Hindi Newsविदेश न्यूज़After France UK Keir Starmer voices support for India permanent membership at UNSC

वैश्विक मंच पर भारत का बोलबाला- फ्रांस के बाद अब ब्रिटेन ने किया UNSC में स्थायी सीट का समर्थन

  • फ्रांस के राष्ट्रपति के बाद अब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने भी UNSC में भारत को स्थायी सदस्यता देने का समर्थन दिया है। कीर स्टारमर ने कहा है कि सुरक्षा परिषद में सभी का प्रतिनिधित्व होना चाहिए।

Jagriti Kumari लाइव हिन्दुस्तानFri, 27 Sep 2024 01:35 PM
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लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग कर रहे भारत के समर्थन में कई देश अब खुलकर बोल रहे हैं। इसी कड़ी में अब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्थायी सीट के लिए भारत की दावेदारी के लिए अपना समर्थन देने की बात की है। इससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी बुधवार को भारत को समर्थन देने की बात की थी। भारत लंबे समय से सुरक्षा परिषद में सुधारों के लिए दुनिया के कई देशों की मांग का नेतृत्व कर रहा है।

न्यूयॉर्क में महासभा में बोलते हुए कीर स्टारमर ने कहा, "सुरक्षा परिषद को एक ऐसा निकाय होना चाहिए जिसमें अधिक से अधिक लोगों का प्रतिनिधित्व हो। इसके लिए UNSC में बदलाव की जरूरत है। समूह को कार्य करने के लिए इच्छुक होना चाहिए और राजनीति से दूर रहना चाहिए।" पीएम कीर स्टारमर ने कहा, "हम परिषद में अफ्रीकी प्रतिनिधित्व और ब्राजील, भारत, जापान और जर्मनी को स्थायी सदस्य के रूप में देखना चाहते हैं। निर्वाचित सदस्यों के लिए भी और अधिक सीटें होनी चाहिए।

स्थायी सीट के हकदार- भारत

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत का हालिया कार्यकाल 2021 से 2022 तक एक गैर-स्थायी सदस्य के रूप में था। मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए परिषद में स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने की मांग बढ़ रही है। भारत ने जोर देकर कहा है कि वह संयुक्त राष्ट्र के इस परिषद में स्थायी सीट का हकदार है। भारत का तर्क है कि 1945 में स्थापित 15 सदस्यीय परिषद पुरानी हो चुकी है और 21वीं सदी के वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य का प्रतिनिधित्व नहीं करती है।

फ्रांस का समर्थन

इमैनुएल मैक्रों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत का समर्थन किया है। फ्रांस ने समूह के विस्तार की भी वकालत की है। मैक्रों ने बुधवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान कहा, "फ्रांस सुरक्षा परिषद के विस्तार के पक्ष में है। जर्मनी, जापान, भारत और ब्राजील को स्थायी सदस्य होना चाहिए। अफ्रीकी देशों का भी प्रतिनिधित्व होना चाहिए।" मैक्रों की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रविवार को ‘समिट ऑफ द फ्यूचर' में संबोधन के बाद आई है। संबोधन में उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि वैश्विक शांति और विकास के लिए संस्थानों में सुधार आवश्यक हैं। पीएम मोदी ने कहा था कि सुधार प्रासंगिकता की कुंजी है। शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी कहा है कि UNSC का अधिकार कम होता जा रहा है और चेतावनी दी कि अगर इसमें सुधार नहीं हुए तो यह अपनी विश्वसनीयता खो देगा।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 15 सदस्य देशों का एक समूह है। इस समूह में वीटो पावर वाले पांच स्थायी सदस्य (अमेरिका, चीन, फ्रांस, रूस और यूनाइटेड किंगडम) और 10 गैर-स्थायी सदस्य शामिल हैं जो दो साल का कार्यकाल पूरा करते हैं। परिषद के प्राथमिक जिम्मेदारियों की बात करें तो दुनिया में शांति बनाए रखना और जरूरी होने पर शांति का उल्लंघन करने वाले देशों कर प्रतिबंध लगाना शामिल है। यह वैश्विक संकटों और संघर्षों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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