PoK में हिंसक प्रदर्शन से घबराए शहबाज शरीफ, खजाना खोलने का कर दिया ऐलान
प्रदर्शन से घबराए शहबाज शरीफ ने पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसक झड़प पर चिंता जताई थी। उन्होंने रविवार को चेतावनी दी थी कि कानून को अपने हाथ में लेने को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में हड़ताल सोमवार को चौथे दिन भी जारी रही, जिससे पूरे क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। इस बीच, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोमवार को बड़ा फैसला लिया। उन्होंने आजाद जम्मू और कश्मीर (AJK) के लिए 23 अरब रुपये के तत्काल प्रावधान को मंजूरी दे दी। विरोध प्रदर्शन से घबराए शहबाज शरीफ ने पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसक झड़प पर चिंता जताई थी। उन्होंने रविवार को चेतावनी दी थी कि कानून को अपने हाथ में लेने को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शहबाज ने कहा कि उन्होंने पीओके के तथाकथित प्रधानमंत्री चौधरी अनवारुल हक से बात की है। उन्होंने कहा, 'मैं सभी पक्षों से अपील करता हूं कि वे अपनी मांगों के समाधान के लिए शांतिपूर्ण तरीका अपनाएं। विरोधियों के सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद उम्मीद है कि मामला जल्द ही सुलझ जाएगा।'
वहीं, सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसक झड़पों के बाद पाकिस्तान सरकार ने स्थिति पर काबू पाने के प्रयास तेज कर दिए हैं। विवादित क्षेत्र में शनिवार को पुलिस और अधिकार आंदोलन के कार्यकर्ताओं के बीच झड़पें हुईं, जिसमें एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे। घायलों में ज्यादातर पुलिसकर्मी थे। शुक्रवार को पूर्ण हड़ताल करने से जनजीवन ठप हो गया। प्रदर्शनकारियों और राज्य सरकार के बीच बातचीत विफल हो जाने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए आज उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी।
आखिर किन मांगों को लेकर हो रहा प्रदर्शन
जम्मू-कश्मीर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (JAAC) के सदस्य क्षेत्र में जलविद्युत उत्पादन लागत के अनुसार बिजली की कीमतों को तय करने, गेहूं के आटे पर सब्सिडी और कुलीन वर्ग के विशेषाधिकारों को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। जेएएसी के नेतृत्व में पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) की राजधानी मुजफ्फराबाद में लंबा मार्च निकाला गया। जेएएसी कोर कमेटी और क्षेत्र के मुख्य सचिव दाऊद बराच के बीच हुई बातचीत में कोई समाधान न निकलने के बाद प्रदर्शनकारियों ने मुजफ्फराबाद की ओर कूच करने का एलान किया। रावलकोट के प्रदर्शनकारी नेता ने सरकार पर टालमटोल की रणनीति अपनाने का आरोप लगाया।
रोड को ब्लॉक कर धरने पर बैठ गए लोग
पाकिस्तानी अखबार डॉन में प्रकाशित खबर के मुताबिक, प्रदर्शनकारी पहले ही कई स्थानों पर कोहाला-मुजफ्फराबाद रोड को बंद कर वहां धरने पर बैठ हुए हैं। बताया गया कि चौराहों और संवेदनशील स्थानों पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। बाजार, व्यापार केंद्र और शैक्षणिक संस्थान बंद हैं, जबकि यातायात सेवाएं ठप्प हैं। मीरपुर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच शनिवार को झड़प होने के बाद सरकार ने रेंजर्स को बुलाया। अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को पुंछ-कोटली रोड पर मजिस्ट्रेट की कार समेत कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके अलावा पूरे क्षेत्र में बाजार, व्यापार केंद्र, कार्यालय, स्कूल और रेस्तरां बंद रहे।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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