नेक नीयत से करो समझौता नहीं तो… गाजा संघर्ष में मध्यस्थता से पीछे हटा कतर, हमास से भी बनाई दूरी
- कतर ने स्पष्ट किया है कि यदि समझौते के प्रयासों में नेक नीयत की कमी है, तो वह इस मध्यस्थता को जारी नहीं रख सकता। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब हमास और इजराइल के बीच वार्ताओं में प्रगति नहीं हो पा रही है और संघर्षविराम की संभावना क्षीण होती जा रही है।
गाजा में जारी संघर्ष और संघर्ष विराम की संभावनाओं पर लंबे समय से मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे कतर ने अब इस भूमिका से पीछे हटने का निर्णय लिया है। कतर ने स्पष्ट किया है कि यदि समझौते के प्रयासों में नेक नीयत की कमी है, तो वह इस मध्यस्थता को जारी नहीं रख सकता। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब हमास और इजराइल के बीच वार्ताओं में प्रगति नहीं हो पा रही है और संघर्षविराम की संभावना क्षीण होती जा रही है।
कूटनीतिक सूत्रों के अनुसार, कतर ने इजराइल और हमास दोनों को यह संदेश दिया कि 'गुड फेथ' यानी सच्ची नीयत से समझौते का प्रयास न होने पर कतर इस भूमिका को जारी नहीं रख सकता। कतर का कहना है कि दोहा में स्थित हमास के राजनीतिक कार्यालय का अब कोई औचित्य नहीं रह गया है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस निर्णय के पीछे अमेरिका की भूमिका भी बताई जा रही है। अमेरिका ने हाल ही में कतर को दोहा में स्थित हमास कार्यालय को अस्वीकार्य करार देते हुए इस पर आपत्ति जताई। अमेरिकी प्रशासन ने कतर को यह स्पष्ट कर दिया कि हमास के इस कार्यालय का वहां बने रहना स्वीकार्य नहीं है, खासकर जब हमास ने हालिया संघर्षविराम प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इस प्रस्ताव में यह शर्त थी कि हमास कुछ इजराइली बंदियों को रिहा करेगा और 30 दिनों का संघर्षविराम किया जाएगा, हालांकि इस प्रस्ताव में इजराइली सेना की गाजा से वापसी का कोई प्रावधान नहीं था।
एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने बयान में कहा, "हमने कतर से कहा कि जब हमास बंदियों को रिहा करने जैसे प्रस्तावों को बार-बार ठुकरा रहा है, तो किसी भी अमेरिकी सहयोगी देश की राजधानी में हमास नेताओं का स्वागत नहीं होना चाहिए।"
बताया जा रहा है कि कतर ने लगभग 10 दिन पहले हमास नेतृत्व को यह स्पष्ट संदेश भेजा था कि अब समय आ गया है कि वे अपना राजनीतिक कार्यालय दोहा से हटा लें। इसके लिए वॉशिंगटन और दोहा के बीच गहन बातचीत हुई, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि हमास के इस कार्यालय को अब बंद कर दिया जाएगा।
कतर के इस निर्णय ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है, क्योंकि कतर गाजा संघर्ष में लंबे समय से महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आ रहा था। यह कदम हमास के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि कतर के सहयोग से ही हमास को कई बार अंतरराष्ट्रीय मंच पर समर्थन मिलता रहा है।
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