खालिस्तानियों के डर से काली और त्रिवेणी मंदिर में कैंप रद्द, हिंदू बोले-आस्था के केंद्रों में जाना मुश्किल हुआ
- कनाडा के हिंदू मंदिरों में होने वाले दो कौंसुलर कैंप्स को सुरक्षा कारणों के चलते रद्द कर दिया गया है। यह दोनों कैंप ग्रेटर टोरंटो एरिया में इस हफ्ते के अंत में होने वाले थे।
कनाडा के हिंदू मंदिरों में होने वाले दो कौंसुलर कैंप्स को सुरक्षा कारणों के चलते रद्द कर दिया गया है। यह दोनों कैंप ग्रेटर टोरंटो एरिया में इस हफ्ते के अंत में होने वाले थे। इनमें से एक ब्रैम्पटन के त्रिवेणी मंदिर और कम्यूनिटी सेंटर में 16 नवंबर को होना था। जबकि दूसरा टोरंटो स्थित काली बाड़ी में 17 नवंबर को होने वाला था। इससे पहले तीन नवंबर को ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में खालिस्तानियों ने हमला किया था। इसको लेकर कनाडा में रह रहे हिंदू समुदाय में काफी रोष है। गौरतलब है कि कनाडा में रह रहे हिंदुओं के लिए खालिस्तानी लगातार मुश्किल पैदा कर रहे हैं। कनाडाई सरकार ने इसका लेकर अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। इस बीच वहां रह हिंदुओं का कहना है कि हमारे लिए आस्था के केंद्रों में जाना मुश्किल हो गया है।
दोनों मंदिरों की तरफ से इस बात की पुष्टि की गई है कि वह कौंसुलर कैंप्स का आयोजन नहीं कर रहे हैं। त्रिवेणी मंदिर ने कैंप को रद्द करने के संबंध में बयान भी जारी किया है। इसमें कहा गया है कि पील रीजनल पुलिस को इस बारे में खुफिया सूचना मिलने के बाद यह कदम उठाया गया है। इस सूचना के मुताबिक यहां पर बड़े स्तर के हिंसक प्रदर्शनों की धमकी मिली थी। बयान में इन कैंपों पर आश्रित समुदाय से माफी मांगी गई है। इसमें कहा गया है कि हम यह बताते हुए बेहद दुखी हैं कि कनाडा के लोग अब यहां के हिंदू मंदिरों में आने से डरने लगे हैं।
इसी तरह काली बाड़ी मंदिर ट्रस्ट के दो सदस्यों ने कौंसुलर कैंप्स को रद्द किए जाने की पुष्टि की है। एक ट्रस्ट्री ने कहाकि हिंदू सभा में जो कुछ हुआ, उसके बाद हम अपनी सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित हैं। काली बाड़ी सचिव अयान मुखर्जी ने कहाकि हमने शनिवार को होने वाला अपना कैंप कैंसिल कर दिया है। वहीं, त्रिवेणी मंदिर के प्रेसीडेंट युधिष्ठिर धनराज ने कहाकि कैंप को रद्द करने का फैसला हमारे लिए बेहद मुश्किल था। मूल रूप से गुयाना के रहने वाले धनराज ने कहाकि अपरोक्ष तौर पर हमें कार्यक्रम रद्द करने के लिए बाध्य किया गया। अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस ने ऑनलाइन नोटिस जारी कर कौंसुलर कैंप आयोजित करने जा रहे इन दोनों मंदिरों की पहचान की थी।
इससे पहले टोरंटो स्थित भारतीय कौंसुलेट पिछले हफ्ते ही ऐलान कर दिया था कि वह अपने कुछ कौंसुलर कैंप्स को रद्द करने जा रहा है। बुधवार को एक्स पर पोस्ट बयान में कहा गया कि सुरक्षा एजेंसियां कम्यूनिटी कैंप आयोजकों की सुरक्षा को लेकर हाथ खड़े कर रही हैं। इसलिए हम पहले से तय अपने कुछ कौंसुलर कैंप्स को रद्द करने का फैसला किया है। इन कैंपों का अयोजन पेंशनर्स को लाइफ सर्टिफिकेट देने के लिए होना था। बुजुर्गों की सहूलियत को देखते हुए उनके घरों के आस-पास यह कैंप्स आयोजित किए गए थे।
विश्व जैन संगठन, कनाडा ने इन शिविरों के रद्द होने को अस्वीकार्य बताया है। संगठन ने कहाकि कनाडा की पुलिस और नेता यहां पर हिंदू समुदाय की रक्षा करने में नाकाम रहे हैं। कोलिशन ऑफ हिंदूज ऑफ नॉर्थ अमेरिका (कोहना) की कनाडाई शाखा ने भी इसको लेकर बयान दिया है। इसमें कहा गया है कि कनाडा के लिए यह परेशानी का क्षण है जब उसकी पुलिस कनाडा के हिंदुओं के अधिकारों की रक्षा करने के बजाय चरमपंथी खतरों के आगे घुटने टेकती दिखाई देती है। हिंसक धमकियों के चलते मंदिरों पर कार्यक्रमों को रद्द का दबाव डालना हिंदू कनाडाई लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता को कमजोर करता है और अविश्वास बढ़ाता है।
एक अन्य बयान में संगठन हिंदू कम्यूनिटी ऑफ कनाडा ने सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियों से शांति एवं सुरक्षा बहाल करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया। साथ ही संगठन ने यह सवाल भी उठाया कि यह लोग बढ़ते खतरों से कैसे निपटेंगे और हमारे समुदाय की रक्षा कैसे करेंगे।
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