कभी करीबी रहे पूर्व ISI चीफ की गिरफ्तारी पर इमरान खान ने क्या कहा? पाकिस्तानी सेना का भी जिक्र
जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पूर्व आईएसआई प्रमुख फैज हमीद के खिलाफ सेना द्वारा शुरू की गई 'आंतरिक जवाबदेही' की प्रक्रिया का स्वागत किया है। 2019 से 2021 तक ISI के प्रमुख के रूप में काम करने वाले हमीद को 12 अगस्त को टॉप सिटी केस में गिरफ्तार किया गया था।
जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पूर्व आईएसआई प्रमुख फैज हमीद के खिलाफ सेना द्वारा शुरू की गई 'आंतरिक जवाबदेही' की प्रक्रिया का स्वागत किया है। 2019 से 2021 तक इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस के प्रमुख के रूप में काम करने वाले हमीद को आधिकारिक अधिकार के कथित दुरुपयोग को लेकर 12 अगस्त को टॉप सिटी केस में गिरफ्तार किया गया था। इमरान खान ने गुरुवार को अपने खिलाफ एक मामले की सुनवाई के बाद रावलपिंडी की अदियाला जेल में मीडिया से बातचीत की है।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने 9 मई को उनकी गिरफ्तारी के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों में सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल हमीद की कथित संलिप्तता का जिक्र किया गया था। इस पर टिप्पणी करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, "अगर फैज हमीद शामिल थे तो इसकी जांच होनी चाहिए।" इमरान खान के कार्यकाल के दौरान हमीद आईएसआई के प्रमुख थे। डॉन अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक उनके कोर्ट मार्शल की खबर सार्वजनिक होने के बाद इमरान खान ने गुरुवार को सेना द्वारा शुरू की गई आंतरिक जवाबदेही की प्रक्रिया का स्वागत किया और जरूरी कार्रवाई करने की भी बात की।
हमीद को बदलने का फैसले का इमरान खान ने किया था विरोध
लेफ्टिनेंट जनरल हमीद को 2019 से 2021 तक ISI चीफ के पद पर बेहद खतरनाक माना जाता था। उन्हें इस पद पर तब नियुक्त किया गया था जब तत्कालीन आईएसआई प्रमुख और वर्तमान सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर को समय से पहले पद से हटा दिया गया था। तब बताया गया था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान मुनीर से खुश नहीं थे। बाद में सेना ने हमीद को बदलने का फैसला किया जिसका इमरान खान ने कड़ा विरोध किया और माना जाता है कि यह सेना के साथ उनके संबंधों में खटास की शुरुआत थी।
क्या है टॉप सिटी मामला
टॉप सिटी मामला तब सुर्खियों में आया जब 8 नवंबर 2023 को टॉप सिटी के मालिक मोइज़ अहमद खान ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की जिसमें उन्होंने हमीद पर अपने अधिकार का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने याचिका में कहा कि 12 मई 2017 को जनरल हमीद के कहने पर आईएसआई अधिकारियों ने टॉप सिटी कार्यालय और उनके घर पर छापा मारा और सोना, हीरे और पैसे सहित कीमती सामान जब्त कर लिया। उन्होंने यह भी कहा कि हमीद के भाई सरदार नजफ ने भी बाद में इस मुद्दे को सुलझाने के लिए उनसे संपर्क किया। याचिका में यह भी दावा किया गया कि बाद में जनरल हमीद ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए उनसे व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की। उन्होंने आरोप लगाया कि आईएसआई अधिकारियों ने उनसे 4 करोड़ रुपये नकद वसूले। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने मामले की सुनवाई की और आरोपों की जांच के लिए इसे रक्षा मंत्रालय को भेजने का फैसला किया।
हमीद ने समय से पहले ही ले ली थी रिटायरमेंट
सेना ने इस साल अप्रैल में घोषणा की कि उसने आरोपों की जांच के लिए मेजर जनरल की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय जांच समिति बनाई है। हमीद ने मौजूदा सेना प्रमुख के पदभार संभालने के बाद अपनी सेवानिवृत्ति की तारीख से चार महीने पहले नवंबर 2022 में समय से पहले सेवानिवृत्ति ले ली। उन्हें तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा का करीबी माना जाता था। आईएसआई प्रमुख का पद पाकिस्तानी सेना में सबसे महत्वपूर्ण पदों में से एक माना जाता है। ISI ने पाकिस्तान के इतिहास में आधे से ज्यादा समय तक देश पर शासन किया है।
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