बलूचों के हमले से थर्राया पाकिस्तान तो चीन और ईरान तक हलचल, शहबाज शरीफ की एक चिंता
- पंजाब में एक के बाद एक हमलों से प्रांत में खौफ का माहौल है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि यह दुश्मनों की साजिश है और यह हमला पाकिस्तान चीन आर्थिक कॉरिडोर में रुकावट डालने के उद्देश्य से किया गया है।
पाकिस्तान में प्रतिबंधित बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) से जुड़े दर्जनों आतंकवादियों ने रविवार आधी रात को बलूचिस्तान में एक के बाद हमले किए। इससे प्रांत थर्रा उठा है। प्रांत में उग्रवादियों ने पुलिस थानों पर धावा बोला, रेलवे ट्रैक उड़ा दिए और करीब तीन दर्जन वाहनों में आग लगा दी जिसमें 14 सुरक्षाकर्मियों समेत कम से कम 50 लोगों की जान चली गई। अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। इस्लामाबाद में कैबिनेट की बैठक में पीएम शहबाज ने कहा है कि देश के दुश्मनों की पहचान करने की जरूरत है और देशवासियों से एकता दिखाने की अपील की है। बैठक के दौरान शहबाज शरीफ ने जोर देकर कहा, "हमें मजबूती से आगे बढ़ना होगा। किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी।"
प्रधानमंत्री ने कैबिनेट बैठक में कहा, "बलूचिस्तान में कल हुई हालिया घटनाओं की जितनी भी निंदा की जाए कम है।" उन्होंने कहा, "इस आतंकवाद को खत्म करने का समय आ गया है।" उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में आतंकवादी घटनाओं में दर्जनों पाकिस्तानी मारे गए हैं जो इस बात का सबूत है कि देश आतंकवाद की एक नई लहर का सामना कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि आतंकवादी गलत सोच रहे हैं कि वे निर्दोष पाकिस्तानियों को शहीद करके अपनी पकड़ मजबूत कर सकते हैं।
हमलों का उद्देश्य पाकिस्तान के विकास को रोकना- शहबाज
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के तहत चल रही परियोजनाओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "उनके नापाक इरादों का एकमात्र उद्देश्य पाकिस्तान के विकास को रोकना है।" उन्होंने आगे कहा कि आतंकवादी पाकिस्तान और चीन के बीच दूरी पैदा करना चाहते थे। उन्होंने आगे कहा कि सरकार दूसरे खर्चों में कटौती की कीमत पर भी सुरक्षा बलों को मदद मुहैया कराएगी। बलूचिस्तान में आतंकवादी के प्रति सरकार के दृष्टिकोण के बारे में बोलते हुए प्रधानमंत्री शहबाज ने कहा कि “पाकिस्तान के संविधान और झंडे को स्वीकार करने वालों” के साथ बातचीत की जा सकती है लेकिन आतंकवादियों और दुश्मनों के साथ नहीं।
आईडी कार्ड चेक कर उतारा मौत के घाट
इससे पहले पंजाब की सीमा पर स्थित मुसाखाइल जिले में आतंकवादियों ने आईडी कार्ड की जांच करने के बाद 23 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। आतंकवादियों के एक समूह ने स्थानीय पुलिस थाने पर धावा बोला और लेवी अधिकारियों को कई घंटों तक बंधक बनाए रखा। कलात में आतंकवादियों ने एक लेवी स्टेशन, दो होटलों और एक आदिवासी बुजुर्ग के घर पर हमला किया। गोलीबारी में चार लेवी अधिकारियों और एक पुलिस उपनिरीक्षक सहित 11 लोगों की जान चली गई। वहीं बोलन के कोलपुर इलाके में छह शव बरामद किए गए जिनके बारे में सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि उन्हें भी आतंकवादियों ने गोली मार दी थी। सशस्त्र बलों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने 21 आतंकवादियों को मार गिराया। बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती और गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने प्रांत में आतंकवाद को कुचलने की कसम खाई है।
चीन, ईरान ने हमलों की निंदा की
इस बीच मंगलवार को चीन और ईरान ने आतंकी हमलों की निंदा की है। चीन बलूचिस्तान में CPEC परियोजनाओं पर काम कर रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने एक नियमित न्यूज ब्रीफिंग के दौरान कहा, “क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को संयुक्त रूप से बनाए रखने के लिए चीन पाकिस्तान के साथ आतंकवाद विरोधी सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए तैयार है।” बीजिंग ने पहले भी पाकिस्तान खासकर बलूचिस्तान में परियोजनाओं पर काम कर रहे अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। मार्च में खैबर पख्तूनख्वा के बिशाम तहसील में एक बांध परियोजना पर काम कर रहे छह चीनी इंजीनियरों की हत्या कर दी गई थी। चीन द्वारा संचालित बलूचिस्तान के गहरे पानी वाले बंदरगाह ग्वादर को आतंकवादियों ने लगातार निशाना बनाया है। सीपीईसी जिसके लिए 65 बिलियन डॉलर की विकास प्रतिबद्धताएं बताई गई हैं, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बेल्ट एंड रोड पहल का हिस्सा है।
ईरान ने भी मुसाखाइल और कलात में हुए हमलों की कड़ी निंदा की है। एक बयान में ईरानी दूतावास ने निर्दोष लोगों की मौत पर दुख जताया। बयान में कहा गया, "हम इन कायरतापूर्ण आतंकवादी हमलों की निंदा करते हैं और इस कठिन समय में पाकिस्तान के लोगों और सरकार के साथ खड़े हैं। ईश्वर शहीदों की आत्मा को शांति दे।" वहीं यूरोपीय आयोग की प्रवक्ता नबीला मासराली ने कहा है कि यूरोपीय संघ ने भी हमले की निंदा की है।
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