जापान में आने वाली है 'सुपर' तबाही, लाखों लोगों की जान को खतरा; आखिर क्या होता है 'मेगा भूकंप'
जापानी वैज्ञानिकों ने हाल ही में चेतावनी जारी की है कि देश में जल्दी ही मेगा भूकंप के आने की संभावना है, जिससे लाखों लोगों की जान को खतरा हो सकता है। यह भूकंप 2011 के तबाही से भी कई गुना ज्यादा हो सकता है। यह भूकंप अपने साथ भीषण सुनामी को भी लेकर आएगा।
जापान के भूंकप शास्त्रियों ने देश में मेगा भूकंप के आने की चेतावनी जारी की है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि हमें एक मेगा भूकंप के लिए तैयार रहना होगा क्योंकि यह भूकंप जल्दी ही आने वाला है और जब यह भूकंप आएगा तो यह अपने साथ ऐसी तबाही लाएगा,जो किसी ने नहीं देखी होगी। वैज्ञानिकों की यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब गुरुवार को ही जापान में 7.1 की तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था। इसके बाद दक्षिणी जापान के तटीय इलाकों में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई है। हालांकि जापान लगातार भूकंपों से जूझता रहता है इसके कारण वहां का इन्फ्रास्ट्रक्चर बहुत मजबूत है।
जापान के मौसम विज्ञान केंद्र ने एक एडवायजरी जारी की है। यह एजवायजरी 2011 की तबाही के बाद बनाई गई थी। सरकारी आंकड़ों की मानें तो इस तबाही में करीब 18,500 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। अरबों रुपयों की संपत्ति पानी में मिल गई थी।
जापानी मौसम विभाग की एडवायजरी के अनुसार, अगर मेगा भूकंप जापान में आता है तो धरती बहुत ही तेजी के साथ कांपेगी और इसके बाद बहुत ऊंची सुनामी आने की संभावना बनेगी। आने वाले भूकंप की तीव्रता अभी तक सामान्य रूप से आए भूकंपों से कहीं ज्यादा होगी और यह काफी देर तक रहेगा, जिससे और भी ज्यादा बड़ी सुनामी के आने की आशंका है।
आखिर होता क्या है ‘मेगा भूकंप’
जापानी वैज्ञानिकों के अनुसार,ऐसे भूकंप 100 से 150 साल के अंतर पर आते हैं और बहुत ही ज्यादा तबाही मचाते हैं। इनकी तबाही मार्च 2011 में आए भूकंप और सुनामी जैसी या उससे भी ज्यादा हो सकती है। हाल ही में जापान में आया भूकंप 7.1 की तीव्रता का था। इसका कारण फिलीपीन समुद्री प्लेट के यूरेशियन महाद्वीपीय प्लेट के नीचे धंसने के कारण हुआ था। जापान ने इसे लेकर एडवायजरी जारी कर दी है।
जापान के वैज्ञानिकों ने यह अनुमान लगाया था कि इन दोनों प्लेटों के लगातार घिसने के 8 से 9 मेगनिट्यूट के भूकंप आने की संभावना अगले 30 वर्षों में 70 प्रतिशत तक है। इस स्थिति से निपटने की सबसे बेहतर संभावना यह है कि किसी की भी जान न जाए, जबकि सबसे खराब संभावना यह है कि करीब 3 लाख लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ेगा। आपको बता दें कि इसी जापान में 2011 में आए भूकंप की तीव्रता करीब 9 से 9.1 के बीच में थी। 45 मिनिट तक आए इस भूकंप ने जापानी लोगों की जिंदगी को बदल कर रख दिया। भूकंप के बाद आई सुनामी ने लोगों की हालत को और भी बदत्तर कर दिया।
वैज्ञानिकों ने कहा है कि देशवासियों को घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार और सेवा दल अपना काम बेहतर तरीके से कर रहे हैं। हम और हमारी सरकार किसी भी आपदा से लड़ने के लिए तैयार हैं, हमनें पहले भी यह किया है और हम फिर से यह कर सकते हैं।
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