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चीन की धमकी से डरा पाकिस्तान, शाहबाज शरीफ चलाएंगे बड़ा सैन्य अभियान

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने विरोध के बावजूद चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कोरिडोर (सीपीईसी) की सुरक्षा के लिए एक सैन्य अभियान की शुरुआत की है। पाकिस्तान ने यह फैसला चीन की चेतावनी के बाद लिया है।

लाइव हिन्दुस्तान इस्लामाबादMon, 24 June 2024 01:22 PM
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने आज़म-ए-इस्तेहकाम (स्थिरता के लिए प्रतिबद्धता) नाम के एक सैन्य अभियान शुरू करने का फैसला किया है। इस अभियान का उद्देश्य देश में देश में बढ़ रहे चरमपंथ और आतंकवाद को खत्म करना है। पाकिस्तान ने यह फैसला चीन से मिली धमकी के बाद लिया है। चीन ने पाकिस्तान के सामने, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) में सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। यह अभियान पीओके के साथ बाल्टिस्तान और पाकिस्तान के लगभग सभी राज्यों में चलाया जायेगा। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी सहित अन्य विपक्षी पार्टियों ने सैन्य अभियान का विरोध किया है। उन्होंने कहो है कि इसके लिए संसद से कोई सलाह मशवरा नहीं किया गया था।

गौरतलब है कि आतंकवादियों ने पाकिस्तान में चीनी हितों को लगातार निशाना बना रहा है। खासकर सीपीईसी सहित उत्तर-पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र को आतंकवादियों ने निशाना बनाया है। मार्च में दो हमलों ने चीन को और भी नागावार गुजरा है। इन हमलों में बलूच लिबरेशन आर्मी द्वारा ग्वादर पोर्ट अथॉरिटी कॉम्प्लेक्स में घुसपैठ का प्रयास और खैबर पख्तूनख्वा के शांगला जिले में चीनी इंजीनियरों के काफिले को निशाना बनाकर किया गया आत्मघाती बम विस्फोट शामिल हैं। इसमें कई लोगों की जान चली गई जिससे चीन भड़क गया है।

एक चीनी अधिकारी ने सीपीईसी को होने वाले खतरों पर बयान दिया था। जियानचाओ ने पाकिस्तान-चीन संयुक्त परामर्श की बैठक में कहा, "जैसा कि लोग अक्सर कहते हैं, विश्वास सोने से ज्यादा कीमती है। पाकिस्तान के मामले में, चीनी निवेशकों के विश्वास को हिला देने वाला कारण यहां की सुरक्षा स्थिति है।" 

क्या है अज्म-ए-इस्तेहकाम अभियान

प्रधानमंत्री शरीफ ने शनिवार को ऑपरेशन अज्म-ए-इस्तेहकाम अभियान की घोषणा की थी। इसके तहत आतंकवाद से लड़ने के लिए कानून बनाए जायेंगे। इसमें यह भी कहा गया है कि कोई भी राज्य इस फैसले को चुनौती नहीं दे सकता है।  भले ही पाकिस्तान इसे अपनी सुरक्षा से जुड़ा बता रहा हो, लेकिन उसने यह फैसला चीन की फटकार पड़ने के बाद लिया है।

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