'जेल नहीं जाना', ट्विटर से PM मोदी पर बनी BBC डॉक्यूमेंट्री के लिंक हटाए जाने पर बोले एलन मस्क
बीबीसी डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' के प्रसारित होने के तुरंत बाद भारत सरकार ने इस पर बैन लगा दिया था। यही नहीं, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से इससे जुड़े लिंक को भी हटा दिया गया था।
ट्विटर के अरबपति मालिक एलन मस्क ने कहा है कि वे इस बात से पूरी तरह अनजान हैं कि आखिर ट्विटर ने पीएम मोदी पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के लिंक क्यों हटाए थे। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में सोशल मीडिया को लेकर कुछ नियम "काफी सख्त" हैं और उनके लोग जेल नहीं जाना चाहेंगे। बता दें कि इस साल की शुरुआत में बीबीसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक डॉक्यूमेंट्री जारी की थी। दो एपिसोड वाली बीबीसी डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' के प्रसारित होने के तुरंत बाद भारत सरकार ने इस पर बैन लगा दिया था। यही नहीं, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से इससे जुड़े लिंक को भी हटा दिया गया था।
इसका पहला एपिसोड 17 जनवरी को और दूसरा एपिसोड 24 जनवरी को ब्रिटेन में प्रसारित हुआ था। डॉक्यूमेंट्री में नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री रहते हुए गुजरात में साल 2002 में हुई हिंसा में करीब 2000 लोगों की मौत पर सवाल उठाए गए थे। सरकार की सलाहकार कंचन गुप्ता ने कहा था कि सरकार ने ट्विटर को डॉक्यूमेंट्री के वीडियो से जुड़े 50 से अधिक ट्वीट ब्लॉक करने के आदेश जारी किए थे।
मुझे कोई जानकारी नहीं- एलन मस्क
गुप्ता ने कहा था कि हालांकि बीबीसी ने भारत में डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण नहीं किया था, लेकिन वीडियो को कुछ यूट्यूब चैनलों पर अपलोड किया गया था। अब इस पूरे मामले पर एलन मस्क ने प्रतिक्रिया दी है। जब मस्क से पूछा गया कि क्या ट्विटर ने भारत सरकार के इशारे पर कुछ कंटेंट हटाया है? इसको लेकर ट्विटर स्पेस पर बीबीसी ब्रॉडकास्ट लाइव के साथ इंटरव्यू में मस्क ने कहा, "मैं इस विशेष स्थिति से अवगत नहीं हूं ... मैं नहीं जानता कि उस कंटेंट के साथ असल में क्या हुआ था।" उन्होंने कहा, "सोशल मीडिया पर क्या दिख सकता है, इसको लेकर भारत में नियम काफी सख्त हैं और हम देश के कानूनों से परे नहीं जा सकते हैं।"
जेल नहीं जाएंगे, कानून मानेंगे- मस्क
मस्क ने कहा, "अगर हमारे पास यह विकल्प है कि या तो हमारे लोग जेल जाएं या हम कानूनों का पालन करें, तो हम कानूनों का पालन करेंगे।" रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्विटर, फेसबुक के व्हाट्सएप और Amazon.com इंक जैसी विभिन्न अमेरिकी टेक फर्मों पर भारत सरकार की विनियामक जांच ने कथित तौर पर कारोबारी माहौल को नुकसान पहुंचाया है, जिससे कुछ कंपनियां अपनी विस्तार योजनाओं पर पुनर्विचार करने को मजबूर हुई हैं।
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