हिमाचल में मस्जिद विवाद को लेकर प्रदर्शन में VHP कार्यकर्ता की मौत, चलते-चलते अचानक गिरा; VIDEO
- यह प्रदर्शन देवभूमि संघर्ष समिति के आह्वान पर राज्य के विभिन्न जिलों में किए गए। यह वही संगठन है जो बीते कई सप्ताह से बाहरी लोगों के सा की मांग के लिए आंदोलन चला रहा है।
हिमाचल प्रदेश में शिमला की संजौली मस्जिद से शुरू हुए विवाद के बाद इन दिनों प्रदेश भर में अवैध मस्जिदों और बाहरी लोगों की पहचान का मुद्दा गर्माया हुआ है। इसी कड़ी में शनिवार को प्रदेश के कई जिलों में अवैध मस्जिदों को हटाने, वक्फ बोर्ड को खत्म करने और बाहरी मजदूरों के सत्यापन की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ। इसी प्रदर्शन के दौरान हमीरपुर में निकल रहे एक जुलूस में विश्व हिंदू परिषद के 46 वर्षीय एक कार्यकर्ता की अचानक चलते-चलते दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।
मृतक का नाम वीरेंद्र परमार बताया जा रहा है। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें परमार गले में भगवा गमछा डाले जुलूस के साथ चलते नजर आ रहे हैं और इसी बीच अचानक चक्कर खाकर गिर पड़ते हैं। परमार जब गश खाकर गिरे, तब वे अन्य आंदोलनकारियों के साथ अधिकारियों को ज्ञापन सौंपने जा रहे थे। इसके बाद उन्हें पुलिस वाहन से हमीरपुर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। प्रथम दृष्टया मौत का कारण दिल का दौरा पड़ना बताया जा रहा है।
यह प्रदर्शन देवभूमि संघर्ष समिति के आह्वान पर राज्य के विभिन्न जिलों में किए गए। यह वही संगठन है जो बीते कई सप्ताह से शिमला की संजौली मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने और प्रवासियों के अनिवार्य सत्यापन की मांग के लिए आंदोलन चला रहा है। इस दौरान शनिवार को इस तरह के प्रदर्शन हमीरपुर के अलावा शिमला, मंडी, चम्बा और नाहन शहरों में हुए, जिनमें बड़ी संख्या में लोगों ने शामिल होकर अपना विरोध जताया।
इस बीच समिति के सह-संयोजक मदन ठाकुर ने कहा कि वे भविष्य की रणनीति तय करने से पहले विवादित मस्जिद पर 5 अक्टूबर तक नगर निगम न्यायालय के फैसले का इंतजार करेंगे। उन्होंने 5 अक्टूबर के बाद जेल भरो आंदोलन करने की भी धमकी दी।
पीटीआई से बात करते हुए ठाकुर न कहा, 'हमारे खिलाफ FIR दर्ज की गई हैं और AIMIM नेता शोएब जामई के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिन्होंने संजौली मस्जिद से वीडियो बनाकर लोगों की भावनाओं को भड़काया है, जबकि वहां तो स्थानीय लोगों को भी जाने की अनुमति नहीं है।'
बता दें कि जामई ने हाल ही में विवादित मस्जिद से वीडियो बनाकर कहा था कि वे एक जनहित याचिका दायर करेंगे, जिसमें पूछा जाएगा कि आसपास की चार मंजिलों से अधिक की इमारतों को अवैध क्यों नहीं माना जा रहा है। स्थानीय मुस्लिम नेताओं के साथ-साथ कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने भी इस कृत्य की निंदा की थी।
इससे पहले 11 सितंबर को जब संजौली मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने की मांग कर रहे लोग बैरिकेड तोड़कर मस्जिद के करीब पहुंचे और पथराव किया, तो पुलिस ने लाठीचार्ज और पानी की बौछार की मदद से उन्हें खदेड़ दिया था। इस झड़प में छह पुलिसकर्मी और चार प्रदर्शनकारी घायल हुए थे। जिसके बाद 50 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
ठाकुर ने कहा, 'वक्फ बोर्ड को खत्म किया जाना चाहिए, प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामले वापस लिए जाने चाहिए, अनधिकृत मस्जिद को गिराया जाना चाहिए और बाहरी लोगों की पहचान और सत्यापन अनिवार्य किया जाना चाहिए।'
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