Hindi Newsविदेश न्यूज़India breaks Donald Trump tax threat makes strategy by making China shine

डोनाल्ड ट्रंप की टैक्स धमकी का भारत ने निकाला तोड़, चीन को चकमा देते हुए बनाई रणनीति

  • ट्रंप प्रशासन के 'रिसिप्रोकल टैक्स' की चुनौती का सामना करने और चीन के साथ व्यापारिक प्रतिस्पर्धा में बढ़त हासिल करने के लिए भारत ने एक मजबूत रणनीति तैयार की है।

Himanshu Tiwari रॉयटर्सFri, 20 Dec 2024 07:10 PM
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भारत ने अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने की तैयारी कर ली है। ट्रंप के 'रिसिप्रोकल टैक्स' की चुनौती का सामना करने और चीन के साथ व्यापारिक प्रतिस्पर्धा में बढ़त हासिल करने के लिए भारत ने एक मजबूत रणनीति तैयार की है। सूत्रों के मुताबिक, भारत अमेरिका से आयातित कुछ उत्पादों पर टैरिफ में कटौती करने और व्यापक व्यापारिक और निवेश समझौता करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।

पॉर्क, मेडिकल उपकरणों और लक्जरी बाइक्स पर कटौती का प्रस्ताव

भारतीय वाणिज्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने संकेत दिया है कि कुछ अमेरिकी उत्पादों जैसे पॉर्क (सुअर का मांस) और हाई-एंड मेडिकल उपकरणों पर आयात शुल्क में कमी की जा सकती है। फिलहाल पॉर्क पर भारत लगभग 45% टैरिफ लगाता है। इसके अलावा, हार्ले डेविडसन जैसी लक्जरी मोटरसाइकल्स और पेसमेकर जैसे चिकित्सा उपकरणों पर 25% से 60% के बीच टैरिफ को घटाने की संभावना पर विचार किया जा रहा है।

ऊर्जा और रक्षा खरीद में इजाफे की योजना

ट्रंप प्रशासन की व्यापार असंतुलन की चिंताओं को कम करने के लिए भारत ने अमेरिका से तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी), कच्चे तेल और रक्षा उपकरणों की खरीद बढ़ाने की योजना बनाई है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, ऊर्जा आयात में सालाना 5 से 10 बिलियन डॉलर तक की वृद्धि की जा सकती है।

चीन को चुनौती देने की तैयारी

डोनाल्ड ट्रंप के चीन से आयातित सामानों पर 60% तक टैरिफ लगाने की योजना के बीच भारत ने खुद को वैकल्पिक निर्माण केंद्र के रूप में पेश करने की कवायद शुरू कर दी है। नीति आयोग के सलाहकार अरविंद विरमानी ने इसे भारत के लिए एक सुनहरा मौका बताया। उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत दोनों के लिए संवेदनशील निर्माण इकाइयों को चीन की बजाय भारत में स्थापित करना लाभदायक रहेगा।

निवेश को बढ़ावा देने के लिए नए कदम

भारत ने कई क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं। इनमें सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स, नवीकरणीय ऊर्जा और विमान रखरखाव प्रमुख हैं। इसके अलावा बीमा क्षेत्र में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति देने का प्रस्ताव भी तैयार किया जा रहा है, जिससे अमेरिकी बीमा कंपनियों को भारत में व्यापक अवसर मिल सकेंगे।

ग्लोबल कंपनियों के लिए भारत की अपील

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन्स (एफआईईओ) के डायरेक्टर जनरल अजय सहाय ने कहा कि चीन पर बढ़ते टैरिफ के कारण वैश्विक कंपनियों के लिए भारत एक पसंदीदा विकल्प बन सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत को अपनी तैयारी तेज करनी होगी।

भारत-अमेरिका संबंधों को नई दिशा देने के लिए इस बार ट्रंप प्रशासन के साथ एक व्यापक समझौते की उम्मीद जताई जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि "मेक इन अमेरिका" प्रोग्राम के तहत भारत अमेरिकी कंपनियों को कम लागत वाली विनिर्माण सुविधाएं देकर उनके आपूर्ति शृंखला को मजबूत करने में मदद कर सकता है। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से पहले ही भारत ने व्यापार और निवेश के क्षेत्र में अहम रणनीतिक कदम उठाकर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। यह कदम न केवल भारत की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेंगे, बल्कि वैश्विक व्यापारिक नक्शे पर भारत को एक प्रमुख भूमिका में स्थापित करेंगे।

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