पाकिस्तानी सेना ने खींचे हाथ, PoK में लॉन्च पैड खाली कर भागे आतंकी; इस बात का सता रहा डर
भारत के कड़े रुख और सैन्य कार्रवाई की आशंका के बीच पाकिस्तान ने LoC के पास अपने आतंकी प्रशिक्षण शिविरों और लॉन्च पैड्स को खाली कर दिया है।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इस हमले के बाद भारत द्वारा सख्त कार्रवाई की आशंका से डरकर पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LoC) के पास अपने आतंकी लॉन्च पैड्स को खाली कर लिया है। पाकिस्तान की इस कार्रवाई को भारत के संभावित सैन्य जवाब से बचने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।
पहलगाम हमले ने बढ़ाया तनाव
पहलगाम की बैसारन वैली में हुए इस आतंकी हमले में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आतंकियों ने 25 पर्यटकों और एक स्थानीय कश्मीरी की हत्या कर दी थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की प्रारंभिक रिपोर्ट में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) और LeT के बीच गठजोड़ की बात सामने आई है। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि इस्लामाबाद ने इन आरोपों से इनकार किया है। हमले के बाद से दोनों देशों के बीच राजनयिक और सैन्य तनाव बढ़ गया है।
पाकिस्तान की रणनीति: आतंकी लॉन्च पैड खाली
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के कड़े रुख और सैन्य कार्रवाई की आशंका के बीच पाकिस्तान ने LoC के पास अपने आतंकी प्रशिक्षण शिविरों और लॉन्च पैड्स को खाली कर दिया है। एजेंसियों से मिली ताजा जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों के दर्जनों आतंकी जो जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की तैयारी में लॉन्चपैड्स पर डटे थे, अब पीछे हट चुके हैं और POK या पाकिस्तान के अंदरूनी इलाकों में लौट गए हैं।
खासकर जम्मू डिविजन के तीन प्रमुख लॉन्चपैड्स - शकरगढ़ (जो कठुआ के पास है), समहनी (नौशेरा के पास) और सुखमल (हीरानगर के पास) - में अप्रैल 22 से पहले लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अन्य संगठनों के 10-12 आतंकी तैनात थे। लेकिन अब ये सभी लॉन्चपैड खाली हो चुके हैं। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान सेना और रेंजर्स जो इन लॉन्चपैड्स पर आमतौर पर आतंकियों को भारत में दाखिल कराने के लिए तैनात रहते थे, अब वहां से हट चुके हैं।
पाकिस्तान को डर है कि भारत सर्जिकल स्ट्राइक या अन्य सैन्य कार्रवाई कर सकता है, जैसा कि उसने 2016 के उरी हमले और 2019 के पुलवामा हमले के बाद किया था। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में कहा था कि भारत पहलगाम हमले के बाद कभी भी सैन्य कार्रवाई कर सकता है। इसके अलावा, पाकिस्तान ने अपनी उत्तरी वायु कमान में सैन्य उपकरणों को तैनात करना शुरू कर दिया है, जिसे भारत के साथ सीमित संघर्ष की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है।
पाकिस्तान का सीधा संबंध आया सामने
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की जांच में सामने आया है कि पहलगाम आतंकी हमले की साजिश में पाकिस्तान की अहम भूमिका रही है। हमले में शामिल पाकिस्तानी आतंकी हाशिम मूसा, पाकिस्तान सेना की स्पेशल फोर्स का पूर्व सैनिक था, जिसे ISI ने लश्कर-ए-तैयबा को "उधार" दिया था ताकि वह कश्मीर में बाहरी नागरिकों और सुरक्षाबलों को निशाना बना सके।
जांच में यह भी सामने आया है कि पाकिस्तान स्थित आतंकी मास्टरमाइंड्स कश्मीर में मौजूद आतंकियों और ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) से एक एन्क्रिप्टेड ऐप Ultra के जरिए संपर्क में हैं। यही ऐप त्राल में पहल्गाम हमले के समय इस्तेमाल हुआ था।
इलेक्ट्रॉनिक निगरानी में ऐसे कई चैट्स पकड़े गए हैं जिनमें कश्मीरी OGWs, पाकिस्तानी आतंकियों की पहल्गाम में मौजूदगी और उन्हें मार्गदर्शन देने की बातें कर रहे हैं। अब तक एजेंसियों ने 15 स्थानीय OGWs को चिन्हित किया है जो इस साजिश से वाकिफ थे और आतंकियों की मदद की थी - जैसे उन्हें लॉजिस्टिक्स मुहैया कराना, इलाके की रेकी कराना और उन्हें छुपाने की व्यवस्था करना।
भारत की जवाबी कार्रवाई
पहलगाम हमले के बाद भारत ने कई सख्त कदम उठाए हैं।
सिंधु जल संधि को निलंबित करना: यह संधि पाकिस्तान को 80% से अधिक पानी की आपूर्ति करती है।
अटारी-वाघा सीमा बंद: दोनों देशों ने अपनी-अपनी सीमाओं को बंद कर दिया है, जिसके कारण सैकड़ों लोग फंस गए हैं।
पाकिस्तानी नागरिकों का निर्वासन: भारत ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया और उनके वीजा रद्द कर दिए।
राजनयिक संबंधों में कटौती: भारत और पाकिस्तान ने एक-दूसरे के दूतावासों में कर्मचारियों की संख्या कम कर दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सशस्त्र बलों को "खुली छूट" दी है, जिसका मतलब है कि सेना को जवाबी कार्रवाई का समय, स्थान और तरीका चुनने की छूट है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "पहलगाम हमले के हर आतंकी को ढूंढकर सजा दी जाएगी।"
LoC पर बढ़ता तनाव
पहलगाम हमले के बाद से LoC पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच गोलीबारी की घटनाएं बढ़ गई हैं। पाकिस्तानी सैनिकों ने लगातार आठ रातों तक जम्मू-कश्मीर के पांच जिलों में अकारण गोलीबारी की, जिसका भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया। स्थानीय नागरिकों ने युद्ध की आशंका के बीच सामुदायिक और व्यक्तिगत बंकरों को साफ करना शुरू कर दिया है।
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