40 साल में पहली बार टूटेगा रिकॉर्ड या फिर सही बैठेगी भविष्यवाणी, ट्रंप या हैरिस? दिग्गज ज्योतिषी ने बताया
- अगला राष्ट्रपति कौन बनेगा, कमला हैरिस या डोनाल्ड ट्रंप? इस सवाल के जवाब में अधिकांश सर्वेक्षण असफल रहे हैं, लेकिन अमेरिकी लेखक और राजनीतिक भविष्यवक्ता एलन लिक्टमैन ने अपनी राय साझा की है।
अमेरिका में चल रहे चुनावों के बीच एक महत्वपूर्ण सवाल उठ रहा है कि अगला राष्ट्रपति कौन बनेगा, कमला हैरिस या डोनाल्ड ट्रंप? इस सवाल के जवाब में अधिकांश सर्वेक्षण असफल रहे हैं, लेकिन अमेरिकी लेखक और राजनीतिक भविष्यवक्ता एलन लिक्टमैन ने अपनी राय साझा की है। कई लोग लिक्टमैन को यूएस का नास्त्रेदमस भी कहते हैं। उन्होंने दावा किया है कि कमला हैरिस अपने प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप पर भारी पड़ने वाली हैं। गौरतलब है कि उन्होंने पिछले 40 वर्षों में लगातार सही चुनावी भविष्यवाणी की है।
एनडीटीवी से बातचीत में लिक्टमैन ने चुनावी सर्वे को खारिज करते हुए कहा, "इन सभी ओपिनियन पोल को आग के हवाले कर देना चाहिए। मैं कह रहा हूं कि हमारे पास कमला हैरिस होंगी। वह पहली महिला और अफ्रीकी-एशियाई मूल की पहली राष्ट्रपति बनने जा रही हैं। यह अमेरिका की दिशा का पूर्वाभास है। हम बहुसंख्यक से अल्पसंख्यक की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं।"
बता दें लिक्टमैन उनके मॉडल ने 1984 से अब तक हर चुनाव के विजेता की सही भविष्यवाणी की है, जिसमें कई बार उनकी भविष्यवाणियां लोकप्रिय धारणा के विपरीत थीं। लिक्टमैन ने 2016 में डोनाल्ड ट्रंप की जीत की भविष्यवाणी की, जबकि उस समय अन्य सभी सर्वेक्षण हिलेरी क्लिंटन को जीतता दिखा रहे थे। सर्वे की बात करें तो सबसे प्रतिष्ठित प्रिंसटन यूनिवर्सिटी कंसोर्टियम ने हिलेरी क्लिंटन की जीत की भविष्यवाणी की थी।
खबर लिखे जाने तक अमेरिका में मतदान की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अमेरिका भर में प्रारंभिक मतदान और डाक से मतदान पर नजर रखने वाले फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के ‘इलेक्शन लैब’ के अनुसार, 7.8 करोड़ से अधिक अमेरिकी पहले ही अपने वोट डाल चुके हैं। सात अहम राज्यों में से पेंसिल्वेनिया सबसे महत्वपूर्ण राज्य बनकर उभरा है, जिसके पास 19 निर्वाचक मंडल वोट हैं। इसके बाद नॉर्थ कैरोलाइना और जॉर्जिया में 16-16, मिशिगन में 15 और एरिजोना में 11 निर्वाचक मंडल वोट हैं। अन्य अहम राज्य विस्कॉन्सिन में 10 और नेवादा में छह निर्वाचक मंडल वोट हैं।
अमेरिका में 50 राज्य हैं और उनमें से अधिकतर राज्य हर चुनाव में एक ही पार्टी को वोट देते रहे हैं, सिवाय ‘स्विंग’ राज्यों के । बताया जाता है कि चुनावी रूप से अहम माने जाने वाले इन ‘स्विंग’ राज्यों में मतदाताओं का रुझान बदलता रहता है। जनसंख्या के आधार पर राज्यों को निर्वाचक मंडल के वोट दिए जाते हैं। कुल 538 निर्वाचक मंडल वोट के लिए मतदान होता है। 270 या उससे अधिक निर्वाचक मंडल वोट पाने वाले उम्मीदवार को चुनाव में विजेता घोषित किया जाता है। इस चुनाव को ऐतिहासिक बताया जा रहा है क्योंकि यह पिछले कई दशकों में राष्ट्रपति पद के सबसे कड़े मुकाबले वाले चुनावों में से एक माना जा रहा है।
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