लेबनान से होगा संघर्ष विराम? इजरायल के रक्षामंत्री की दो टूक; ईरान पर भी बोले
- इजरायल ने स्पष्ट कर दिया है कि वह हिजबुल्लाह के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरतेगा। इसके साथ ही उसने लेबनान में सीजफायर की रिपोर्टों को खारिज कर दिया है।
इजरायल ने स्पष्ट कर दिया है कि वह हिजबुल्लाह के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरतेगा। इसके साथ ही उसने लेबनान में सीजफायर की रिपोर्टों को खारिज कर दिया है। इजरायली रक्षामंत्री इजरायल काट्स ने मंगलवार को कहाकि वह पूरी ताकत के साथ हिजबुल्लाह पर हमले जारी रखेगा। इतना ही नहीं, काट्ज ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों को लेकर भी बयान दे डाला। इजरायल के पूर्व रक्षामंत्री योव गैलेंट के हटने के बाद काट्ज ने यह पद संभाला है। बता दें कि हमास पर कार्रवाई में इजरायली सेना के रिस्पांस पर योव गैलेंट और प्रधानमंत्री नेतन्याहू के बीच मतभेद हो गए थे।
काट्ज इससे पहले इजरायल के विदेश मंत्री थे। उन्होंने कहाकि जब तक हमारा लक्ष्य पूरा नहीं हो जाता है, न तो कोई सीजफायर होगा और न ही हिजबुल्लाह को कोई राहत मिलने वाली है। इजरायली सेना जनरल स्टाफ फोरम के साथ मीटिंग में उन्होंने यहां तक कहाकि ईरान के न्यूक्लियर ठिकाने अब बहुत ज्यादा एक्सपोज्ड हैं। उन्होंने कहाकि इजरायल के ऊपर मंडरा रहे किसी भी खतरे को जड़ से मिटाने का वक्त आ चुका है।
इससे पहले हिजबुल्लाह ने दावा किया था कि उसके पास इजरायल से सीजफायर का कोई प्रस्ताव नहीं आया है। जबकि इजरायली मीडिया का कहना कहना था कि उनकी कैबिनेट ने सीजफायर प्रस्ताव पर सहमति दी है। हिजबुल्लाह की मीडिया ऑफिस के प्रमुख मोहम्मद आफिफ ने कहाकि मेरी अब तक की जानकारी में लेबनान या हमारे पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है। गौरतलब है कि इजरायली विदेश मंत्री गिदोन सार ने सोमवार को कहा था कि लेबनान से सीजफायर की दिशा में निगोसिएशन आगे बढ़ा है। लेकिन इसको लागू करने के लिए होने वाले समझौते की दिशा में कदम नहीं बढ़ पाया है।
गिदोन ने सोमवार को कहाकि वह मौजूदा परिस्थितियों में फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना के खिलाफ हैं क्योंकि इस पर हमास आंदोलन का शासन होगा। जब सार से इस मुद्दे पर अपनी राय साझा करने के लिए कहा गया तो उन्होंने संवाददाताओं से कहाकि एक शब्द में, नहीं। इजरायल के शीर्ष राजनयिक ने कहा कि जब 1993 में ओस्लो समझौते के अंतर्गत इज़रायल ने गाजा पट्टी से अपने सैनिकों को वापस लिया, तो देश में सुरक्षा स्थिति तुरंत खराब हो गई। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, अगर अब एक फिलिस्तीनी राज्य बनता है, तो हमास आंदोलन वहां सर्वोच्च शासन करेगा, जैसा कि गाजा पट्टी में हुआ था।
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