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हमारे यहां से अपनी सेना हटाए पाकिस्तान, वरना भड़क जाएंगे लोग; PoK के नेता ने संयुक्त राष्ट्र में उठाई मांग

शौकत अली कश्मीरी ने एक वीडियो संदेश में कहा कि हमें पीओजेके से रिपोर्ट मिली है, जिसमें संकेत दिया गया है कि पाकिस्तानी प्रशासन वहां फ्रंटियर कोर (एफसी) युनिट को फिर से तैनात कर रहा है।

Amit Kumar एएनआई, जिनेवाWed, 26 June 2024 05:57 PM
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पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (PoJK) में वहां की सेना के खिलाफ लोगों में भारी गुस्सा भड़क रहा है। हाल ही में यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) के अध्यक्ष सरदार शौकत अली कश्मीरी ने पाकिस्तान से आग्रह किया कि वह कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में अपने सैनिकों की तैनाती न करे। उन्होंने मंगलवार को जिनेवा में चल रहे संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 56वें ​​सत्र के दौरान अपना वक्तव्य दिया।

शौकत अली कश्मीरी ने एक वीडियो संदेश में कहा, "हमें पीओजेके से रिपोर्ट मिली है, जिसमें संकेत दिया गया है कि पाकिस्तानी प्रशासन वहां फ्रंटियर कोर (एफसी) युनिट को फिर से तैनात कर रहा है। यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि पीओजेके एक विवादित क्षेत्र है, और इसलिए, पाकिस्तान को वहां अपनी सेना नहीं तैनात करनी चाहिए।" उन्होंने आगे कहा, "इस तरह की कार्रवाइयों से स्थानीय लोगों में परेशानी होती है। लोगों और प्रशासन के बीच और अशांति को रोकने के लिए पाकिस्तान को पीओजेके से अपने सैनिकों को वापस बुलाना चाहिए नहीं तो वहां लोग भड़ सकते हैं।"

कश्मीरी ने पाकिस्तान की नीतियों की भी आलोचना की और पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित बाल्टिस्तान और पीओजेके से हिरासत में लिए गए सभी लोगों की रिहाई की मांग की। अध्यक्ष ने कहा, "जहां पाकिस्तान ने पीओजेके में हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया है, वहीं उसने पीओजेके और पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित बाल्टिस्तान (पीओजीबी) में अवामी एक्शन कमेटी (एएसी) के सदस्यों के खिलाफ कई मामले भी दर्ज किए हैं। हम पीओजीबी और पीओजेके से हिरासत में लिए गए सभी लोगों की तत्काल रिहाई की मांग करते हैं और पाकिस्तान से जनता की शिकायतों का समाधान करने का आग्रह करते हैं।"

यूकेपीएनपी के विदेश मामलों के पूर्व केंद्रीय सचिव जमील मकसूद ने एएसी सदस्यों के साथ एकजुटता व्यक्त की और पीओजेके और पीओजीबी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर के बारे में चिंता जताई। उन्होंने आगे पाकिस्तान से संयुक्त आवामी एक्शन कमेटी द्वारा उल्लिखित मांगों का सम्मान करने का आह्वान किया। मकसूद ने अपने वीडियो बयान में जोर देकर कहा, "एएसी की मांगों को पूरा किया जाना चाहिए, और पाकिस्तानी प्रशासन द्वारा एफसी या पंजाब कांस्टेबुलरी की किसी भी तैनाती से क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के बजाय तनाव बढ़ सकता है।"

हाल ही में, पीओजेके में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं, जो मुख्य रूप से उच्च बिजली बिलों और महंगाई से गुस्सा के कारण हुए हैं। कई शहरों और कस्बों के निवासियों ने बढ़ती लागत और आर्थिक कठिनाइयों के लिए सरकार की अपर्याप्त प्रतिक्रिया के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शनों के जवाब में, पाकिस्तान ने पाकिस्तानी रेंजर्स सहित सुरक्षा बलों को तैनात किया और कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की। सप्ताह भर चले आंदोलन के दौरान पुलिस के साथ झड़पों में कई स्थानीय लोगों की कथित तौर पर मौत हो गई। यूकेपीएनपी सहित पीओजेके के राजनीतिक दल न्याय की मांग कर रहे हैं और विरोध प्रदर्शनों में शामिल निवासियों के खिलाफ झूठे मामलों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
 

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