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इमरान खान पर पाक PM शहबाज की फिरकी में फंस गए बिलावल भुट्टो? पार्टी को लेना पड़ा यू-टर्न

Pakistan News: उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने मंगलवार को कहा था कि पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने का अंतिम फैसला नहीं लिया गया है और ऐसा कोई भी कदम सभी सहयोगियों से परामर्श करने के बाद ही तय किया जाएगा।

Pramod Praveen भाषा, इस्लामाबादThu, 18 July 2024 10:24 PM
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पाकिस्तान में सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज द्वारा जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का बृहस्पतिवार को गठबंधन की प्रमुख सहयोगी और शहबाज शरीफ सरकार में मंत्री बिलावल भुट्टो की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने समर्थन करने की घोषणा की। पीपीपी ने अब घोषणा की है कि वह कैबिनेट के सभी फैसलों का समर्थन करेगी। इससे पहले इमरान खान की पार्टी पर बैन लगाने का पीपीपी ने विरोध किया था।

सूचना मंत्री अता तरार ने सोमवार को खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले के बारे में एक महत्वपूर्ण घोषणा की थी, जिसके बाद कई लोगों के मन में यह सवाल उत्पन्न हो गया था कि क्या नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) को इस मामले में अपने गठबंधन सहयोगियों का समर्थन प्राप्त नहीं है।

तत्काल यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि क्या बिलावल भुट्टो-जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी), जो संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है और गठबंधन की एक प्रमुख घटक है, कोई स्पष्ट रुख अपनाने को लेकर अनिच्छुक है और उसके कुछ वरिष्ठ नेताओं ने सरकार का समर्थन करने से इनकार कर दिया है। पीपीपी के महासचिव नैयर हुसैन बुखारी ने आखिरकार स्थिति स्पष्ट करने के लिए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया और स्पष्ट रूप से कहा कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की पार्टी सरकार के साथ है।

उन्होंने कहा, "पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी संघीय सरकार के साथ खड़ी है और कैबिनेट के फैसलों का समर्थन करती है, क्योंकि हम सरकार के गठबंधन सहयोगी हैं।" अलग रुख अपनाने वाले नेताओं पर बुखारी ने कहा, "पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के किसी भी व्यक्ति का किसी विशिष्ट विषय पर अलग दृष्टिकोण होना उसका निजी दृष्टिकोण है, जिसका पार्टी की नीति से कोई संबंध नहीं है।"

हालांकि बुखारी ने यह कहने से परहेज किया कि उनकी पार्टी प्रतिबंध का समर्थन करेगी, लेकिन चूंकि किसी पार्टी पर प्रतिबंध लगाने का फैसला कैबिनेट द्वारा लिया जाता है और 15 दिनों के भीतर उच्चतम न्यायालय द्वारा इसका अनुमोदन किया जाता है, इसलिए उन्होंने पार्टी की ओर से अप्रत्यक्ष रूप से इस फैसले पर कायम रहने की प्रतिबद्धता जताई।

पीपीपी द्वारा नीतिगत बयान से पता चलता है कि यह मुद्दा अभी खत्म नहीं हुआ है और यह सिर्फ पीटीआई पर दबाव डालने के लिए बयान नहीं था क्योंकि पार्टी का समर्थन महत्वपूर्ण था। इससे यह भी पता चलता है कि सत्तारूढ़ पीएमएल-एन अपने सहयोगियों से परामर्श कर रही है, जैसा कि इसके नेताओं ने घोषणा की है कि गठबंधन सहयोगियों को साथ लेने के बाद ही कोई अंतिम कदम उठाया जाएगा।

उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने मंगलवार को कहा था कि पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने का अंतिम फैसला नहीं लिया गया है और ऐसा कोई भी कदम सभी सहयोगियों से परामर्श करने के बाद ही तय किया जाएगा।

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