Hindi Newsविदेश न्यूज़Nobel Peace Prize 2024 awarded to Japanese NGO Nihon Hidankyo world free of nuclear weapons

जापान की इस NGO को मिला 2024 का नोबेल शांति पुरस्कार, ‘परमाणु हथियारों से मुक्त दुनिया’ पर कर रही काम

  • Nobel Peace Prize 2024: निहोन हिदानक्यो परमाणु बम हमलों के जीवित बचे लोगों (हिबाकुशा) का संगठन है। यह दशकों से दुनिया को परमाणु हथियारों के खतरों से अवगत कराने के प्रयास में जुटा है।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, ओस्लोFri, 11 Oct 2024 05:17 PM
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Nobel Peace Prize 2024: जापानी संगठन निहोन हिदानक्यो (Nihon Hidankyo) को 2024 का नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया है। यह एनजीओ ‘परमाणु हथियारों से मुक्त दुनिया’ पर काम कर रही है। नॉर्वेजियन नोबेल समिति के अनुसार, यह संगठन “परमाणु हथियारों से मुक्त दुनिया बनाने के लिए प्रयास कर रहा है और गवाहों के माध्यम से यह दिखा रहा है कि परमाणु हथियारों का फिर कभी इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।”

निहोन हिदानक्यो परमाणु बम हमलों के जीवित बचे लोगों (हिबाकुशा) का संगठन है। यह दशकों से दुनिया को परमाणु हथियारों के खतरों से अवगत कराने के प्रयास में जुटा है। हिबाकुशा उन भयानक अनुभवों को साझा करते रहे हैं, जब द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर अमेरिका द्वारा परमाणु बम गिराए गए थे।

नॉर्वे नोबेल समिति के अध्यक्ष जॉर्गन वात्ने फ्रिदनेस ने शुक्रवार को जापानी संगठन को पुरस्कार देने की घोषणा करते हुए कहा कि “परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर रोक को लेकर बनी सहमति पर दबाव है” और इसलिए इस संगठन को पुरस्कार दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नोबेल समिति ‘‘उन सभी जीवित बचे लोगों को सम्मानित करना चाहती है, जिन्होंने शारीरिक पीड़ा और दर्दनाक यादों के बावजूद, शांति के लिए आशा तथा जुड़ाव पैदा करने के वास्ते अपने अनुभवों का उपयोग करने का विकल्प चुना है।’’

परमाणु हथियारों को खत्म करने के प्रयासों को नोबेल समिति द्वारा पहले भी सम्मानित किया जा चुका है। ‘इंटरनेशनल कैंपेन टू एबॉलिश न्यूक्लियर वेपन्स’ को 2017 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया और 1995 में जोसेफ रोटब्लाट और विज्ञान तथा विश्व मामलों पर पगवाश सम्मेलनों को ‘अंतरराष्ट्रीय राजनीति में परमाणु हथियारों की भूमिका को कम करने और लंबे समय में ऐसे हथियारों को खत्म करने के उनके प्रयासों’ के लिए प्रदान किया गया था। पिछले साल ईरान में महिला अधिकारों, लोकतंत्र और मृत्युदंड के खिलाफ वर्षों से संघर्ष कर रहीं और जेल में बंद कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

इस वर्ष के नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा ऐसे समय में की गई है, जब दुनिया के अनेक हिस्सों में, खासकर पश्चिम एशिया, यूक्रेन और सूडान में विनाशकारी संघर्ष की स्थिति है। पुरस्कार के संस्थापक अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी वसीयत में कहा था कि यह पुरस्कार ‘‘राष्ट्रों के बीच भाईचारे के लिए, तैनात सेनाओं को हटाने या कम करने तथा शांति सम्मेलनों के आयोजन और संवर्धन के लिए अधिक कार्य या सर्वश्रेष्ठ कार्य करने के वास्ते’’ दिया जाना चाहिए।

पिछले एक साल से दुनिया के कुछ हिस्सों में जारी संघर्ष के बीच इस तरह की अटकलें थीं कि नॉर्वे नोबेल समिति इस साल पुरस्कार की घोषणा नहीं करेगी। गौरतलब है कि नोबेल पुरस्कारों में चिकित्सा, भौतिकी और रसायन विज्ञान के पुरस्कारों में वैज्ञानिकों के कार्य के प्रकाशन के कई वर्षों बाद सम्मानित किया जाता है ताकि उनके शोध के प्रभाव को पूरी तरह से मापा जा सके। इसके विपरीत, कई बार शांति पुरस्कार राजनेताओं और विश्व नेताओं को जल्द ही प्रदान कर दिया जाता है, जिसके चलते यह आलोचनाओं का कारण बनता रहा है।

नोबेल पुरस्कार क्या है?

नोबेल पुरस्कार दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित और सम्मानित पुरस्कारों में से एक है, जिसे हर साल उन व्यक्तियों या संगठनों को दिया जाता है जिन्होंने मानवता के लाभ के लिए उल्लेखनीय कार्य किए हैं। यह पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक, अविष्कारक और डायनामाइट के आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के अनुसार 1901 से प्रदान किए जा रहे हैं।

नोबेल पुरस्कार छह क्षेत्रों में दिए जाते हैं:

भौतिकी (Physics)

रसायन विज्ञान (Chemistry)

चिकित्सा (Medicine)

साहित्य (Literature)

शांति (Peace)

अर्थशास्त्र (Economics) - यह पुरस्कार 1969 से प्रदान किया जा रहा है और इसे अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के बाद जोड़ा गया था, इसे स्वीडिश सेंट्रल बैंक द्वारा स्थापित किया गया था।

नोबेल पुरस्कार विजेताओं को एक पदक, एक प्रमाण पत्र और एक निश्चित राशि की नकद धनराशि दी जाती है। यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने अपने संबंधित क्षेत्रों में असाधारण योगदान दिया हो और मानवता के कल्याण के लिए काम किया हो। हर साल, नोबेल पुरस्कार स्टॉकहोम, स्वीडन में दिए जाते हैं, जबकि शांति पुरस्कार ओस्लो, नॉर्वे में प्रदान किया जाता है।

(इनपुट एजेंसी)

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