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इटली की मेलोनी सरकार ने पाकिस्तानी इमाम को देश से निकाला, हमास को बता रहा था 'धरती का रक्षक'

  • प्रशासनिक आदेश में कहा गया है कि पाकिस्तानी इमाम जुल्फिकार खान का व्यवहार 2023 के अंत से कट्टरपंथी और उग्रता की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा था।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, रोमWed, 9 Oct 2024 08:46 PM
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इटली ने 8 अक्टूबर 2024 को बोलोग्ना स्थित 54 वर्षीय पाकिस्तानी इमाम जुल्फिकार खान को देश से निर्वासित करने का आदेश जारी किया है। जुल्फिकार खान 1995 से इटली में रह रहा था और अब जॉर्जिया मेलोनी सरकार ने उसका निवास परमिट रद्द कर दिया है। प्रशासनिक आदेश में कहा गया है कि पाकिस्तानी नागरिक जुल्फिकार खान का व्यवहार 2023 के अंत से कट्टरपंथी और उग्रता की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा था। खासकर उसकी बयानबाजी में पश्चिमी देशों, यहूदियों, समलैंगिकों और नारीवाद के प्रति कठोर और भड़काऊ टिप्पणियां शामिल रहीं।

कथित तौर पर, खान ने अपने एक उपदेश के दौरान मुसलमानों को सरकार द्वारा लगाए गए करों का विरोध करने के लिए उकसाया था। उसने कहा था कि इन संसाधनों को मुस्लिम समुदाय के भीतर ही रहना चाहिए किसी और को नहीं दिया जाना चाहिए। इसके अलावा, उसने समलैंगिकता को "एक बीमारी" के रूप में बताया था और इसे रोकना मुसलमानों का अधिकार बताया था।

खान की सोशल मीडिया गतिविधियों पर नजर रखने के बाद पाया गया कि नवंबर 2023 से अप्रैल 2024 के बीच उसके वीडियो में अमेरिकियों, जर्मनों, फ्रांसीसियों, अंग्रेजों और इटालियनों पर जायनिस्टों का समर्थन करने का आरोप लगाया गया। उसने अपने भाषणों में अल्लाह से इन "उत्पीड़कों" को नष्ट करने की दुआ भी की। इटली के अधिकारियों ने कहा कि जुल्फिकान खान का संबंध इस्लामी उग्रवादी समूहों से जुड़े विदेशियों के साथ पाया गया है और यह संभावना जताई गई कि वह बोलोग्ना क्षेत्र में राजनीतिक-धार्मिक और अर्धसैनिक संगठनों के प्रवेश की सुविधा प्रदान कर सकता है।

मई 2024 में, एक मस्जिद के मिंबर से खान ने हमास की प्रशंसा की और इजरायल की आलोचना करते हुए कहा कि हमास कोई आतंकी संगठन नहीं है, बल्कि अपनी धरती की रक्षा कर रहा है। उसने पश्चिमी देशों, विशेष रूप से इजरायल और अमेरिका को "आतंकवादी" और "हत्यारा" कहा। खान की कई बयानबाजियों में यहूदी विरोधी टिप्पणियां भी शामिल रहीं। 2021 में बोलोग्ना के मुख्य चौक पर उसने सार्वजनिक रूप से यह दावा किया था कि बाइबिल के यूहन्ना सुसमाचार में यहूदियों के एक हिस्से को क्रूर बताया गया है। 2024 में उसने कहा कि यहूदी-विरोधी शब्द का आविष्कार 18वीं शताब्दी में हुआ था और जायनिस्टों को सेमिटिक नहीं बताया।

खान ने इटली सरकार के अधिकारियों को चुनौती दी थी। उसने कहा था कि इटली का संविधान उन्हें जो चाहे कहने की सुरक्षा देता है। हालांकि, इटली के अधिकारियों ने यह स्पष्ट कर दिया कि नफरत फैलाने वाले भाषण और आतंकवाद का समर्थन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गृह मंत्री पियांतदोसी ने 8 अक्टूबर को खान के निर्वासन आदेश पर हस्ताक्षर किए। यह आदेश हमास समर्थक मोहम्मद हनून पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद आया, जिस पर हमास के लिए धन जुटाने का आरोप था। इटली ने ज़ुल्फिकार खान के निर्वासन के साथ यह संकेत दिया है कि देश में आतंकवाद और कट्टरपंथी विचारधारा के लिए कोई जगह नहीं है।

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