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अमेरिका में हो रही भारतीयों की मौत से दहशत, मृत पाया गया छात्र; एक हफ्ते में गई तीसरी जान

अमेरिका में एक सप्ताह के भीतर तीसरे भारतीय छात्र की मौत से दहशत फैल गई है। इस तरह की घटनाओं के बाद अमेरिका में रहने वाले छात्रों और उनके माता-पिता के लिए यह चिंता का सबब बन गया है।

Admin लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 1 Feb 2024 07:46 PM
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अमेरिका में हो रही भारतीयों की मौत से दहशत, मृत पाया गया छात्र; एक हफ्ते में गई तीसरी जान

अमेरिका में एक सप्ताह के भीतर तीसरे भारतीय छात्र की मौत से दहशत फैल गई है। भारतीय छात्रों की मौत से अभिभावकों और छात्रों में चिंता बढ़ गई है। रिपोर्ट्स की मानें तो अमेरिका के सिनसिनाटी में एक भारतीय छात्र मृत पाया गया। अमेरिका में यह एक सप्ताह के भीतर छात्रों की मौत की तीसरी घटना है। हालांकि छात्र की मौत की वजह के बारे में अभी पता नहीं चल पाया है लेकिन यह अमेरिका में रहने वाले छात्रों और उनके माता-पिता के लिए यह चिंता का सबब है।

नशेड़ी ने की भारतीय छात्र की हत्या
25 साल के भारतीय छात्र विवेक सैनी ने हाल ही में अमेरिका में एमबीए पूरा किया है। 16 जनवरी को एक बेघर ड्रग एडिक्ट जूलियन फॉकनर ने उन पर बेरहमी से हमला किया। सैनी जिस स्टोर में काम करता था उसमें फॉकनर को शरण दी। उसने हमलावर को चिप्स, पानी, कोक और एक जैकेट देकर उसकी सहायता तक दी थी। दुर्भाग्यवश, जब सैनी ने फॉकनर को जाने के लिए कहा तो स्थिति ने एक गंभीर मोड़ ले लिया जिसके कारण फॉकनर ने उस पर हथौड़े से हमला कर दिया जिससे सैनी की मौत हो गई।

कंप्यूटर साइंस के स्टूडेंट की भी मौत 
वहीं एक दूसरी घटना में पर्ड्यू विश्वविद्यालय में कंप्यूटर साइंस के प्रमुख नील आचार्य 28 जनवरी को लापता हो गए। बाद में उनका शव विश्वविद्यालय परिसर में पाया गया। नील की मां गौरी आचार्य ने अपने लापता बेटे के बारे में जानकारी देने की अपील करते हुए सोशल मीडिया पर मदद मांगी। उनकी मौत किस वजह से हुई इसके बारे में अभी पता नहीं चल पाया है।

नील की मौत की पुष्टि से पहले उसकी मां गौरी आचार्य ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा था, "हमारा बेटा नील आचार्य कल यानी 28 जनवरी से लापता है। वह अमेरिका में पर्ड्यू विश्वविद्यालय में पढ़ता है। आखिरी बार उसे उबर चालक ने देखा था। उसने उसे पर्ड्यू विश्वविद्यालय में छोड़ा था। अगर आपको कुछ पता है तो कृपया हमारी मदद करें।" शिकागो में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने इस पोस्ट के जवाब में कहा था, "वाणिज्य दूतावास पर्ड्यू विश्वविद्यालय के अधिकारियों और नील के परिवार के साथ संपर्क में है। वाणिज्य दूतावास हर संभव सहायता प्रदान करेगा।"

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