Hindi Newsविदेश न्यूज़Bangladesh Border Guard ordered not to show its back on border with India

बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड को भारत से लगी सीमा पर पीठ न दिखाने का आदेश, क्या जंग के मूड में नई सत्ता?

  • सखावत ने कहा, 'उन्होंने (शेख हसीना की पिछली सरकार) ने बीजीबी जैसी सेना को सीमा पर अपनी पीठ दिखाने का निर्देश दिया। उन्होंने (भारतीय बलों ने) बीजीबी को फ्लैग मीटिंग करने के लिए मजबूर किया गया।'

Niteesh Kumar एजेंसियांTue, 13 Aug 2024 10:53 PM
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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के गृह सलाहकार सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर जनरल एम सखावत हुसैन ने भड़काऊ बयान दिया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि 'बॉर्डर गार्ड बांलादेश' के जवानों के लिए भारत के साथ देश की सीमा पर अपनी पीठ दिखाने के दिन अब खत्म हो गए हैं। सखावत ने आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन के दौरान घायल हुए बीजीबी सदस्यों को देखने के लिए बॉर्डर गार्ड अस्पताल का दौरा किया। इसके बाद उन्होंने संवाददाताओं को कहा, 'उन्होंने (शेख हसीना की पिछली सरकार) ने बीजीबी जैसी सेना को सीमा पर अपनी पीठ दिखाने का निर्देश दिया। उन्होंने (भारतीय बलों ने) बीजीबी को फ्लैग मीटिंग करने के लिए मजबूर किया गया। मैंने उनसे कहा कि वे अपनी पीठ न दिखाएं। अब बहुत हो गया है। वे दिन खत्म हो गए।'

रिपोर्ट के मुताबिक, जनरल एम सखावत हुसैन ने आरोप लगाया कि भारत के सीमा सुरक्षा बल ने बांग्लादेश के क्षेत्र में प्रवेश करने वाले लोगों को मार डाला। गृह सलाहकार ने शेख हसीना की अपदस्थ सरकार के परोक्ष संदर्भ में कहा, 'उन्होंने पुलिस, रैपिड एक्शन बटालियन और अंसार सहित बलों को राक्षसों में बदल दिया था। भगवान का शुक्र है, वे बांग्लादेश सेना के लिए ऐसा नहीं कर सके। हमने उन्हें ऐसा करने से प्रतिबंधित कर दिया है।'

विद्रोह के बीच भारत भाग गईं शेख हसीना

मालूम हो कि शेख हसीना अपने खिलाफ बड़े पैमाने पर विद्रोह के बीच 5 अगस्त को भारत भाग गई थीं। सेखावत ने कहा, 'राष्ट्रीय बल किसी का निजी नहीं है। मैं उन्हें घर और बाहर न्याय के कठघरे में लाने की कोशिश करूंगा। उन्होंने पहले ही उन लोगों के खिलाफ कुछ कार्रवाई की है जिन्होंने पुलिस बल को राक्षस बना दिया है।' बांग्लादेश में 5 अगस्त को शेख हसीना नीत सरकार के गिरने के बाद देशभर में भड़की हिंसा की घटनाओं में 230 से अधिक लोग मारे गए हैं। जुलाई के मध्य में पहली बार कोटा विरोधी प्रदर्शन शुरू होने के बाद से हिंसा में मरने वालों की कुल संख्या 560 हो गई है।

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