कैसे मुसलमानों का विरोध बिगाड़ रहा कमला हैरिस का खेल, इजरायल से क्या है कनेक्शन
- डेमोक्रेटिक पार्टी के इस हाल के लिए मुस्लिम वोटों को भी वजह माना जा रहा है। मिशिगन प्रांत में बड़ी संख्या में मध्य पूर्व और उत्तर अफ्रीकी लोग रहते हैं, जिन्हें MENA वंशी कहा जाता है। इन लोगों में करीब 2 लाख अमेरिकी मुस्लिम वोटर शामिल हैं। इन लोगों ने पिछले दिनों आंदोलन किया था।
अमेरिका की राजनीति में मिशिगन प्रांत को अहम माना जाता है। आमतौर पर मिशिगन में डेमोक्रेटिक पार्टी को ही समर्थन मिलता रहा है, लेकिन इस बार तस्वीर उलट है। अब तक के नतीजों में डोनाल्ड ट्रंप आगे चल रहे हैं, जबकि कमला हैरिस पीछे हैं। अब तक जो वोटों की गिनती हुई है, उसके अनुसार डोनाल्ड ट्रंप को 52.3 फीसदी वोट मिले हैं, जबकि कमला हैरिस को करीब 46 फीसदी वोट मिले हैं। रिपब्लिकन पार्टी के लीडर डोनाल्ड ट्रंप को 17,31,128 मत अब तक मिले हैं, वहीं कमला हैरिस के खाते में 15,21,081 वोट ही मिल पाए हैं। इस तरह डेमोक्रेटिक पार्टी अपना एक गढ़ खो सकती है।
डेमोक्रेटिक पार्टी के इस हाल के लिए मुस्लिम वोटों को भी वजह माना जा रहा है। मिशिगन प्रांत में बड़ी संख्या में मध्य पूर्व और उत्तर अफ्रीकी लोग रहते हैं, जिन्हें MENA वंशी कहा जाता है। इन लोगों में करीब 2 लाख अमेरिकी मुस्लिम वोटर शामिल हैं। इन लोगों ने पिछले दिनों आंदोलन किया था और डेमोक्रेटिक पार्टी का विरोध किया था। इनका कहना था कि जो बाइडेन गाजा में सीजफायर नहीं करा पाए और वह इजरायल को बढ़ावा दे रहे हैं। एशिया, अफ्रीका और ब्लैक अमेरिकी इन मुसलमानों ने कहा था कि यही हाल रहा तो हम चुनाव में पार्टी का समर्थन नहीं करेंगे। हैरिस को उम्मीदवार बनाने के बाद भी इन लोगों ने कहा था कि हम साथ नहीं देंगे।
ऐसे में जो नतीजे आ रहे हैं, उसे देखकर लगता है कि इसका ही नुकसान कमला हैरिस को हुआ है। इन मुसलमानों ने सड़कों पर उतरकर विरोध जताया था। उनका कहना था कि बाइडेन प्रशासन मुसलमानों का नरसंहार रोकने में असफल रहा है। इसलिए हम डेमोक्रेट्स का समर्थन नहीं करेंगे। वहीं डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव प्रचार में कहा था कि वह जंग के पक्ष में नहीं हैं और उसे रुकवाएंगे। माना जा रहा है कि उनके इस वादे के चलते मुस्लिमों का वोट कुछ हद तक रिपब्लिकन्स को गया है। मुस्लिम नेताओं में भी सीधे तौर पर बंटी हुई राय थी। हर बार की तरह डेमोक्रेट्स को खुलकर समर्थन नहीं था।
पहले से ही इस बात के कयास लह रहे थे कि भारतीय-अमेरिकी, मुसलमान और अफ्रीकी अमेरिकी इस बार मिशिगन में रिपब्लिकन्स का समर्थन कर सकते हैं। इसके चलते ही शायद डोनाल्ड ट्रंप फायदे में दिख रहे हैं। मिशिगन अमेरिका के उन 7 राज्यों में से एक है, जहां टाइट फाइट है। यहां के नतीजे पूरे चुनाव की तस्वीर ही बदलने का दम रखते हैं। मिशिगन में इलेक्टोरल कॉलेज की संख्या 15 है।
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