PM मोदी संग मीटिंग से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने बढ़ाई बेचैनी, कहा- आज का दिन है बड़ा; क्या मायने
- पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात कुछ ही घंटों में होने वाली है। इससे पहले ट्रंप की सोशल मीडिया पोस्ट ने बैचेनी बढ़ा दी है। ट्रंप ने लिखा- आज का दिन बड़ा है।
पीएम नरेंद्र मोदी अमेरिका पहुंच चुके हैं। उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से मुलाकात की। कुछ देर में उनकी अरबपति कारोबारी एलन मस्क से भी मुलाकात होनी है। भारतीय समयानुसार देर रात ढाई बजे पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। दो सबसे ताकतवर नेताओं की मुलाकात पर दुनियाभर की नजरें टिकी हैं। पीएम मोदी से मीटिंग से पहले ट्रंप ने सोशल मीडिया पर ऐसा पोस्ट किया है, जिससे तमाम तरह की अटकलें शुरू हो गई हैं। ट्रंप ने कहा कि आज का दिन बहुत बड़ा है।
ट्रंप ने कहा कि वह व्यापारिक साझेदारों से आयात पर व्यापक पारस्परिक शुल्क लगाने वाले आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे। इस प्रावधान का मतलब है कि अमेरिका किसी देश से आयात की जाने वाली वस्तुओं पर वही शुल्क लगाएगा, जो वह देश अपने अमेरिकी आयात पर लगाता है।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया मंच 'ट्रुथ सोशल' पर एक पोस्ट में कहा, ''आज का दिन बड़ा है, पारस्परिक शुल्क !!! अमेरिका को फिर से महान बनाएं!!!'' हालांकि ट्रंप ने यह साफ नहीं किया है कि वह 'पारस्परिक' शब्द को किस तरह परिभाषित करते हैं और उनका आदेश किन उत्पादों पर लागू होगा।
ट्रंप के बयान के क्या मायने
अगर विदेश व्यापार के शुल्कों में नाटकीय बढ़ोतरी हुई तो इससे विश्व अर्थव्यवस्था को तेज झटका लग सकता है, वृद्धि कम हो सकती है, जबकि महंगाई तेजी से बढ़ेगी। ट्रंप ने कहा कि इस तरह के शुल्क से घरेलू स्तर पर विनिर्माण क्षेत्र में नौकरियों का सृजन करने में मदद मिलेगी। दूसरी तरफ अधिकतर अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति अपने फैसलों से अमेरिकी उपभोक्ताओं पर कर वृद्धि करेंगे।
व्यापारिक युद्ध
ट्रंप पहले ही चीन के आयात पर 10 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगा चुके हैं। उन्होंने अमेरिका के दो सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों- कनाडा और मेक्सिको पर भी शुल्क लगाने की तैयारी कर ली है, जो 30 दिनों के लिए निलंबित रहने के बाद मार्च में प्रभावी हो सकते हैं। ट्रंप ने इस्पात और एल्युमीनियम आयात पर भी शुल्क लगाया है जबकि कंप्यूटर चिप्स एवं दवाओं पर नए शुल्क के बारे में विचार कर रहे हैं।
अमेरिका के इन फैसलों के खिलाफ यूरोपीय संघ, कनाडा और मेक्सिको भी जवाबी कदम उठाने की तैयारी कर रहे हैं। दूसरी ओर चीन ने अमेरिकी ऊर्जा, कृषि मशीनरी और बड़े इंजन वाले वाहनों पर शुल्क बढ़ाया है और गूगल के खिलाफ प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंचाने की जांच शुरू की है।
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