Hindi Newsविदेश न्यूज़Right to privacy vanishes in Pakistan Now ISI can intercept anyone phone call any time in interest of national security - International news in Hindi

पाकिस्तान में छू मंतर हुआ निजता का अधिकार, कभी भी; किसी का फोन कॉल हो सकता है रिकॉर्ड

ISI to intercept Phone Calls: शहबाज शरीफ की सरकार द्वारा ISI को फोन कॉल का पता लगाने और रिकॉर्ड करने की अनुमति देने के लिए कैबिनेट स्तर पर औपचारिक रूप से निर्णय लिये जाने के बाद अधिसूचना जारी हुई है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 9 July 2024 10:56 PM
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पड़ोसी देश पाकिस्तान में अब किसी भी नागरिक के पास गोपनीयता का अधिकार नहीं रह गया है। वहां एजेंसियां कभी भी किसी का भी फोन कॉल इंटरसेप्ट कर सकती हैं। पाकिस्तान सरकार ने मंगलवार को अपनी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) को औपचारिक तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा के वास्ते फोन कॉल का पता लगाने और उसे इंटरसेप्ट करने की शक्ति प्रदान कर दी है।

सूचना प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार मंत्रालय ने इस आशय के लिए पाकिस्तान दूरसंचार (पुनर्गठन) अधिनियम, 1996 के तहत एक अधिसूचना जारी की। इस अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘धारा 54 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए… संघीय सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में और किसी भी अपराध की आशंका पर इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) द्वारा फोन कॉल और संदेशों को इंटरसेप्ट करने या किसी भी दूरसंचार प्रणाली के माध्यम से फोन कॉल का पता लगाने के लिए ग्रेड-18 रैंक या इससे ऊपर के अधिकारियों को समय-समय पर नामित किये जाने की अनुमति देकर प्रसन्न है।’’

सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार द्वारा आईएसआई को फोन कॉल का पता लगाने और रिकॉर्ड करने की अनुमति देने के लिए कैबिनेट स्तर पर औपचारिक रूप से निर्णय लिये जाने के बाद यह अधिसूचना जारी की गई है। ISI को नया अधिकार देने पर प्रतिक्रिया जताते हुए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के नेता उमर अयूब खान ने कहा कि सरकार और सहयोगियों को पता होना चाहिए कि सत्ता से बाहर होने पर उनके नेताओं के खिलाफ भी यही कार्रवाई की जाएगी।

पिछले साल दिसंबर में, ऑडियो लीक से संबंधित एक मामले की सुनवाई के दौरान इस्लामाबाद हाई कोर्ट को सूचित किया गया था कि सरकार ने किसी भी खुफिया एजेंसी को ऑडियो बातचीत को टैप करने की अनुमति नहीं दी है। तब पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल (एजीपी) मंसूर उस्मान अवान ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट को सूचित किया था, जो कथित तौर पर उनके और पीटीआई नेता लतीफ खोसा की बातचीत के लीक होने के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही थीं।

बुशरा बीबी ने हाई कोर्ट में अपनी याचिका में तर्क दिया था कि उनके फोन कॉल की रिकॉर्डिंग संविधान के अनुच्छेद 14 द्वारा सुनिश्चित सम्मान और गोपनीयता के अधिकार का उल्लंघन करती है लेकिन नई शहबाज शरीफ सरकार ने अब ISI को इसकी अनुमति देकर सभी पाक नागरिकों के गोपनीयता के अधिकार की काट निकाल ली है। माना जा रहा है कि सरकार इसकी आड़ में विरोधी नेताओं के फोन कॉल अब आसानी से इंटरसेप्ट कर सकती है।

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