किंग चार्ल्स के राज्याभिषेक खर्च पर भड़के लोग, बोले- पानी की तरह बहाया टैक्स पेयर्स का पैसा
- King Charles coronation expenses: दशकों तक ब्रिटेन की महारानी रही एलिजाबेथ की 2023 में मृत्यु हो गई थी। इसके बाद उनके बेटे किंग चार्ल्स को गद्दी पर बैठाया गया था। ब्रिटेन के राजा के तौर पर उनकी औपचारिक ताजपोशी के कार्यक्रम में दुनियाभर के जाने-माने लोगों ने भाग लिया।
किंग चार्ल्स के राज्याभिषेक में करीब 90.7 मिलियन डॉलर के खर्चे का बिल सामने आने पर बवाल शुरू हो गया है। ब्रिटेन में राजाशाही का विरोध करने वाले लोगों ने इस बेहिसाब खर्च को लेकर सवाल उठाए हैं। पिछले साल हुए इस कार्यक्रम सवाल उठाते हुए लोगों ने कहा कि अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर संघर्ष कर रहे ब्रिटेन के लिए यह एक बोझ के समान था। इस बेमतलब के समारोह में इंग्लिश टैक्सपेयर्स के 90 मिलियन डॉलर को पानी की तरह बहा दिया गया।
सरकारी विभाग द्वारा जारी किए गए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, संस्कृति, मीडिया और खेल विभाग ने इस कार्यक्रम में जमकर पैसा लगाया। इन विभागों ने मिलकर करीब 50 मिलियन पाउंड का खर्चा किया। वहीं दूसरी ओर ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने भी सालों में एक बार होने वाली इस शाही घटना की निगरानी पर कुल 21.7 मिलियन पाउंड का खर्चा किया।
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ की 2023 में मृत्यु के बाद उनके बेटे किंग चार्ल्स को गद्दी पर बैठाया गया था। ब्रिटेन के राजा के तौर पर उनकी औपचारिक ताजपोशी के कार्यक्रम में दुनियाभर के जाने-माने लोगों ने भाग लिय़ा था। ताजपोशी के बाद अगली ही रात विंडसर महल में एक म्यूजिक कॉन्सर्ट भी रखा गया था। इस पूरे कार्यक्रम में जमकर शानो-शौकत का प्रदर्शन किया गया।
इसी खर्चे को लेकर लोग ब्रिटेन के शाही परिवार का विरोध कर रहे हैं। विरोधकर्ताओं का कहना है कि हमारा देश अभी महामारी के दौर से निकला है। हमारी सरकार लगातार आर्थिक मोर्चे पर संघर्ष कर रही है। लेकिन इसके बाद भी ऐसे कठिन समय में यह बेमतलब का खर्च किया जा रहा था। राजाशाही के विरोध में संगठन चलाने वाले ग्राहम स्मिथ ने सीएनएन से कहा कि जब ब्रिटेन में बच्चे स्कूल नहीं जा पर रहे हैं तो ऐसे समय में किस लोकतंत्र में शाही परिवार के ऊपर इतना पैसा खर्च किया जा सकता है। यह बहुत गलत है।
राजशाही का विरोध करने वाले लोगों ने शाही परिवार को मिलने वाले लाभों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में राजा को जो रियायतें और लाभ दिए जाते हैं वह बहुत ज्यादा है। यूरोप में और भी देश हैं जो राजाशाही मानते हैं लेकिन वह अपने राजाओं और शाही परिवारों को ब्रिटेन के बराबर लाभ नहीं देते।
ब्रिटेन के शाही परिवार को हाल ही में अपनी संपत्तियों को लेकर सवालों का सामना करना पड़ा था। परिवार के ऊपर आरोप लगा था कि वह सरकार से करों में छूट लेकर सार्वजनिक व्यापार से धन कमा रहे हैं।
शाही परिवार के साथ काम करने वाले एक प्रमुख सरकारी विभाग ने राज्याभिषेक के बारे बयान जारी करते हुए लिखा कि किंग चार्ल्स के राज्याभिषेक के कार्यक्रम को सफलता पूर्वक पूरा गया था। इस कार्यक्रम में ब्रिटेन समेत दुनियाभर के कई लाखों लोगों ने देखा था। यह पीढ़ी में एक बार होने वाला क्षण है इसलिए इसे यादगार बनाना जरूरी है। इस कार्यक्रम की भव्यता को बढ़ाने के लिए सोने की गाड़ी का जुलूस निकाला गया और राजाशाही के आभूषणों का प्रदर्शन किया गया।
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