Hindi Newsविदेश न्यूज़Story of Abu Ghraib The terrifying American torture 42 million dollars compensation after 21 years

रूह कंपाने वाला अमेरिकी टॉर्चर, 21 साल बाद मिला 3 अरब का मुआवजा; आखिर अबू गरीब जेल में क्या हुआ था?

  • अबू गरीब, इराक में स्थित एक कुख्यात जेल थी जो बगदाद के पश्चिम में थी। सद्दाम हुसैन के शासनकाल में यह जेल उन कैदियों के लिए जानी जाती थी जो राजनीतिक कारणों से कैद में रखे गए थे।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तानThu, 14 Nov 2024 05:58 PM
share Share
Follow Us on

अमेरिका (USA) की एक जूरी ने फैसला सुनाया है कि वर्जीनिया स्थित रक्षा ठेकेदार CACI को तीन इराकी पुरुषों को 42 मिलियन डॉलर (साढ़े 3 अरब रुपये भी ज्यादा) का भुगतान करना होगा। इन पुरुषों को 2004 में अबू गरीब जेल में प्रताड़ित किया गया था। लेकिन ये मामला इतना सीधा और आसान नहीं है। आइए जानते हैं कि असल में यह केस क्या था और उस जेल में क्या हुआ था?

क्या थी अबू गरीब जेल?

अबू गरीब, इराक में स्थित एक कुख्यात जेल थी जो बगदाद के पश्चिम में थी। सद्दाम हुसैन के शासनकाल में यह जेल उन कैदियों के लिए जानी जाती थी जो राजनीतिक कारणों से कैद में रखे गए थे। 1950 के दशक में स्थापित इस जेल का इस्तेमाल पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन ने 1979 से 2003 तक अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान राजनीतिक कैदियों को रखने के लिए किया था। लेकिन 2003 में अमेरिका के नेतृत्व में इराक पर हमला होने के बाद, इस जेल का नियंत्रण अमेरिकी सेना के हाथों में आ गया। इस जेल का इस्तेमाल अमेरिका ने इराक पर आक्रमण करने के बाद “संदिग्धों से पूछताछ” करने के लिए किया था। इसके बाद यहां से कुछ ऐसे भयावह अत्याचारों की तस्वीरें और घटनाएं सामने आईं, जिन्होंने पूरी दुनिया को झकझोर दिया। सितम्बर 2006 में अबू गरीब को इराकियों को सौंप दिया गया और अप्रैल 2014 में इसे बंद कर दिया गया।

क्या था मामला?

2004 में, अबू गरीब जेल से अमानवीय यातनाओं की तस्वीरें और वीडियो सार्वजनिक हुए। तस्वीरों में इराकी कैदियों के साथ भयानक रूप से अत्याचार होते हुए दिखाया गया था। इस घटना के सामने आने के बाद कई अमेरिकी सैनिकों और ठेकेदारों पर इराकी कैदियों के साथ दुर्व्यवहार और यातना देने का आरोप लगा। इस केस के तहत तीन इराकी पुरुषों ने वर्जीनिया की रक्षा ठेका कंपनी CACI International के खिलाफ केस दायर किया। इन कैदियों का दावा था कि उन्हें शारीरिक, मानसिक और यौन यातनाओं का सामना करना पड़ा था।

तस्वीरों में देखा गया कि कैसे एक कैदी को बिजली के तारों से बांधकर एक छोटे से बक्से पर खड़ा होने के लिए मजबूर किया गया था। उसे बताया गया था कि अगर वह बक्से से गिर गया तो उसे बिजली का झटका लगेगा। यह तस्वीर अली शालल अल-कैसी की थी, जिन्होंने 2005 में इस बारे में गवाही दी। जब वह यातना के कारण अपने हाथ का इस्तेमाल करने में असमर्थ हो गया, तो अमेरिकी गार्ड उसे "क्लॉ मैन" कहने लगे। अन्य तस्वीरों में कैदियों को अपमानजनक स्थिति में रखा गया है, कभी-कभी उन पर मल लगा होता है, जबकि अमेरिकी जेल गार्ड उनके बगल में मुस्कुराते हुए खड़े रहते।

Abu Ghraib Jail

कौन थे मुकदमा करने वाले ये तीन इराकी पुरुष

तीन इराकी पुरुषों - सादिक अली सादून अल-बेहल, अब्दुल्ला जाबर अल-रमादी, और ताहा यासीन अररजजी – ने CACI के खिलाफ अमेरिका में मुकदमा दायर किया। ये लोग अबू गरीब जेल में कैद थे और उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें पूछताछ के दौरान बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया। इन तीनों इराकी पुरुषों ने बताया कि उन्हें लंबे समय तक नींद से वंचित रखा गया, शारीरिक चोटें दी गईं, बिजली के झटके लगाए गए, और यौन उत्पीड़न भी किया गया। उन्हें अनजान कमरों में बांध कर छोड़ दिया जाता था और उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया था। इन यातनाओं ने उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाला।

अब रिटायर हो चुके अमेरिकी मेजर जनरल एंटोनियो तागुबा और अमेरिकी मेजर जनरल जॉर्ज फे द्वारा 2004 में जांच शुरू की गई थी। 2008 में सशस्त्र सेवाओं पर अमेरिकी सीनेट समिति द्वारा एक और जांच शुरू की गई थी। इन जांचों से अबू गरीब में हुए दुर्व्यवहार के बारे में और अधिक जानकारी मिली, जिसमें यौन शोषण, बलात्कार और शारीरिक और मनोवैज्ञानिक यातना शामिल थी और जिसके परिणामस्वरूप कम से कम एक कैदी, मनाडेल अल-जमादी की मौत हो गई। उसके बाद के वर्षों में, 11 अमेरिकी सैनिकों पर कर्तव्य की उपेक्षा, दुर्व्यवहार, गंभीर हमले और मारपीट का आरोप लगाया गया। उन्हें सैन्य अदालतों में दोषी ठहराया गया और नौ को जेल की सजा सुनाई गई।

इस अज्ञात फोटो में अमेरिकी सैनिक अबू ग़रीब में नग्न इराकी कैदियों के पिरामिड के पीछे खड़े हैं।

2008 में न्यूयॉर्क स्थित गैर-लाभकारी संस्था सेंटर फॉर कॉन्स्टीट्यूशनल राइट्स (CCR) ने वादी की ओर से चार इराकी कैदियों द्वारा CACI के खिलाफ एक दीवानी मुकदमा दायर किया था, जिन्हें अबू गरीब में प्रताड़ित किया गया था। मुकदमे में आरोप लगाया गया था कि CACI के कार्यकर्ता अबू गरीब में "पूछताछ सेवाएं" प्रदान कर रहे थे।

केस के दौरान क्या हुआ?

मुकदमा कई सालों तक चला और इसमें कई पेचीदगियां सामने आईं। लेकिन 12 नवंबर 2024 को अमेरिकी जूरी ने फैसला सुनाया कि CACI को तीनों इराकी पीड़ितों को 42 मिलियन डॉलर मुआवजा देना होगा। अमेरिकी संघीय जूरी ने फैसला सुनाया कि CACI को तीन इराकी नागरिक वादी - सुहैल अल शिमारी, सलाह अल-एजेली और असद अल-जुबे - को प्रतिपूरक हर्जाने के रूप में 3 मिलियन डॉलर और दंडात्मक हर्जाने के रूप में 11 मिलियन डॉलर का भुगतान करना होगा। यह फैसला न्याय के लिए लंबी लड़ाई लड़ रहे पीड़ितों के लिए एक बड़ी जीत है। जूरी ने माना कि CACI के कर्मचारियों ने पूछताछ के दौरान अमानवीय तरीके से इन कैदियों के साथ व्यवहार किया था।

चौथे वादी, ताहा यासीन अराक रशीद को 2019 में मामले से हटा दिया गया था क्योंकि CACI के अबू गरीब में मौजूद होने से पहले उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया था। CACI ने 2003 में अमेरिकी सरकार के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसमें "पूछताछ सेवाओं" के लिए 19 मिलियन डॉलर से अधिक प्राप्त हुए। CCR के अनुसार, वादी को कभी भी किसी अपराध का आरोप लगाए बिना रिहा कर दिया गया था।

यह फैसला क्यों महत्वपूर्ण है?

यह फैसला अमेरिकी न्याय प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है क्योंकि इससे यह संदेश जाता है कि युद्ध के दौरान मानवाधिकारों का उल्लंघन किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। यह फैसला यह भी साबित करता है कि युद्ध में शामिल देशों को भी मानवाधिकारों का सम्मान करना चाहिए और किसी भी प्रकार की अमानवीयता की जवाबदेही लेनी होगी। अबू गरीब के मामले पर फैसला न केवल पीड़ितों को राहत प्रदान करता है बल्कि भविष्य में रक्षा ठेका कंपनियों और सैन्य अधिकारियों को भी चेतावनी देता है कि वे अपने कृत्यों की ज़िम्मेदारी से नहीं बच सकते।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें