अब तो मुझे चलना भी याद नहीं...सुनीता विलियम्स के लिए कम खतरनाक नहीं है धरती पर लौटना
- नासा ने कहा है कि 16 मार्च तक सुनीती विलियम्स और उनके साथ ऐस्ट्रोनॉट विलमोर धरती पर वापस आ सकते हैं। हालांकि धरती पर आने के बाद भी खुद को ढालना कोई आसान काम नहीं है।

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में बीते करीब 9 महीने से फंसी सुनीती विलियम्स और बेरी विलमोर के लौटने का समय नजदीक आ रहा है। बोइंग के स्टारलाइनर से दोनों अंतरिक्षयात्री केवल 10 दिनों के टूर पर गए थे। हालांकि उनके यान में खराबी आ जाने की वजह से वे अब तक लौट ही नहीं पाए। अब शुक्रवार को NASA ने कहा है कि अगले सप्ताह ही स्पेसएक्स ड्रैगन लॉन्च किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि सुनीता विलियम्स और विलमोर 16 मार्च तक धरती पर लौट आएंगे। हालांकि सुनीता विलियम्स का कहना है कि इतने दिन अंतरिक्ष में बिताने के बाद अब उनके लिए धरती पर अजस्ट करना भी कोई आसान काम नहीं है। धरती पर चलना उनके लिए कांटों पर चलने के जैसा है। उन्होंने कहा, अब तो मैं चलना भी भूल गई हूं।
अंतरिक्ष स्टेशन में गुरुत्वाकर्षण ना होने की वजह से उन्हें चलना नहीं पड़ता। अंतरिक्ष में रहना धरती पर रहने से बहुत अलग हैं। इतने लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने के बाद उनके अंदर कई बदलाव भी आ चुके हैं। अंतरिक्ष से लौटने के बाद धरती की ग्रेविटी के हिसाब से खुद को ढालना भी आसान नहीं है। वहीं अंतरिक्ष से कई वायरस और बैक्टीरिया के भी आने का खतरा बना रहता है।
धऱती पर लौटने के बाद भी सुनीता विलियम्स घर नहीं जा पाएंगे। पहले उनके टेस्ट किए जाएंगे और फिर जरूरी इलाज किया जाएगा। डॉक्टरों का कहना है कि अंतरिक्ष से वापस आने के बाद ऐसा लगता है कि उनके शरीर में ताकत नहीं रहती है। ऐसे में ग्रेविटी में फिर से ताकत हासिल करने में डेढ़ महीने का समय लग स कता है। फिर से सारे टेस्ट करने के बाद ही उन्हें घऱ जाने की अनुमति दी जा सकती है।
बीमारियों का भी होता है खतरा
जानकारों का कहना है कि अंतरिक्षयात्रियों को कई तरह की गंभीर बीमारियों का भी खतरा रहता है। तेज ब्रह्मंडीय विकिरण की वजह से कई बार अंतरिक्षयात्रियों के शरीर के गहराई तक प्रभाव पड़ता है जो कि कैंसर का कारण भी बन सकता है। जिस तरह से अंतरिक्ष में जाने के बाद सुनीता विलियम्स को कुछ दिनों तक शरीर को ढालने में परेशानी का सामना करना पड़ा था, वही दिक्कत धरती पर लौटने के बाद भी होने वाली है। अंतरिक्ष में हार्ट और लंग्स को भी मेहनत कम पड़ती है। ऐसे में धरती पर लौटने के बाद उन्हें एक खास वातावरण दिया जाएगा जिसमें वह धऱती के अनुकूल खुद को बना सकें।
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