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फ्रांस में महीनों का गतिरोध खत्म, राष्ट्रपति ने नियुक्ति की नई सरकार; दक्षिणपंथी नेता संभालेंगे कमान

  • 5 सितंबर को राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूरोपीय संघ के पूर्व ब्रेक्जिट वार्ताकार मिशेल बार्नियर को फ्रांस का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया था।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, पेरिसSun, 22 Sep 2024 12:16 AM
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फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शनिवार को नई सरकार की घोषणा कर दी। इस सरकार का नेतृत्व प्रधानमंत्री मिशेल बार्नियर करेंगे। यह कदम संसदीय चुनावों के 11 हफ्ते बाद आया है, जिनमें किसी को भी स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं हुआ था। राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा यह जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री बार्नियर को दो सप्ताह पहले ही नियुक्त किया गया था। उनका पहला बड़ा काम 2025 के बजट योजना को प्रस्तुत करना होगा। इस योजना का उद्देश्य फ्रांस की वित्तीय स्थिति को संबोधित करना है, जिसे बार्नियर ने इस हफ्ते "बहुत गंभीर" बताया था। यह नई सरकार दक्षिणपंथी झुकाव के संकेत दे रही है, जो मैक्रों के पिछले शासन की तुलना में नीतियों में बदलाव की ओर इशारा करती है।

5 सितंबर को राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूरोपीय संघ के पूर्व ब्रेक्जिट वार्ताकार मिशेल बार्नियर को फ्रांस का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। मैक्रों ने 50 से ज्यादा दिनों से चल रही कार्यवाहक सरकार के बाद नए प्रधानमंत्री के नाम का ऐलान किया था। बार्नियर अब गैब्रियल एटल की जगह लेंगे, जिन्होंने 16 जुलाई को चुनावों में त्रिशंकु संसद आने के बाद पद से इस्तीफा दे दिया था।

मैक्रों के कार्यालय ने बार्नियर की नियुक्ति की घोषणा करते हुए एक बयान जारी कर कहा था कि उन्हें “देश और फ्रांसीसी लोगों की सेवा के लिए एक एकीकृत सरकार बनाने का काम सौंपा गया है।” बयान के मुताबिक, राष्ट्रपति ने अपने संवैधानिक कर्तव्य के तहत अप्रत्याशित विचार विमर्श के बाद सुनिश्चित किया है कि प्रधानमंत्री और भावी सरकार जहां तक संभव हो सके, स्थिर रहें। बार्नियर फ्रांस के अल्पाइन क्षेत्र हाउते-सावोई से आते हैं और अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं। वह यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग होने को लेकर चली बातचीत में मुख्य वार्ताकार थे।

बता दें कि फ्रांस में अर्द्ध-राष्ट्रपति गणतंत्र (semi-presidential republic) की शासन व्यवस्था है, जो कार्यकारी, विधायी, और न्यायिक शाखाओं में विभाजित है। राष्ट्रपति देश का प्रमुख होता है और उसे व्यापक अधिकार प्राप्त होते हैं। वह विदेश नीति, रक्षा, और राष्ट्रीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। राष्ट्रपति का चुनाव सीधे जनता द्वारा 5 वर्षों के लिए होता है। वहीं प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है और राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है। प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी नीतियों को लागू करना और संसद के साथ मिलकर शासन करना है। प्रधानमंत्री और कैबिनेट मिलकर कार्यकारी शाखा का संचालन करते हैं।

फ्रांस के प्रधानमंत्री ने मैक्रों को अंतिम मंत्रिमंडल की अंतिम सूची सौंपी

इससे पहले फ्रांस के नवनियुक्त प्रधानमंत्री मिशेल बार्नियर ने कैबिनेट मंत्रियों की अंतिम सूची देश के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को सौंप दी थी। फ्रांसीसी अखबार ले मोंडे की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को मैक्रों ने सूची के पहले से प्रस्तावित संस्करण को "मोनोक्रोम" मानते हुए खारिज कर दिया था, क्योंकि इसमें दक्षिणपंथी रिपब्लिकन पार्टी के प्रतिनिधियों की एक बड़ी संख्या शामिल थी, जिसके बार्नियर सदस्य हैं। अब न

बीएफएमटीवी ने शुक्रवार देर रात अपनी रिपोर्ट में कहा कि अंतिम सरकारी सूची एलिसी पैलेस में भेज दी गई है, जिसमें कहा गया है कि कैबिनेट गठन की आधिकारिक घोषणा रविवार से पहले की जा सकती है। इससे पहले सप्ताह की शुरुआत में, ले मोंडे ने फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय के सूत्रों के हवाले से कहा था कि हालांकि मैक्रों ने बार्नियर को सरकार की सूची तय करने की अनुमति दी है, लेकिन उन्होंने राष्ट्रीय एकता और राजनीतिक संतुलन प्राप्त करने के महत्व पर बल दिया है। राष्ट्रपति मैक्रों के करीबी सूत्रों ने अखबार से कहा कि राष्ट्रपति को चिंता है कि बार्नियर के इस्तीफे के कारण संभावित अविश्वास मत से उनकी खुद की कुर्सी कमजोर हो सकती है।

उल्लेखनी है कि मैक्रों ने 5 सितंबर को आकस्मिक संसदीय चुनावों के 60 दिन बाद फ्रांसीसी कैबिनेट में प्रमुख पद पर यूरोपीय संघ के मुख्य ब्रेक्सिट वार्ताकार मिशेल बार्नियर को नियुक्त किया था। बार्नियर को व्यापक रूप से एक रूढ़िवादी नेता माना जाता है, जबकि कुछ लोग यह भी मानते हैं कि वह दक्षिणपंथी विचारों का पोषण करते हैं।

जुलाई में हुए आकस्मिक संसदीय चुनावों में, दक्षिणपंथी न्यू पॉपुलर फ्रंट ब्लॉक ने 577 सीटों में से 182 सीटों पर जीत प्राप्त की। मैक्रों की टुगेदर गठबंधन 168 सीटें प्राप्त करके दूसरे स्थान पर रही। दक्षिणपंथी नेशनल रैली पार्टी, रिपब्लिकन पार्टी और उनके सहयोगियों के साथ 143 सीटों के साथ संसद में तीसरे स्थान पर रही।

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