कारतूसों के बिना तैनात थे सैनिक, इमरान खान के समर्थकों की हत्या के दावे पर पाकिस्तान सरकार
- पाकिस्तानी गृह मंत्री ने विरोध प्रदर्शन के संबंध में एक विस्तृत बयान जारी किया। इसमें पीटीआई की ओर से अपने कार्यकर्ताओं की हत्याओं के दावे को खारिज किया गया है।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों ने पिछले हफ्ते हिंसक विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान सुरक्षा बलों की ओर से हत्याओं के आरोपों को गृह मंत्रालय ने रविवार को खारिज कर दिया। कहा गया कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाकर्मियों को बिना कारतूस तैनात किया गया था। इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने 24 नवंबर को इस्लामाबाद में सत्ता के केंद्र डी-चौक पर धरना देने के लिए विरोध प्रदर्शन शुरू किया था। पार्टी ने दावा किया कि मंगलवार रात सुरक्षा बलों की गोलीबारी के कारण उसके कई समर्थक मारे गए।
गृह मंत्री ने विरोध प्रदर्शन के संबंध में एक विस्तृत बयान जारी किया। इसमें पीटीआई की ओर से अपने कार्यकर्ताओं की हत्याओं के दावे को खारिज किया गया है। इसमें कहा गया, ‘पुलिस और रेंजर्स वाली एलईए (कानून प्रवर्तन एजेंसियां) को इस हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बिना कारतूसों के तैनात किया गया। सेना न तो इन उपद्रवियों के साथ सीधे टकराव में आई और न ही दंगा नियंत्रण के लिए उसकी सेवा ली गई।’
दूसरी ओर, पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधक अदालत ने प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए पीटीआई के 156 कार्यकर्ताओं की पुलिस रिमांड को मंजूरी दे दी है। टीआई के कार्यकर्ताओं को 24 नवंबर को डी-चौक पर धरना प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किया गया था और उनके खिलाफ सचिवालय पुलिस थाने में मामले दर्ज किए गए हैं। पार्टी के सदस्यों ने अवरोधकों को हटाकर इस्लामाबाद पहुंचने का प्रयास किया, जहां मध्य रात्रि को की गई कार्रवाई में चार लोगों की मौत हो गई थी और 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे। आतंकवाद निरोधक अदालत ने गिरफ्तार किए गए 139 कार्यकर्ताओं की चार दिन की हिरासत को मंजूरी दे दी। साथ ही, 17 अन्य को चार दिन की अतिरिक्त हिरासत प्रदान की।
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