तेल के खजाने से सजा सऊदी का 'स्वर्ग', मगर गूंज रहा आम लोगों का दर्द; कौन सा खेल कर रहे प्रिंस सलमान
- बिन सलमान पर उनके सॉवरेन वेल्थ फंड का इस्तेमाल अपने ड्रीम प्रोजेक्ट्स पर करने और मानवाधिकार उल्लंघनों को बढ़ावा देने के आरोप लगे हैं। मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच ने अपनी रिपोर्ट में यह गंभीर दावे किए हैं।
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अपने देश में एक अलग ही दुनिया बसाना चाह रहे हैं। उनके ड्रीम प्रोजेक्ट्स- निओम सिटी और जेद्दा का लग्जरी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स पहले से ही सुर्खियों में हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि प्रिंस सलमान इस प्रोजेक्ट्स में तेल से हुए मुनाफे का बड़ा हिस्सा लगा रहे हैं। बिन सलमान पर उनके सॉवरेन वेल्थ फंड का इस्तेमाल अपने ड्रीम प्रोजेक्ट्स पर करने और मानवाधिकार उल्लंघनों को बढ़ावा देने के आरोप लगे हैं। मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच ने 20 नवंबर 2024 को प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में यह गंभीर दावे किए हैं।
प्रिंस सलमान ने ड्रीम प्रोजेक्ट्स के लिए झोंक दी अकूत संपत्ति
ह्यूमन राइट्स वॉच की 93 पन्नों की रिपोर्ट के अनुसार, मोहम्मद बिन सलमान ने पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड (पीआईएफ) पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित कर लिया है। 2014 में 84 बिलियन डॉलर की संपत्ति प्रबंधन करने वाला यह फंड अब 925 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 में शुरू हुई भ्रष्टाचार विरोधी कार्रवाई के दौरान सऊदी अरब के कई प्रभावशाली व्यवसायियों और उनके संपत्तियों को जब्त कर लिया गया। इनमें से कई कंपनियां बाद में पीआईएफ के तहत आ गईं।
मेगा-प्रोजेक्ट्स के जरिए हो रहा मानवाधिकार उल्लंघन
मोहम्मद बिन सलमान के विजन 2030 के तहत चल रहे मेगा-प्रोजेक्ट्स में पीआईएफ की अहम भूमिका है। रिपोर्ट में कहा गया है कि निओम नामक भविष्य के शहर और जेद्दा में लग्जरी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए गरीब और कामकाजी वर्ग के लोगों को उनके घरों से जबरन बेदखल किया गया। यह भी दावा किया गया है कि इन परियोजनाओं का खामियाजा प्रवासी मजदूरों और ग्रामीण समुदायों को भुगतना पड़ा है।
खशोगी हत्या पर भी मचा बवाल
ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट पीआईएफ के स्वामित्व वाली कंपनियों को पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या से भी जोड़ती है। 2018 में इस्तांबुल स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास में हुई इस हत्या के लिए इस्तेमाल किए गए विमानों का स्वामित्व पीआईएफ से जुड़ी कंपनी स्काई प्राइम एविएशन के पास था। खशोगी की हत्या के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सऊदी अरब की आलोचना हुई, लेकिन मोहम्मद बिन सलमान ने अपनी छवि को सुधारने के लिए पीआईएफ का उपयोग किया। ह्यूमन राइट वॉच के अनुसार, खेल और मनोरंजन में भारी निवेश कर सऊदी अरब ने वैश्विक मंच पर अपनी प्रतिष्ठा को पुनर्जीवित किया है।
फुटबॉल विश्व कप 2034 की मेजबानी करेगा सऊदी अरब?
ह्यूमन राइट्स वॉच का कहना है कि मोहम्मद बिन सलमान के लिए 2034 का फुटबॉल विश्व कप सऊदी अरब में लाना एक बड़ी उपलब्धि होगी। यह रणनीति सऊदी अरब की वैश्विक स्थिति को मजबूत करने का हिस्सा है। अगले महीने फीफा कांग्रेस में सऊदी अरब की बोली को औपचारिक मंजूरी मिलने की संभावना है।
रिपोर्ट में व्यवसायों से अपील की गई है कि वे ऐसे प्रोजेक्ट्स से बचें जिनमें मानवाधिकारों के उल्लंघन का जोखिम हो। हालांकि, सऊदी अरब में निवेश करने से अब कम ही कंपनियां कतराती हैं। फिलहाल सऊदी सरकार और पीआईएफ ने इस रिपोर्ट पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
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