ज्यादा रक्षा उपकरणों की खरीद, अमेरिकी तकनीक को तवज्जो; भारत से क्या-क्या चाहते हैं डोनाल्ड ट्रंप?
- पीएम मोदी और ट्रंप कई मौकों पर एक-दूसरे को अपना दोस्त बता चुके हैं। यह मुलाकात भारत और अमेरिका के संबंधों में नया दौर शुरू करेगा। ट्रंप प्रशासन ने भारत से रक्षा उपकरणों की खरीद और अमेरिकी तकनीक को प्राथमिकता बताया है।
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पीएम नरेंद्र मोदी अमेरिकी दौरे पर हैं। सबसे पहले उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से मुलाकात की। कुछ घंटों में मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप में बैठक होनी है। दोनों की मुलाकात पर दुनियाभर की नजरें टिकी हैं। पीएम मोदी और ट्रंप कई मौकों पर एक-दूसरे को अपना दोस्त बता चुके हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि यह मुलाकात भारत और अमेरिका के संबंधों में नया दौर शुरू करेगा। इसमें व्यापार, रक्षा और ऊर्जा पर बड़े समझौते होने की उम्मीद है। दोनों नेताओं की मुलाकात से पहले ट्रंप प्रशासन ने भारत से अमेरिकी रक्षा उपकरणों की अधिक खरीद, अमेरिकी तकनीक को प्राथमिकता देने, ऊर्जा उत्पादों का अधिक आयात और 2025 के अंत तक एक "निष्पक्ष" व्यापार समझौते की दिशा में आगे बढ़ने की इच्छा जताई है।
मोदी-ट्रंप बैठक से पहले रिश्तों पर जोर
प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप की बैठक से पहले वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने दोनों नेताओं के बीच व्यक्तिगत मित्रता, 2020 में चीन के साथ सीमा संकट के दौरान भारत को ट्रंप का समर्थन और क्वाड में दोनों नेताओं के बीच सबसे मजबूत संबंध होने की बात दोहराई। अधिकारी ने भारत-अमेरिका साझेदारी को 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण साझेदारियों में से एक बताया।
तकनीकी सहयोग
ट्रंप प्रशासन के अनुसार, सेमीकंडक्टर्स, महत्वपूर्ण खनिज (क्रिटिकल मिनरल्स) और आपूर्ति श्रृंखला विविधीकरण (सप्लाई चेन रेजिलिएंस) में भारत के साथ तकनीकी सहयोग को और मजबूत किया जाएगा। इस बैठक के बाद कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं होने की उम्मीद है।
रक्षा, व्यापार और ऊर्जा पर समझौते
एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ट्रंप भारत-अमेरिका रक्षा सौदों को और मजबूत करना चाहते हैं ताकि भारत अमेरिकी प्रौद्योगिकी को प्राथमिकता दे। राष्ट्रपति अमेरिकी ऊर्जा को वैश्विक बाजार में प्रमुख रूप से उतारने की योजना बना रहे हैं, जिसमें भारत एक महत्वपूर्ण भागीदार हो सकता है। उन्होंने आगे कहा कि हमारा लक्ष्य भारत के साथ व्यापार संबंधों को सुधारना है, जिससे व्यापार घाटा कम हो और निष्पक्ष व्यापार संबंध बने। मोदी और ट्रंप क्वाड साझेदारी को मजबूत करने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति व स्थिरता को बढ़ावा देने पर भी चर्चा करेंगे।
रक्षा साझेदारी को मिलेगी मजबूती
अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि भारत अमेरिका का पहला प्रमुख रक्षा भागीदार था और इस साझेदारी को और मजबूत करने के लिए नए रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर की दिशा में काम चल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत के साथ नए रक्षा सौदों को लेकर चर्चा जारी है और यह सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है।
टैरिफ विवाद
अमेरिका के भारत के साथ व्यापार घाटे को कम करने की प्राथमिकता पर जोर देते हुए अधिकारी ने कहा कि भारत के शुरुआती संकेत सकारात्मक हैं, हालांकि अभी और काम किया जाना बाकी है। उम्मीद है कि इस वर्ष के अंत तक निष्पक्ष द्विपक्षीय व्यापार समझौता पूरा हो जाएगा।
चीन नीति और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की भूमिका
चीन के संदर्भ में भारत की भूमिका पर बोलते हुए अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप 2020 में भारत-चीन सीमा संकट के दौरान भारत के साथ खड़े रहे। यह सहयोग भविष्य में भी जारी रहेगा। भारत हिंद-प्रशांत रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और अमेरिका इसे अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति का अभिन्न अंग मानता है।
यूक्रेन संकट पर भारत की भूमिका
यूक्रेन संकट को लेकर अधिकारी ने कहा कि भारत के पास कई कूटनीतिक संबंध हैं और अमेरिका यूरोप में शांति स्थापित करने के लिए भारत के साथ बातचीत का स्वागत करता है।
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