ट्रंप के आगे झुकने के मूड में नहीं ये देश, ग्रीनलैंड में बढ़ाएगा सेना; पड़ोसियों से मांगी मदद
- उत्तरी ग्रीनलैंड के पिटुफ्फिक स्पेस बेस पर अमेरिकी सेना की स्थायी उपस्थिति है, जो बैलिस्टिक मिसाइलों की शुरुआती चेतावनी प्रणाली के लिए रणनीतिक रूप से अहम है।
डेनमार्क ने आर्कटिक और उत्तर अटलांटिक क्षेत्र में सुरक्षा को मजबूत करने के लिए 14.6 अरब डेनिश क्रोन (करीब $2.05 अरब) का निवेश करने की घोषणा की है। यह घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी के बाद आई है। ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि वे पनामा नहर और ग्रीनलैंड पर नियंत्रण पाने के लिए सैन्य बल के प्रयोग की संभावना से इनकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए दोनों पर अमेरिकी नियंत्रण महत्वपूर्ण है। बता दें कि ग्रीनलैंड एक द्वीप है जो डेनमार्क देश का हिस्सा है।
डेनमार्क डोनाल्ड ट्रंप की ग्रीनलैंड पर नियंत्रण सौंपने की मांग का विरोध कर रहा है। डेनमार्क के रक्षा मंत्री ट्रोल्स लुंड पोउलसन ने बयान जारी कर कहा, "आर्कटिक और उत्तर अटलांटिक में सुरक्षा और रक्षा को लेकर गंभीर चुनौतियां हैं।" ग्रीनलैंड को लेकर डेनमार्क अपने पड़ोसी देशों से सहयोग की अपील कर रहा है। डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन फ्रांस, जर्मनी और नाटो के नेताओं से मिलने की तैयारी कर रही हैं, ताकि ग्रीनलैंड पर "यूरोपीय एकता" को मजबूत किया जा सके।
प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने कहा, "यूरोप एक गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है। महाद्वीप में युद्ध और भू-राजनीतिक वास्तविकताओं में बदलाव के बीच, ऐसे समय में एकता बेहद महत्वपूर्ण है। डेनमार्क एक छोटा देश है लेकिन हमारे पास मजबूत सहयोगी हैं। यह एक सशक्त यूरोपीय समुदाय का हिस्सा है जहां हम मिलकर चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।"
ग्रीनलैंड पर रणनीतिक महत्व
डेनमार्क के स्वायत्त क्षेत्र ग्रीनलैंड में खनिज संसाधनों का भंडार है। यह भू-राजनीतिक दृष्टि से अत्यधिक महत्व रखता है। आर्कटिक में बर्फ पिघलने के कारण नए शिपिंग मार्ग खुल रहे हैं, जिससे इसका रणनीतिक महत्व बढ़ गया है। हाल ही में, ट्रंप ने कहा था कि ग्रीनलैंड अमेरिका की सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और डेनमार्क को इसका नियंत्रण छोड़ देना चाहिए। उत्तरी ग्रीनलैंड के पिटुफ्फिक स्पेस बेस पर अमेरिकी सेना की स्थायी उपस्थिति है, जो बैलिस्टिक मिसाइलों की शुरुआती चेतावनी प्रणाली के लिए रणनीतिक रूप से अहम है।
सैन्य क्षमताओं को मिलेगा विस्तार
ग्रीनलैंड की सुरक्षा और रक्षा का जिम्मा डेनमार्क संभालता है। ग्रीनलैंड को अपनी सीमित सैन्य क्षमताओं के कारण इसे "सुरक्षा के लिहाज से खाली क्षेत्र" माना जाता रहा है। लेकिन अब नए पैकेज के तहत, डेनमार्क आर्कटिक क्षेत्र में तीन नए जहाजों, अधिक लॉन्ग-रेंज ड्रोन और उपग्रह क्षमताओं को शामिल करेगा। फिलहाल डेनमार्क के पास चार पुराने निरीक्षण जहाज, एक चैलेंजर निगरानी विमान और 12 डॉग स्लेज गश्ती दल हैं, जो फ्रांस के आकार से चार गुना बड़े क्षेत्र की निगरानी करते हैं।
पिछले दशक में सैन्य खर्च में भारी कटौती के बाद, पिछले साल डेनमार्क ने 10 साल के लिए 190 अरब डेनिश क्रोन ($26 अरब) का रक्षा बजट आवंटित किया था, जिसका कुछ हिस्सा अब आर्कटिक क्षेत्र के लिए तय किया गया है। डेनमार्क के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि सरकार ने इस नई योजना पर ग्रीनलैंड और फैरो आइलैंड्स की सरकारों के साथ व्यापक सहमति बनाई है। तीनों सरकारों ने गर्मियों तक प्रतिरोध और रक्षा के लिए एक और समझौते पर बातचीत करने का भी फैसला किया है।
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