पाकिस्तान में बढ़ रहा है ‘मॉनसून दुल्हन’ का चलन, पैसे लेकर लड़कियां बेच रहे माँ-बाप
- पाकिस्तान में 2022 के बाद से बाल विवाहों के मामलों में तेजी देखने को मिली है। मानवाधिकार कार्यकर्ताओ ने चेतावनी दी है कि बदलती जलवायु में आर्थिक सुरक्षा न होने के कारण अब छोटी लड़कियों की जल्दी शादी करने का चलन बढ़ रहा है।
पाकिस्तान में हर साल आने वाली बाढ़ के कारण लोगों के हाल इतने खराब हो चुके हैं माँ- बाप पैसों के बदले अपनी छोटी लड़कियों की शादी अधेड़ उम्र के लोगों के साथ करा रहे हैं। हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आए थे, जिनमें 13 -14 साल की लड़कियों की शादी उनसे उम्र में कई साल बड़े लोगों से करा दी गई है। बाल विवाह रोकने के लिए धार्मिक विद्वानों के साथ काम करने वाले एनजीओ सुजाग संसार के माशूक बिरहमनी के अनुसार, लगभग हर साल आने वाली बाढ़ के कारण माँ- बाप ने अपने बच्चों की सुरक्षा और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए यह करना शुरू कर दिया है इसके कारण "मानसून दुल्हन" का यह नया चलन शुरू हुआ है।
पाकिस्तान में फिर क्यों बढ़ने लगे बाल विवाह, क्या है वजह
पाकिस्तान में हाल के वर्षों में बाल विवाहों की दर में कमी आ रही थी, लेकिन 2022 की बाढ़ के बाद मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि जलवायु से बढ़ती असुरक्षा के कारण अब बाल विवाहों की संख्या बढ़ी है। दरअसल, पाकिस्तान में जुलाई और सितंबर के बीच में जो मानसून आता है वह किसानों और फसलों के लिए जरूरी होता है। पिछले कुछ सालों से जलवायु परिवर्तन के कारण यह इस मानसून का समय लगातार बढ़ता ही गया है। इसके कारण यहां पर बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बना ही रहता है इसके साथ ही फसलों को भी भयंकर हानि का सामना करना पड़ता है।
2022 में पाकिस्तान के सिंध क्षेत्र ने बाढ़ का प्रकोप क्षेला था, इस बाढ़ से यह क्षेत्र आज तक उबर नहीं पाया है। इस बाढ़ में पूरे पाकिस्तान का एक तिहाई हिस्सा डूब गया था। लाखों लोग विस्थापित हो गए थे और फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई थीं। सिंध की अधिकतर आबादी कृषि पर ही आधारित है।
2022 के बाद गरीबी ने और खराब हो गए हालात
बिरहमनी ने कहा कि 2022 की बाढ़ के बाद से दादू जिसे के गांवों में बाल विवाह बढ़ गया है, यह इलाका सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित रहा है, यह महीनों तक झील जैसा दिखता रहा था। एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार ऐसे ही एक मामले में जब उसी गांव की एक 65 वर्षीय महिला से इस बाल विवाह के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि 2022 की बारिश और बाढ़ से पहले हमारे इलाके में लड़कियों की शादी इतनी कम उम्र में करने की जरूरत नहीं थी। वे खेतों में काम करती थीं, लकड़ी के बिस्तरों के लिए रस्सी बनाती थीं, पुरुष मछली पकड़ने और खेती में व्यस्त रहते थे, लेकिन बाढ़ के बाद सब कुछ बदल गया यहां अब पेट भरने लायक अनाज भी नहीं उगता है। लड़की के माँ- बाप के अनुसार, उन्होंने अपनी बेटियों को गरीबी से बचाने के लिए ऐसा किया है। हमनें इसके लिए पैसे भी लिए हैं, जिससे हमारी जिंदगी भी सही से चल सके।
लड़कियों की जिन व्यक्तियों से शादी की गई है उनके परिवार के अनुसार उन्होंने युवा दुल्हन के माता पिता को करीब 2 लाख पाकिस्तानी रुपए दिए हैं। इसके बाद ही उनकी शादी हुई है। पाकिस्तान के इस क्षेत्र में जहां गरीबी अपने चरम पर है वहां पर दो हजार रुपए बहुत बड़ी रकम है।
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