कनाडा में खालिस्तानी एक्टिव, 4-5 दिन में बड़े बवाल की आशंका; हिन्दू मंदिरों के कार्यक्रम टले
- कनाडा के हिंदू मंदिर में होने वाला एक कार्यक्रम खालिस्तानी धमकी के बाद रद्द कर दिया गया है। यह कार्यक्रम भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित किया जाना था।
कनाडा के हिंदू मंदिर में होने वाला एक कार्यक्रम खालिस्तानी धमकी के बाद रद्द कर दिया गया है। यह कार्यक्रम भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित किया जाना था। ब्रैम्पटन त्रिवेणी कम्यूनिटी सेंटर में होने वाले इस कार्यक्रम के दौरान हिंदुओं और सिखों को जीवन प्रमाण पत्र दिया जाना था। यह कार्यक्रम 17 नवंबर को होने वाला था, लेकिन उससे पहले हिंसक विरोध प्रदर्शन की धमकियां मिलने लगी थीं। ब्रैम्पटन त्रिवेणी कम्यूनिटी सेंटर की तरफ से जारी बयान में इस बात की जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया है ब्रैम्पटन त्रिवेणी मंदिर में होने वाला लाइफ सर्टिफिकेट इवेंट कैंसिल कर दिया गया है। पील रीजनल पुलिस को खुफिया सूचना मिली थी कि यहां पर बहुत ही खतरनाक स्तर का हिंसक विरोध होने वाला है। इसके बाद यह फैसला लिया गया। गौरतलब है कि ग्रेटर टोरंटो एरिया में 16-17 नवंबर के दिन बड़े बवाल की आशंका है।
त्रिवेणी कम्यूनिटी सेंटर ने पील पुलिस से गुहार लगाई है कि वह मंदिर को मिलने वाली धमकी पर ऐक्शन ले। साथ ही कनाडा में रहने वाले हिंदुओं और आम लोगों की रक्षा करे। हम उन सभी समुदाय के सदस्यों से माफी मांगते हैं जो कार्यक्रम में आने वाले थे। हमें बहुत दुख है कि कनाडा के लोग अब यहां के हिंदू मंदिरों में आने में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। ब्रैम्पटन त्रिवेणी मंदिर और सामुदायिक केंद्र हिंदुओं और समान विचारधारा वाले व्यक्तियों के लिए एक आध्यात्मिक केंद्र है। यहां पर पूजा, कीर्तन, सेवा और प्रवचन वगैरह होता है।
इस बीच कनाडा की पील रीजनल पुलिस के चीफ, नीशान दुरियप्पाह ने ब्रैम्पटन त्रिवेणी मंदिर और कम्यूनिटी सेंटर को पत्र लिखा है। इसमें रद्द किए गए कांसुलर कैंप को 17 नवंबर को रिशिड्यूल करने की बात कही गई है। पत्र में लिखा है कि हमें यकीन है कि एक अस्थायी स्थगन वर्तमान तनाव को कम करने और आपके स्थान पर उपस्थित लोगों की भलाई की सुरक्षा बेहतर कर सकता है।
इससे पहले तीन नवंबर को टोरंटो के पास ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में स्थित वाणिज्य दूतावास के शिविर में खालिस्तानी समर्थकों ने हिंसक तरीके से हमला किया था। इस हमले की कनाडा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक निंदा हुई थी। वीडियो में दिखाया गया है कि मंदिर के आसपास के मैदान में लड़ाई हो रही है और लोग एक-दूसरे को डंडे से मार रहे हैं। पील क्षेत्रीय पुलिस ने मंदिर में प्रदर्शन के दौरान विवाद का जवाब दिया। शनिवार को जारी एक बयान में कहा गया कि जैसे-जैसे विरोधी पक्षों के बीच तनाव बढ़ता गया, प्रदर्शन आक्रामक हो गया।
कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए हमले की पीएम मोदी ने भी निंदा की थी। उन्होंने इसे एक कायरतापूर्ण कृत्य बताते हुए कहा था कि यह स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कनाडाई अधिकारियों से मामले में तेजी से कार्रवाई करने और लोगों को न्याय दिलाने के लिए कहा था। उन्होंने एक्स पर लिखा था मैं कनाडा में हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारे राजनयिकों को डराने के कायरतापूर्ण प्रयास भी उतने ही भयावह हैं। हिंसा के ऐसे कृत्य भारत के संकल्प को कभी कमजोर नहीं करेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि कनाडा सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून का शासन बनाए रखेगी। इस घटना की कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि कनाडा में रहने वाले सभी लोगों को अपने धर्म का पालन करने और सुरक्षित रहने का अधिकार है।
हिंसा मामले में गिरफ्तारी
कनाडा पुलिस ने ब्रैम्पटन के 35 वर्षीय एक व्यक्ति को शहर के एक हिंदू मंदिर में हिंसक प्रदर्शन के दौरान हथियार से हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। टोरंटो स्टार के मुताबिक गिरफ्तार किए गए शख्स का नाम इंदरजीत गोसल है। गोसल कनाडा में सिख्स फॉर जस्टिस का को-ऑर्डिनेटर है। गौरतलब है कि यह संगठन भारत में प्रतिबंधित है। पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान हुई घटनाओं की जांच शुरू की है। इसके कई वीडियो मिले हैं, जिसमें झंडे और डंडे से लोगों पर हमले किए जा रहे हैं।
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