Explainer: भारत में तो बवाल, दुनियाभर के मुस्लिम देशों में कैसे होती है वक्फ संपत्ति की देखरेख?
- वक्फ दरअसल इस्लामिक संपत्तियों और दान का एक स्थायी रूप होता है, दुनिया के कई देशों में अलग-अलग व्यवस्थाओं के तहत इसे संचालित किया जाता है।

भारत में वक्फ संशोधन बिल को लेकर संसद से लेकर सड़क तक गरमा-गरम बहस छिड़ी हुई है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को यह बिल पेश किया, जिसके बाद विपक्ष ने सरकार पर अल्पसंख्यकों को बदनाम करने और उनके अधिकार छीनने का आरोप लगाया। इस बिल का मकसद वक्फ बोर्डों की प्रशासनिक व्यवस्था और संगठनात्मक ढांचे में बदलाव करना है। गौरतलब है कि वक्फ दरअसल इस्लामिक संपत्तियों और दान का एक स्थायी रूप होता है, दुनिया के कई देशों में अलग-अलग व्यवस्थाओं के तहत इसे संचालित किया जाता है। भारत में यह बहस चल रही है कि वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन कैसे होना चाहिए, तो ऐसे में यह समझना भी दिलचस्प होगा कि अन्य देशों में वक्फ की क्या स्थिति है।
वक्फ क्या है?
वक्फ इस्लामी कानून का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसके तहत जमीन, इमारतें, नकद राशि और अन्य संपत्तियां धार्मिक और सामाजिक कल्याण के लिए दान की जाती हैं। वक्फ प्रणाली की जड़ें अरब, मुगल और उस्मानी (ऑटोमन) साम्राज्य से जुड़ी हुई हैं। विभिन्न देशों में वक्फ प्रबंधन का स्वरूप वहां के इतिहास, संस्कृति और राजनीतिक परिदृश्य पर निर्भर करता है। कुछ देशों में इसे सरकारी संस्थाओं द्वारा नियंत्रित किया जाता है, तो कुछ जगहों पर धार्मिक संस्थाएं इसका संचालन करती हैं।
भारत में वक्फ व्यवस्था
भारत में वक्फ प्रबंधन वक्फ एक्ट 1995 के तहत होता है, जिसे 2013 में संशोधित किया गया था। देशभर में राज्य वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद इस व्यवस्था को नियंत्रित करते हैं। भारत में वक्फ संपत्तियों की संख्या बहुत अधिक है, यहां तक कि 8,72,000 से अधिक संपत्तियां वक्फ के अधीन हैं, जिससे यह दुनिया के सबसे बड़े वक्फ नेटवर्क में शामिल हो जाता है।
इंडोनेशिया और मलेशिया में वक्फ प्रबंधन
सबसे ज्यादा मुसलमानों की आबादी वाले देश इंडोनिशाय में वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन बदन वक्फ इंडोनेशिया द्वारा किया है, जबकि मलेशिया में इस्लामिक धार्मिक परिषदें इस काम को संभालती हैं।
सऊदी अरब में वक्फ की व्यवस्था
इस्लाम के पवित्र स्थलों मक्का और मदीना की देखरेख करने वाला सऊदी अरब 1966 से वक्फ संपत्तियों का सरकारी स्तर पर प्रबंधन कर रहा है। 2016 में यहां जनरल अथॉरिटी फॉर अवाक्फ या जीएए नामक एक संस्था बनाई गई, जो वक्फ संपत्तियों की निगरानी करती है।
मिस्र और तुर्किये में वक्फ का प्रशासन
मिस्र में अवाक्फ मंत्रालय वक्फ संपत्तियों को धर्मार्थ और सामाजिक उद्देश्यों के लिए संचालित करता है। वहीं तुर्किए में जनरल डारेक्टरेट फाउंडेशन के द्वारा वक्फ का प्रबंधन करता है, जो उस्मानी साम्राज्य के समय से चली आ रही परंपराओं का आधुनिक संस्करण है।
इराक और लेबनान में शिया-सुन्नी वक्फ प्रणाली
इराक और लेबनान में शिया और सुन्नी समुदायों के अलग-अलग वक्फ बोर्ड हैं। इराक में सुन्नी बंदोबस्ती कार्यालय और शिया बंदोबस्ती कार्यालय, दोनों ही 2003 के बाद स्थापित किए गए थे।
भारत में नए वक्फ संशोधन बिल पर बवाल क्यों?
भारत में पेश किए गए वक्फ संशोधन बिल के तहत वक्फ संपत्तियों को लेकर कई बदलाव प्रस्तावित हैं। इस बिल के लागू होने पर वक्फ बोर्डों को संपत्तियों के अधिग्रहण और प्रशासन में सीमित शक्तियां मिल सकती हैं। सरकार का दावा है कि यह बिल पारदर्शिता लाएगा, जबकि विपक्ष इसे अल्पसंख्यकों के खिलाफ कदम बता रहा है। वहीं विपक्षी सांसदों का कहना है कि अगर नया बिल पास हो जाता है, तो भारत में वक्फ संपत्तियों को लेकर कानूनी प्रक्रियाएं बदल सकती हैं। इसमें संपत्तियों की निगरानी, अधिग्रहण और सरकारी दखल की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।
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