत दे रहे हैं। बीएनपी और छात्र आंदोलन से जुड़े नेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर चुनाव टालने का इल्जाम लगा रहे हैं। बीएनपी के महासचिव रुहुल कबीर रिजावी ने कहा कि यूनुस सरकार जानबूझकर चुनाव से बच रही है और यह लोकतंत्र के खिलाफ साजिश है। उधर छात्रा आदोलन से जुड़ी पार्टी ने यूनुस सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जल्द चुनाव की तारीख का ऐलान नहीं हुआ तो सड़कों पर जबरदस्त आंदोलन होगा।
5 अगस्त को जब शेख हसीना की सरकार सत्ता से बाहर हुई थी, तब बीएनपी को उम्मीद थी कि अंतरिम सरकार जल्द चुनाव कराएगी। मगर यूनुस सरकार ने चुनाव को 2025 के आखिर या 2026 की शुरुआत तक टालने का ऐलान कर दिया। इससे बीएनपी और छात्र आंदोलनकारियों में गुस्सा भड़क गया है। पार्टी नेताओं ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया और साफ कहा कि इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी सियासी घमासान के बीच, बैसुम्य विरोधी छात्र आंदोलन के नेता सरजिस आलम ने बड़ा एलान कर दिया। उन्होंने अपने संगठन के सलाहकार पद से इस्तीफा देकर राजनीति में उतरने की घोषणा कर दी। नारायणगंज में एक बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि अगर चुनाव में किसी भी तरह की धांधली हुई या फिर देरी की गई तो देश में एक और जनक्रांति देखने को मिलेगी। उन्होंने जनता से अपील की कि लोकतंत्र बचाने के लिए वे सड़कों पर उतरने को तैयार रहें।
सरजिस आलम ने यह भी ऐलान किया कि वह जल्द ही एक नया राजनीतिक दल बनाएंगे। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी में फासीवादी ताकतों को छोड़कर सबको जगह दी जाएगी। उनका मानना है कि सत्ता से ज्यादा जनता की भलाई जरूरी है। सरजिस ने कहा कि उनकी पार्टी में उन्हीं लोगों को नेतृत्व दिया जाएगा जो जनता के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। इसके अलावा, सरजिस ने बांग्लादेश में बढ़ते भ्रष्टाचार, जमीन हड़पने और राजनीतिक साठगांठ पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अगर इन बुराइयों को रोकना है तो जनता को एकजुट होकर सड़कों पर आना होगा। उन्होंने दावा किया कि कुछ पुलिस अधिकारी और जज भी भ्रष्टाचार में शामिल हैं और हत्यारों को शरण दे रहे हैं।
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