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हमारे घर में घुसकर मार रहा भारत, रॉ के सामने घुटनों पर ISI; पाक ने US से की शिकायत

  • इन हत्याओं का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के संदिग्ध आतंकियों को निशाना बनाना था।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, इस्लामाबादFri, 3 Jan 2025 04:58 PM
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पाकिस्तान ने भारत पर आरोप लगाया है कि उसकी खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग यानी रॉ (RAW) उसके देश में घुसकर गुप्त हत्याओं को अंजाम दे रही है। यह मामला हाल ही में वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के जरिए सामने आया, जिसमें कहा गया है कि 2021 से RAW ने पाकिस्तान में करीब आधा दर्जन लोगों की हत्या के लिए एक सुनियोजित कार्यक्रम चलाया। रिपोर्ट में छह मामलों का जिक्र किया गया है। इसमें कहा गया कि इन हत्याओं का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के संदिग्ध आतंकियों को निशाना बनाना था। इन दोनों संगठनों को भारत अपनी सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा मानता है और इन समूहों के सदस्य भारतीय सैनिकों पर हमले करने में शामिल रहे हैं।

आरोपों की गहराई

रिपोर्ट के अनुसार, RAW ने इन आतंकियों की हत्याओं को अंजाम देने के लिए भारतीय नागरिकों का इस्तेमाल नहीं किया गया, बल्कि स्थानीय अपराधियों और अफगानी भाड़े के हत्यारों को काम पर लगाया। फंडिंग और संचालन के लिए दुबई स्थित व्यापारियों और ‘हवाला’ नेटवर्क का सहारा लिया गया, जिससे इन गतिविधियों की गोपनीयता बनाए रखी जा सके। विशेष रूप से, 2013 में भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले आरोपी आमिर सरफराज तांबा पर हमला, इन गुप्त हत्याओं का एक प्रमुख उदाहरण बताया गया है। इन हत्याओं के लिए एक अलग-अलग टीम को निगरानी, हत्या और भुगतान की प्रक्रिया के लिए तैनात किया गया था। इन कार्रवाइयों का उद्देश्य पाकिस्तान के खिलाफ एक रणनीतिक दबाव बनाने और भारत की सुरक्षा के लिए खतरे माने जाने वाले व्यक्तियों को खत्म करना था।

रॉ के सामने घुटनों पर ISI

पाकिस्तान में एक के बाद एक आतंकियों की हत्याओं ने उसकी खुफिया एजेंसी ISI को घुटनों पर ला दिया है। पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के निदेशक जनरल नदीम अंजुम ने 2022 में इस मामले पर CIA निदेशक विलियम जे. बर्न्स से अपनी चिंताएं साझा की थीं। पाकिस्तानी अधिकारियों ने आरोप लगाया कि भारत की यह कार्रवाई उसकी सुरक्षा एजेंसियों की विफलता को उजागर करती है। वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच यह "छाया युद्ध" काफी पुराना है। हालांकि, अब भारत ने इस रणनीति को और अधिक संगठित रूप से लागू किया है, जो पहले से अधिक खतरनाक साबित हो रहा है। पाकिस्तानी अधिकारी इस पर अपनी चिंता जताते हुए कहते हैं कि जब से नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली है, भारत की रणनीति अधिक आक्रामक और कूटनीतिक तरीके से तेज हुई है।

भारत का रुख

इस ताजा रिपोर्ट पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। लेकिन पहले कई मौकों पर भारत अपना रुख स्पष्ट कर चुका है। भारत का कहना है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में हम किसी भी सीमाक्षेत्र में न्यायेतर हत्याएं (extra judicial killings) नहीं करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, विदेशी देशों की तो बात ही छोड़ दें। भारत अपराधियों को कानून के दायरे में लाने का पक्षधर रहा है। हालांकि, अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश विरोधियों के प्रति सबसे सख्त नेता के रूप में प्रस्तुत किया गया।

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वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, भारत की इन हत्याओं की तुलना इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के अभियानों से की जा रही है। अमेरिकी राजनीतिक विशेषज्ञ क्रिस्टोफर क्लेरी ने इसे पाकिस्तान में सफल बताते हुए कहा कि RAW का यह मॉडल पश्चिमी देशों में उतना प्रभावी साबित नहीं हुआ। पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि जैसे-जैसे भारत एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है, उसकी ऐसी गतिविधियों के लिए जवाबदेही तय की जानी चाहिए।

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