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संसाधनों पर पाकिस्तान का कब्जा बर्दाश्त नहीं, PoK में जल रही गुस्से की आग; क्या मांग रहे प्रदर्शनकारी?

उन्होंने कहा कि सत्ता की कुर्सी पर बैठे ये लोग विलासिता का आनंद भोग रहे होते हैं, तो वहीं पीओजेके के लोग गरीबी की मार झेल रहे होते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें विकास से पूरी तरह वंचित रखा जाता है।

Amit Kumar एएनआई, मुजफ्फराबादSat, 15 June 2024 05:30 PM
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कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (PoK) में कई सालों से पाकिस्तान और उसकी सेना के खिलाफ गुस्से की आग भड़क रही है। हजारों, लाखों की सख्या में प्रदर्शनकरी अक्सर पीओके की सड़कों पर पाकिस्तान विरोधी बैनर लिए दिख जाते हैं। इस समय भी वहां हजारों की तादात में लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हाल ही में संयुक्त आवामी एक्शन कमेटी (जेएएसी) ने पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) के कोटली इलाके में एक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया। इसमें प्रशासन से मांग की गई कि पिछले महीने आयोजित चार दिवसीय मुजफ्फराबाद विरोध प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए कैदियों को तुरंत रिहा किया जाए। प्रदर्शनकारियों ने आगे जोर देकर कहा कि अब समय आ गया है कि पीओके स्थानीय प्रशासन अपने वादों को पूरा करे, जिसके कारण उन्हें हाल ही में हुए आम चुनावों के बाद सत्ता मिली थी।

हालांकि, पीओके प्रशासन की मौजूदा अनदेखी ने लोगों को बड़े कदम उठाने के लिए मजबूर किया है। इसने जेएएसी और यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) के प्रतिनिधियों द्वारा आयोजित घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विरोध प्रदर्शनों की लहर को जन्म दिया है। जेएएसी और यूकेपीएनपी के बाग चैप्टर की नेता सलमा हमीद ने रैली में कहा, "पीओजेके के इतिहास में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जो दर्शाती हैं कि सरकार ने कभी आम जनता की मांगों को नहीं सुना। लेकिन अब, बहुत प्रयासों के बाद, लोग जागरूक और सजग हैं और सक्रिय रूप से प्रशासन से अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं। हमारे कीमती वोटों और मदद से सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने वाले ये प्रशासक हमें बहुत नुकसान पहुंचाते थे।"

उन्होंने कहा कि सत्ता की कुर्सी पर बैठे ये लोग विलासिता का आनंद भोग रहे होते हैं, तो वहीं पीओजेके के लोग गरीबी की मार झेल रहे होते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें विकास से पूरी तरह वंचित रखा जाता है और साल दर साल स्थिति बदतर होती जा रही है। हमीद ने कहा, "हालांकि, अब हम एकजुट हैं। हिंसक प्रतिक्रियाओं से हमें डर नहीं लगता। जो हमारा है उसे पाने के लिए हम विरोध करेंगे।" नेता ने कहा, "प्रशासन ने हमें धमकाया है और अपने लाभ के लिए हमारे संसाधनों पर नियंत्रण कर लिया है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।" पीओके के लोगों का कहना है कि पाकिस्तान ने अपने फायदे के लिए उनके संसाधनों पर कब्जा कर लिया है। लेकिन इसका लाभ वहीं के स्थानीय लोगों को नहीं मिलता है।

इससे पहले, पीओजेके के पल्लंद्री क्षेत्र में जेएएसी कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित महत्वपूर्ण विरोध प्रदर्शन हुए थे। प्रदर्शन का उद्देश्य यातना, अत्यधिक बल प्रयोग और कश्मीरी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध जताना था। प्रदर्शनकारियों ने सभी हिरासत में लिए गए व्यक्तियों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की जोरदार मांग की है। हाल ही में कश्मीरी शायर अहमद फरहाद 14 मई को रावलपिंडी से लापता हो गए थे, जिसके एक दिन बाद उनकी पत्नी उरूज जैनब ने उन्हें ढूंढने के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) में याचिका दायर की थी। अपनी विद्रोही शायरी के लिए मशहूर फरहाद को उनके घर से अगवा कर लिया गया था। ये किडनैपिंग किसी और ने नहीं बल्कि पाकिस्तानी सेना ने की थी।

हाल ही में, पीओजेके में कश्मीरी कार्यकर्ताओं की हिरासत में वृद्धि देखी गई है। इसके बाद विरोध प्रदर्शनों में उनकी रिहाई की मांग की गई है। इन गिरफ्तारियों से स्थानीय लोग भड़के हुए हैं। इसका साथ ही इन्होंने मानवाधिकार संगठनों का ध्यान आकर्षित किया है। इन हिरासतों के पीछे राजनीतिक असहमति से लेकर कश्मीरियों के अधिकारों की वकालत तक के उद्देश्य अलग-अलग हैं। इस तरह की कार्रवाइयां क्षेत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और नागरिक स्वतंत्रता से संबंधित व्यापक मुद्दों को उजागर करती हैं।

जेएएसी द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन पीओजेके में अन्याय के खिलाफ असंतोष और सक्रियता की महत्वपूर्ण अभिव्यक्ति के रूप में कार्य करते हैं। विभिन्न अधिकारों और कारणों की वकालत करने वाला एक राजनीतिक संगठन जेएएसी ने प्रदर्शनों और रैलियों के माध्यम से निवासियों को अपनी शिकायतें व्यक्त करने के लिए प्रभावी रूप से संगठित किया है।  

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