पहली बार पति-पत्नी साथ विधायक; हिमाचल में उपचुनाव के बाद बना एक और रिकॉर्ड
हिमाचल प्रदेश में हुए उपचुनाव में इस बार दो रिकॉर्ड दर्ज किए गए। पहली बार पति-पत्नी एक साथ सदन में विधायक के रूप में नजर आएंगे। इसके साथ ही इस उपचुनाव में एक और रिकॉर्ड भी दर्ज किया गया है।
हिमाचल प्रदेश में हुए उपचुनाव में इस बार दो रिकॉर्ड दर्ज किए गए। पहली बार पति-पत्नी एक साथ विधायक के रूप में नजर आएंगे। यह भी पहली बार हुआ कि हिमाचल प्रदेश का विधानसभा बिना किसी निर्दलीय सदस्य के नजर आएगा। साथ ही 2022 के विधानसभा चुनाव में 40 सीटें जीतने वाली कांग्रेस ने फिर से 40 का आंकड़ा छू लिया है।
देहरा सीट से विधानसभा उपचुनाव में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर की जीत ने राज्य में इतिहास रच दिया है। पहली बार कोई पति-पत्नी विधानसभा के सदस्य के रूप में एक साथ नजर आएंगे। इसके अलावा इस उपचुनाव में कोई भी निर्दलीय नहीं चुना गया। यह भी पहली बार हुआ कि हिमाचल प्रदेश का विधानसभा बिना किसी निर्दलीय सदस्य के नजर आएगा।
2022 के विधानसभा चुनाव में 40 सीटें जीतने वाली कांग्रेस की ताकत फिर से बढ़कर 40 हो गई है। इस साल जून में चार उपचुनाव जीतने के बाद 68 सदस्यीय विधानसभा में 38 सीटों के साथ स्थिर हुई कांग्रेस सरकार और मजबूत हो गई है। इससे पहले 2017 के विधानसभा चुनावों में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह के निर्वाचित होने से एक रिकॉर्ड कायम हुआ था। संयोग से दोनों सदन के सबसे पुराने और सबसे कम उम्र के सदस्य थे।
कांग्रेस की दिग्गज नेता सरला शर्मा और उनके पति परसराम (सीपीआईएम) भी विधानसभा के सदस्य रहे, लेकिन वे कभी भी एक ही सदन के सदस्य नहीं रहे। 1967 में परसराम निर्वाचित हुए, लेकिन कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ीं उनकी पत्नी चुनाव हार गईं। इस जोड़े ने दो अलग-अलग विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ा था और 1972 के विधानसभा चुनावों में इसका उलटा हुआ था।
2022 के विधानसभा चुनावों में पच्छाद निर्वाचन क्षेत्र से चुनी गईं भाजपा की रीना कश्यप सदन में अकेली महिला सदस्य थीं, लेकिन कमलेश ठाकुर की जीत के साथ अब महिला सदस्यों की संख्या दो हो गई है।
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