Hindi Newsविदेश न्यूज़Pakistan Former Prime Minister Imran Khan applied for acquittal in corruption case

पाकिस्तान के पूर्व PM इमरान खान को मिलेगी राहत? भ्रष्टाचार केस में बरी करने की दी अर्जी

  • 71 वर्षीय पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) कानूनों में संशोधन को चुनौती दी थी, जिसे पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेतृत्व वाली तत्कालीन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) सरकार ने 2022 में पेश किया था।

Madan Tiwari लाइव हिन्दुस्तानSun, 8 Sep 2024 03:54 PM
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जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने जवाबदेही अदालत में एक अर्जी देकर 19 करोड़ पौंड के भ्रष्टचार मामले में आरोप मुक्त करने की अपील है। खान ने अपनी याचिका में भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों में संशोधन का हवाला दिया है जिसकी उन्होंने पहले कड़ी आलोचना की थी। पाकिस्तान की मीडिया में रविवार को प्रकाशित खबरों से यह जानकारी मिली है।

डॉन अखबार में छपी खबर के मुताबिक 71 वर्षीय पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) कानूनों में संशोधन को चुनौती दी थी, जिसे पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेतृत्व वाली तत्कालीन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) सरकार ने 2022 में पेश किया था। खान पिछले साल अगस्त से ही कारागार में हैं।

पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल 15 सितंबर को एनएबी कानून में संशोधन को खारिज कर दिया था। हालांकि, शुक्रवार को पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा की अगुवाई वाली शीर्ष अदालत की पीठ ने सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए कानून में किए गए संशोधनों को बहाल कर दिया।

संशोधनों के जरिये एनएबी कानूनों में कई बदलाव किए, जिनमें एनएबी अध्यक्ष और महाभियोजक का कार्यकाल घटाकर तीन वर्ष करना, ब्यूरो के अधिकार क्षेत्र को 50 करोड़ पाकिस्तानी रुपये से अधिक के मामलों तक सीमित करना तथा सभी लंबित पूछताछ, जांच और मुकदमों को संबंधित प्राधिकारियों को हस्तांतरित करना शामिल है।

क्रिकेट से राजनीति में आए खान की कानूनी टीम ने शनिवार को अपने आवेदन में कहा कि संशोधित कानून संघीय मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए निर्णयों को संरक्षित करता है। इसमें कहा गया कि एनएबी ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के इशारे पर उनके मुवक्किल के साथ-साथ अन्य आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी।

खान की ओर से दाखिल आवेदन में कहा गया कि एनएबी जानती थी कि उनका मामला राष्ट्रीय जवाबदेही अध्यादेश, 1999 के दायरे में नहीं आता है, लेकिन उसने अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन किया तथा एक झूठा मुकदमा दर्ज किया। एनएबी ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में खान ने तीन दिसंबर, 2019 को मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता की, जिसके दौरान गोपनीय समझौते को मंजूरी दी गई।

आवेदन के मुताबिक ब्यूरो ने खान पर मंजूरी देने के दौरान अपने अधिकार का दुरुपयोग करने और बदले में अल-कादिर विश्वविद्यालय परियोजना ट्रस्ट के लिए दान की आड़ में सोहावा तहसील में लगभग 458 कनाल भूमि, 28.5 करोड़ पाकिस्तानी रुपये और अन्य लाभ लेने का आरोप लगाया है। खान की कानूनी टीम ने 2022 में एनएओ कानून में संशोधन का हवाला देते हुए दावा किया कि संशोधित कानून मंत्रिमंडल में लिए गए निर्णयों की मुकदमे से सुरक्षा प्रदान करता है।

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