इमरान खान अब चांसलर बनने की दौड़ में शामिल, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में भेजा आवेदन
- जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व पीएम इ्मरान खान ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर बनने के लिए आवेदन कर दिया है। यह दावा इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने किया है। पार्टी का कहना है कि उन्हें इस पद पर देखना शानदार अनुभव होगा।
पाकिस्तान के पूर्व पीएम और क्रिकेटर इमरान खान ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का चांसलर बनने के लिए आवेदन किया है। इमरान खान की पार्टी पीटीआई के मुताबिक, इमरान ने कहा था कि वह इस पद पर जाने के लिए आवेदन करना चाहते हैं इसके बाद ही उनका आवेदन चाहते हैं इसके बाद हमने यह प्रक्रिया शुरू की थी। पीटीआई के प्रवक्ता सैयद जुल्फिकार बुखारी ने बताया कि भले ही यह एक औपचारिक पद हो लेकिन यह अत्यधिक प्रतिष्ठा और महत्व वाला पद है। इमरान खान इस यूनिवर्सिटी से आने वाले बड़े नामों में से एक हैं। ऐसे में उन्हें इस पद पर देखना शानदार अनुभव होगा।
इमरान फिलहाल पाकिस्तान की जेल में बंद हैं। उनकी पार्टी की तरफ से कहा गया है कि उनको राजनीति से प्रेरित होकर जेल में बंद कर दिया गया है। सरकार का मकसद उन्हें सत्ता से दूर रखना है इसी कारण वह उनकों फर्जी मुकदमों में जेल में रखे हुए हैं। इमरान फिलहाल भ्रष्टाचार और हिंसा भड़काने जैसे विभिन्न आरोपों के कारण लगभग एक साल से ज्यादा समय से जेल में हैं।
इससे पहले, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वर्तमान चांसलर, हांगकांग के अंतिम ब्रिटिश गवर्नर क्रिस पैटन ने फरवरी में घोषणा की थी कि वह ऑक्सफोर्ड चांसलर के रूप में अपना पद छोड़ रहे हैं। यूनिवर्सिटी की बेबसाइट के अनुसार, अगले 10 साल तक की अवधि के लिए उम्मीदवारों की सूची अक्टूबर तक सार्वजनिक कर दी जाएगी, जबकि इस पर वोटिंग महीने के अंत में होगी।
इमरान ने 1975 में दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र जैसे विषयों में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से अपनी डिग्री पूरी की थी।
बुखारी ने कहा कि अगर वह चांसलर बनते हैं तो वह एशियाई मूल के पहले व्यक्ति होंगे, यह केवल पाकिस्तान ही नहीं बल्कि पूरे एशिया के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। ब्रिटिश मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अन्य प्रमुख आवेदकों और ऑक्सफोर्ड के पूर्व छात्रों में पूर्व विदेश सचिव विलियम हेग और पूर्व यूरोपीय संघ व्यापार आयुक्त पीटर मैंडेलसन शामिल हैं। टेलीग्राफ ने कहा कि ऑक्सफोर्ड के चांसलर के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला करने से पहले, इमरान ने 2005 से 2014 तक ब्रैडफोर्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर के रूप में कार्य किया था। अखबार ने इमरान के जीतने की संभावनाओं को कम कर दिया था, क्योंकि ब्रिटेन के पूर्व प्रधान मंत्री सर टोनी ब्लेयर और बोरिस जॉनसन जैसे कई बड़े नाम भी इस दौड़ में हैं।
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