नवाज शरीफ के लैंड करते ही बदलने लगी सियासी बयार; पाक में किसकी बन सकती है सरकार, क्या कह रहा सर्वे?
Pakistan Political Development: सर्वे में कहा गया है कि 50% लोगों ने कहा कि नवाज की पाकिस्तान वापसी देश और देशवासियों के लिए अच्छा होगा, जबकि 14% ने कहा कि यह पाकिस्तान के लिए बुरा साबित होगा।
Pakistan Political Development Survey: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष नवाज शरीफ चार साल के आत्म-निर्वासन के बाद लंदन से वापस लौट आए हैं। हालांकि, 73 वर्षीय शरीफ ने कहा है कि उनकी कोई सियासी ख्वाहिश नहीं है लेकिन उनकी वतन वापसी से पाकिस्तान में सियासी बयार बदलने लगी है। गैलप पाकिस्तान द्वारा किए गए एक स्नैप पोल सर्वे में कहा गया है कि शरीफ के पाकिस्तान आने से उनकी पार्टी का राजनीतिक भविष्य मजबूत हुआ है।
पाकिस्तान के मशहूर अखबार 'द न्यूज' ने सोमवार को बताया कि गैलप पाकिस्तान ने नवाज शरीफ के पाकिस्तान लौटकर दिए गए मीनार-ए-पाकिस्तान स्पीच के अगले ही दिन यानी 22 अक्टूबर को एक फोन सर्वे किया है। इस सर्वेक्षण में चार प्रांतों के लगभग 100 जिलों के 1000 पुरुषों और महिलाओं के वैज्ञानिक रूप से चयनित नमूने का उपयोग किया गया है। इस सर्वेक्षण में आठ प्रमुख निष्कर्ष शामिल थे: सबसे पहले, देश के 75% वयस्कों ने कहा कि उन्होंने नवाज शरीफ की पाकिस्तान वापसी के बारे में सुना या पढ़ा है।
दूसरे, लगभग तीन में से एक यानी एक तिहाई युवाओं ने कहा कि उन्होंने मीनार-ए-पाकिस्तान में नवाज शरीफ का भाषण सुना है। इससे पता चलता है कि लगभग 4 करोड़ पाकिस्तानियों ने नवाज शरीफ का भाषण सुना है। तीसरा, भाषण सुनने वालों में 80% लोगों को नवाज का भाषण पसंद आया, जबकि 12% ने कहा कि उन्हें भाषण पसंद नहीं आया और केवल 7% लोगों ने मिक्स्ड रिएक्शन दिए हैं।
सर्वे में चौथे निष्कर्ष में कहा गया है कि 50% लोगों ने कहा कि नवाज की पाकिस्तान वापसी देश और देशवासियों के लिए अच्छा होगा, जबकि 14% ने कहा कि यह पाकिस्तान के लिए बुरा संकेत होगा। 18% लोगों ने इस सवाल पर उदासीनता दिखाई और कहा कि उनकी वापसी से आम आदमी के जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। 18 ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
सर्वे के पांचवें की फैक्टर में कहा गया है कि 51% लोगों का मानना है कि नवाज शरीफ की पाकिस्तान वापसी से पीएमएल-एन को अगला चुनाव जीतने में मदद मिलेगी, जबकि 22% ने कहा कि इस पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। इसके अलावा, 26% का मानना है कि इससे पीएमएल-एन को नुकसान होगा या इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
सर्वे में 70 प्रतिशत लोगों ने सहमति जताई कि नवाज शरीफ को देश को आगे ले जाने के लिए इमरान खान सहित सभी राजनीतिक नेताओं के साथ मिलकर काम करना चाहिए और पीटीआई प्रमुख के साथ टकराव से बचना चाहिए। इसके अलावा, लगभग 10 में से चार उत्तरदाताओं का मानना था कि नवाज शरीफ की पाकिस्तान वापसी एक निश्चित समझौते का हिस्सा है। 34 प्रतिशत लोगों का मानना था कि उन्हें नहीं पता कि कोई डील हुई है या नहीं, जबकि 27 प्रतिशत इस बात से असहमत थे कि उनका देश लौटना किसी तरह की डील का हिस्सा है।
अंत में, जब पूछा गया कि किस नेता में देश को मौजूदा आर्थिक संकट से बाहर निकालने की क्षमता है, तो 30 फीसदी लोगों ने नवाज शरीफ का नाम लिया, जबकि 22 फीसदी का मानना था कि इमरान खान के पास देश को मौजूदा संकट से बाहर निकालने की क्षमता है। इस मामले में पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो तीसरे नंबर पर रहे। यहां ध्यान देने वाली बात है कि 30 फीसदी लोगों ने साफ तौर पर कहा कि पाकिस्तान के किसी भी नेता के पास देश को मौजूदा आर्थिक संकट से बाहर निकालने की क्षमता नहीं है।
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