Hindi Newsविदेश न्यूज़Protesters pelt Malaysian embassy with eggs over Indonesian migrant worker shooting case

एक मजदूर की मौत से दो मुस्लिम देशों में तनाव, दूतावास पर अंडे फेंककर जताया विरोध

  • एक मजदूर की मौत से दो मुस्लिम देशों में तनाव फैल गया है। मामला मलेशिया और इंडोनेशिया का है। कुछ इंडोनेशियाई नागरिक नाव के रास्ते अवैध रूप से मलेशिया से बाहर निकल रहे थे।

Gaurav Kala जकार्ता, एपीThu, 30 Jan 2025 03:16 PM
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एक मजदूर की मौत से दो मुस्लिम देशों में तनाव, दूतावास पर अंडे फेंककर जताया विरोध

प्रवासी मजदूर की मौत को लेकर दो मुस्लिम देशों में ठन गई है। मामला मलेशिया और इंडोनेशिया से जुड़ा हुआ है। कुछ इंडोनेशियाई नागरिक नाव के रास्ते अवैध रूप से मलेशिया से बाहर निकल रहे थे, जिन पर मलेशियाई जल पुलिस ने गोलीबारी कर दी। इस घटना में एक मजदूर की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में नाव के ऊपर दर्द से कराहते मजदूरों को देखा जा सकता है। इस घटना ने दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा दिया है। गुस्साए इंडोनेशियाई नागरिकों ने राजधानी जकार्ता में मलेशियाई दूतावास पर अंडे फेंके। 100 लोगों की भीड़ ने दूतावास के बाहर जमकर नारेबाजी भी की।

इंडोनेशियाई मजदूर की मौत की घटना 24 जनवरी की है। गुरुवार को करीब 100 प्रदर्शनकारी विभिन्न मानवाधिकार संगठनों और श्रमिक संघों के साथ दूतावास के बाहर एकत्र हुए। मलेशिया के राज्य चिह्न पर अंडे फेंके गए, जिससे इमारत के दरवाजे और दीवारों पर अंडों के धब्बे और टूटे हुए अंडों के छिलके दिखाई दिए। प्रदर्शनकारियों ने "मलेशियाई पुलिस को सजा दो, जिन्होंने इंडोनेशियाई प्रवासी मजदूर की हत्या की" जैसे पोस्टर उठाए थे।

इंडोनेशियाई विदेश मंत्रालय का बयान

इंडोनेशियाई विदेश मंत्रालय ने 25 जनवरी को एक बयान में कहा था कि यह घटना तब हुई जब पांच इंडोनेशियाई नागरिक मलेशिया से अवैध रूप से बाहर जाने की कोशिश कर रहे थे। मंत्रालय ने मलेशियाई अधिकारियों से इस मामले में पूरी जांच की मांग की है, विशेष रूप से इस बात की जांच करने के लिए कि क्या मलेशियाई जल पुलिस का ऐक्शन कितना जरूरी था।

घटना के बाद से इंडोनेशिया में गुस्सा

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस घटना से पूरे इंडोनेशिया में भारी आक्रोश फैल गया। वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ प्रवासी मजदूर नाव में घायल अवस्था में पड़े थे, उनके शरीर पर गोलियों के निशान थे और उनके चेहरे दर्द की वजह से पीले पड़ गए थे। माइग्रेंट केयर नामक प्रवासी मजदूरों के अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन के कार्यकारी निदेशक वह्यू सुसिलो ने कहा कि यह घटना मलेशियाई अधिकारियों के हाथों इंडोनेशियाई प्रवासियों की मौतों की लंबी सूची में एक और कड़ी है।

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20 साल में 75 हत्याएं

माइग्रेंट केयर के अनुसार, 2005 से अब तक मलेशियाई अधिकारियों द्वारा ऐसे कम से कम 75 हत्याएं की जा चुकी हैं। संगठन ने इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्रबावो सुबियांतो से आग्रह किया कि वे द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित होने के डर से प्रवासी मजदूरों की मौतों को नजरअंदाज न करें। हाल ही में मलेशिया की यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति सुबियांतो ने मलेशियाई सरकार के साथ मिलकर प्रवासी मजदूरों से जुड़े मुद्दों को हल करने को लेकर चर्चा की थी।

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