भारत से पंगा ले बुरा फंसा मालदीव, डॉलर के लेनदेन पर लगाने पड़े प्रतिबंध
- भारत के खिलाफ ‘आउट इंडिया’ अभियान चलाने के बाद मालदीव की सरकार बुरी तरह फंस गई है। मालदीव में आर्थिक संकट इस कदर बढ़ा है कि उसे डॉलर विनिमय को सीमित करना पड़ गया।
डॉलर संकट से जूझ रहे मालदीव ने एक नया विदेशी मुद्रा विनियमन लागू किया है। इसके तहत विदेशी मुद्रा में लेन-देन के प्रकार को सीमित किया गया है और पर्यटन प्रतिष्ठानों और बैंकों पर अनिवार्य विदेशी मुद्रा विनिमय नियंत्रण लगाया गया है। पिछले साल राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के ‘इंडिया आउट’ अभियान के जवाब में भारतीय पर्यटकों से इस खूबसूरत द्वीपीय देश से दूर रहने के आह्वान के बाद मालदीव की अर्थव्यवस्था को झटका लगा है।
पिछले महीने मालदीव इस्लामिक बॉन्ड भुगतान में संभावित चूक से बच गया, क्योंकि भारत ने उसे पांच करोड़ डॉलर का ब्याज मुक्त ऋण दिया था।
विदेशी मुद्रा भंडार के आयात बिल से मेल न खाने के कारण, मालदीव के केंद्रीय बैंक मालदीव मौद्रिक प्राधिकरण (एमएमए) ने एक अक्टूबर को एक नया विनियमन पेश किया, जिसके तहत पर्यटन उद्योग द्वारा उत्पन्न सभी विदेशी मुद्रा आय को स्थानीय बैंकों में जमा करना आवश्यक होगा।
अगस्त में मालदीव में डॉलर की कमी के कारण सख्त डॉलर सीमा लागू करने वाले एमएमए ने स्थानीय धिवेही भाषा में नए नियम प्रकाशित किए। विदेशी मुद्रा विनियमन (विनियमन संख्या: 2024/आर-91) के अनुसार, मालदीव के भीतर सभी लेन-देन मालदीवियन रूफिया (एमवीआर) में किए जाने चाहिए, सिवाय उन लेन-देन के जिन्हें स्पष्ट रूप से विदेशी मुद्रा में अनुमति दी गई है।
एमएमए द्वारा जारी नए विनियमन और एफएक्यू के अनुसार, इसमें यह भी प्रावधान है कि वस्तुओं और सेवाओं, कार्यों के मूल्य, शुल्क, प्रभार, किराया और मजदूरी का भुगतान स्थानीय मुद्रा में किया जाएगा तथा इन लेनदेन के लिए विदेशी मुद्रा में बिल जारी करने पर रोक लगाई गई है। छूट प्राप्त लेन-देन में निर्यात, अंतरराष्ट्रीय लेन-देन, धनप्रेषण सेवा प्रदाताओं के लिए भुगतान तथा वे लेन-देन शामिल हैं, जिनका निपटान कानूनी रूप से अमेरिकी डॉलर में करना अनिवार्य है।
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