Hindi Newsविदेश न्यूज़Bangladesh High Court backed down from banning ISKCON demand for ban was raised after protests

सबूत नहीं तो बैन नहीं; बांग्लादेश हाई कोर्ट ने ISKCON पर प्रतिबंध लगाने से किया इनकार

बांग्लादेश हाई कोर्ट ने आज इस्कॉन (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस) की गतिविधियों पर बैन लगाने के लिए सुओ मोटो पारित करने से इनकार कर दिया।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानThu, 28 Nov 2024 02:36 PM
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बांग्लादेश हाई कोर्ट ने आज इस्कॉन (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस) की गतिविधियों पर बैन लगाने के लिए सुओ मोटो पारित करने से इनकार कर दिया। अदालत ने यह कहते हुए मामला खारिज कर दिया कि बिना ठोस सबूत के इस पर स्वतः संज्ञान नहीं लिया जा सकता। यह कदम लगातार बढ़ते दबाव और देशभर में फैल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच उठाया गया है। इस विवाद की शुरुआत इस्कॉन महंत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद हुई थी। उनकी गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में विरोध फैल गया था जिसके बाद इस्कॉन को बैन करने के लिए याचिका दायर की गई थी।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर मचा था बवाल

इस्कॉन महंत चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के आरोप में सोमवार को गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने चटगांव में एक रैली के दौरान देश के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए। इस गिरफ्तारी के बाद इस्कॉन समर्थकों और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने देशव्यापी प्रदर्शन शुरू कर दिया। इन प्रदर्शनों की अगुवाई चिन्मयकृष्ण के अनुयायियों ने की।

इस्कॉन को बैन करने की याचिका पर बोला हाई कोर्ट

स्थिति और अधिक गंभीर तब हो गई जब बांग्लादेश की हाई कोर्ट में इस्कॉन को प्रतिबंधित करने और चटगांव और रंगपुर में आपातकाल लागू करने की याचिका दायर की गई। बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल कार्यालय ने इस्कॉन पर सख्त कार्रवाई की मांग की, लेकिन अदालत ने यह कहते हुए मामला खारिज कर दिया कि बिना ठोस सबूत के इस पर स्वतः संज्ञान नहीं लिया जा सकता।

हाई कोर्ट के फैसले के बाद इस्कॉन के कोलकाता शाखा के उपाध्यक्ष राधारमन दास ने इसे न्याय की जीत बताया। उन्होंने कहा, "हम पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया। यह लाखों भक्तों के लिए राहत की बात है।"

अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा रोकने में नाकाम यूनुस सरकार

गौरतलब है कि शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद से बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। आरोप है कि मोहम्मद यूनुस की नई अंतरिम सरकार इन घटनाओं को रोकने में नाकाम रही है।

इस बीच, भारत भी इस स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इस मामले पर चर्चा की है। भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है। फिलहाल बांग्लादेश में मौजूदा स्थिति ने वहां की सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और इस्कॉन के खिलाफ मामला राजनीतिक विवाद को और अधिक भड़का सकता है।

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