अमेरिकी बॉर्डर पर ठंड में ठिठुर कर मर गया गुजराती परिवार, भारत का 'डर्टी हैरी' दोषी करार
- कनाडा-अमेरिका बॉर्डर पर मानव तस्करी के दौरान मौत का शिकार हुए गुजरात के डिंगुचा गांव के पटेल परिवार की दुखद घटना ने अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी के खतरनाक नेटवर्क को उजागर किया है।
अमेरिका में मिनेसोटा की एक अदालत ने शुक्रवार को 29 वर्षीय हर्षकुमार रमनलाल पटेल और 50 वर्षीय स्टीव शैंड को एक अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह में उनकी भूमिका के लिए दोषी ठहराया। इन दोनों की वजह से भारतीय प्रवासियों के एक परिवार की अमेरिकी बॉर्डर पर ठंड में ठिठुर कर मौत हो गई थी। ये गुजराती परिवार, 2022 के बर्फीले तूफान के दौरान अमेरिका-कनाडा सीमा पार करने का प्रयास करते समय ठंड से मर गया।
कनाडा-अमेरिका बॉर्डर पर मानव तस्करी के दौरान मौत का शिकार हुए गुजरात के डिंगुचा गांव के पटेल परिवार की दुखद घटना ने अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी के खतरनाक नेटवर्क को उजागर किया है। जगदीश पटेल, उनकी पत्नी वैशाली, 11 वर्षीय बेटी विहांगी और तीन वर्षीय बेटा धर्मिक के शव 19 जनवरी 2022 को कनाडा के मैनिटोबा प्रांत में एमर्सन कस्बे के पास बर्फीले तूफान में पाए गए थे। यह परिवार 11 लोगों के एक समूह का हिस्सा था, जो अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश कर रहा था।
हर्षकुमार रमनलाल पटेल भारतीय नागरिक है जिसे "डर्टी हैरी" के नाम से भी जाना जाता है। अब हर्षकुमार पटेल और उसके फ्लोरिडा निवासी सहयोगी स्टीव शैंड को चार मामलों में दोषी पाया गया, जिनमें अवैध रूप से अमेरिका में प्रवासियों की तस्करी करने की साजिश भी शामिल है। अमेरिकी सरकारी वकीलों ने इस ऑपरेशन को भारत से अवैध आव्रजन को सुविधाजनक बनाने वाले बढ़ते नेटवर्क का हिस्सा बताया। मिनेसोटा के अमेरिकी अटॉर्नी एंडी लुगर ने ऑपरेशन की निंदा करते हुए कहा, "इस मुकदमे ने मानव तस्करी की अकल्पनीय क्रूरता को उजागर किया, जहां मानवता से अधिक पैसों को महत्व दिया जाता है। इस लालच के कारण एक पिता, माता और दो बच्चों ने जीरो डिग्री से नीचे के तापमान में अपनी जान गंवा दी।"
बताया जाता है कि शैंड को मिनेसोटा सीमा पर 11 भारतीय प्रवासियों को ले जाने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन केवल सात ही यात्रा से जिंदा बच पाए। अदालत में पेश सबूतों के अनुसार, तस्करों ने प्रवासियों को बर्फीले तूफान में चलने के लिए कहा और मौसम की कठिन परिस्थितियों को लेकर सतर्क रहने की बात कही। मामले के गवाह राजिंदर सिंह ने अदालत में स्वीकार किया कि उसने गुजरात के प्रवासियों को अमेरिका पहुंचाने के लिए $4 लाख से अधिक कमाए थे। प्रवासियों में अधिकांश गुजरात से थे। वे अमेरिका पहुंचने के लिए 1 लाख डॉलर तक का भुगतान करते थे।
भारतीय नागरिक हर्षकुमार रमनलाल पटेल और फ्लोरिडा के निवासी स्टीव शेंड के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई के तीसरे दिन यश पटेल नामक व्यक्ति ने यह गवाही दी। अभियोजकों के अनुसार रमनलाल पटेल तस्करी योजना का हिस्सा था और उसने शैंड से वाहन चालक के तौर पर काम लिया था। दोनों व्यक्तियों ने मानव तस्करी से संबंधित चार मामलों में अपना अपराध स्वीकार नहीं किया है। संघीय अभियोजकों का कहना है कि जगदीश पटेल (39) उनकी पत्नी वैशालीबेन (लगभग 30 वर्ष), बेटी विहांगी (11) और बेटे धार्मिक (3) की 19 जनवरी, 2022 को ठंड के कारण मौत हो गई।
‘द कैनेडियन प्रेस’ की खबर के अनुसार यश पटेल (23) ने एक दुभाषिये के माध्यम से गवाही दी कि वह पटेल परिवार से अलग हो गया था और पांच या छह घंटे तक अकेले चलता रहा, जिसके बाद उसे एक वैन मिली, जिसमें उसकी प्रतीक्षा की जा रही थी। अभियोजकों का कहना है कि वह वैन स्टीव शैंड चला रहा था। पटेल ने कहा, “बर्फ पड़ रही थी और तेज हवाएं चल रही थीं। मैं बहुत डरा हुआ था। मुझे किसी की मदद चाहिए थी, लेकिन वहां कोई नहीं था।”
‘द कैनेडियन प्रेस’ की खबर के अनुसार यश पटेल ने कहा कि अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने की उनकी यात्रा दिसंबर 2021 में टोरंटो, कनाडा पहुंचने पर शुरू हुई और उन्हें वैंकूवर भेजा गया, फिर वापस टोरंटो, फिर विनिपेग में एक घर में भेज दिया गया। यश पटेल ने कहा कि उसे एक दंपत्ति और उनके दो बच्चों समेत अन्य भारतीय नागरिकों के एक समूह को एक वैन में बिठाकार सीमा पर ले जाया गया। पटेल ने कहा कि वहां वैन फंस गई और प्रवासियों को बाहर निकालकर तब तक सीधी दिशा में चलने के लिए कहा गया, जब तक उन्हें कोई दूसरा वाहन न मिल जाए।
एक समय, वह समूह से अलग हो गया और फिर अकेले परिस्थितियों का सामना किया। कई घंटों तक चलने के बाद, वह एक वैन तक पहुंच गया जिसे अभियोजकों के अनुसार, शैंड चला रहा था। बाद में एक अमेरिकी सीमा गश्ती एजेंट ने वैन को देखकर उसे रोका और चालक के रूप में शैंड की पहचान की। इसके बाद शैंड, यश पटेल और एक अन्य यात्री को गिरफ्तार कर लिया गया।
संघीय अभियोजकों का कहना है कि हर्षकुमार पटेल और स्टीव शैंड ने एक विशाल अंतरराष्ट्रीय तस्करी गिरोह के तहत प्रवासियों को सीमा पार भेजने का प्रयास किया। अभियोजकों के अनुसार मानव तस्करी का दोषी ठहराया जा चुका राजिंदर सिंह पटेल और शैंड की तरह तस्करी गिरोह का हिस्सा था। सिंह ने मंगलवार को कहा था कि उसने चार वर्षों में 500 से अधिक भारतीय प्रवासियों को अमेरिका-कनाडा सीमा पार कराकर 400,000 से अधिक अमेरिकी डॉलर कमाए थे।
भारत से कनाडा तक फैले एक आपराधिक नेटवर्क में बेहतर जीवन की चाहत रखने वाले परिवारों को तस्करी कर अमेरिका लाया जाता है और इनमें से कई के साथ भयावह घटनाएं घट जाती हैं। इसी तरह का एक भारतीय परिवार दो साल पहले सीमा पार करने की कोशिश के दौरान तेज बर्फबारी और हाड़ कंपा देने वाली सर्दी में मौत का शिकार हो गया था। परिवार के पुरुष सदस्य जगदीश पटेल अपने तीन साल के बेटे को गोद में लिए हुए जान गंवा बैठे थे। उनकी पत्नी और बेटी भी इस दौरान जीवित नहीं बचीं।
माना जाता है कि गुजरात राज्य के डिंगुचा गांव के रहने वाले जगदीश पटेल के परिवार ने बर्फीले मौसम में खेतों में घूमते हुए घंटों बिताए जहां तापमान शून्य से 36 फारेनहाइट (38 डिग्री सेल्सियस) नीचे तक पहुंच गया था। कनाडाई अधिकारियों को 19 जनवरी, 2022 की सुबह पटेल परिवार के सदस्यों के जमे हुए शव बरामद हुए थे। जगदीश पटेल ने कंबल में लपेटे हुए धार्मिक को पकड़ा हुआ था। संघीय अभियोजकों का कहना है कि हर्ष पटेल और शैंड एक ऐसे अभियान का हिस्सा थे, जो भारत में ग्राहकों की तलाश करता था, उन्हें कनाडाई छात्र वीजा दिलवाता था, परिवहन की व्यवस्था करता था और उन्हें ज्यादातर वाशिंगटन राज्य या मिनेसोटा के जरिए अमेरिका में तस्करी करके लाता था।
(इनपुट एजेंसी)
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