शिमला के भूस्खलन प्रभावित इलाके में फंसे थे आर्मी के 18 जवान, एयरफोर्स ने किया रेस्क्यू
एयरफोर्स के चिनूक हेलीकॉप्टर ने हिमाचल प्रदेश के शिमला के पास भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों में बचाव प्रयासों के लिए एक ही उड़ान में 18 भारतीय सेना के जवानों और 3 टन के मिनी डोजर को एयरलिफ्ट किया है।
हिमाचल प्रदेश में मानसून का प्रकोप जारी है। सूबे की राजधानी शिमला में भूस्खलन की घटनाओं में अबतक 55 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। SDRF पुलिस और प्रशासन की टीमें रेस्क्यू अभियान चला रही हैं। वहीं, मंडी जिले में भारी बारिश के चलते तबाही मची हुई है। सूबे में जलप्रलय जैसे हालत बने हुए हैं। मंगलवार को भारतीय वायुसेना ने भूस्खलन प्रभावित इलाके में फंसे आर्मी के 18 जवानों को एयरलिफ्ट किया है। चिनूक हेलीकॉप्टर से 18 भारतीय सेना के जवानों और 3 टन के मिनी डोजर को एयरलिफ्ट किया गया।
15 अगस्त को जारी भारतीय वायु सेना की आधिकारिक सूचना के मुताबिक, पश्चिमी वायु कमान के एक चिनूक हेलीकॉप्टर ने हिमाचल प्रदेश के शिमला के पास भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों में बचाव प्रयासों के लिए एक ही उड़ान में 18 भारतीय सेना के जवानों और 3 टन के मिनी डोजर को एयरलिफ्ट किया है।
हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में लगातार बारिश का कहर जारी है, पिछले कुछ हफ्तों से भारी बारिश हो रही है जिसके परिणामस्वरूप इमारतों और संपत्तियों को नुकसान हुआ है। मंगलवार को शिमला के कृष्णा नगर इलाके में भूस्खलन के बाद पांच से सात घर ढह गए। अधिकारियों के मुताबिक, कुछ निवासियों के मलबे में फंसे होने की आशंका है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और राज्य पुलिस के अधिकारियों ने बचाव अभियान शुरू किया।
शिमला के एसपी संजीव गांधी ने कहा, "हमारा प्राथमिक ध्यान अधिक से अधिक लोगों को बचाने पर है। अब तक एक मौत की सूचना मिली है। सभी एजेंसियां लोगों को बचाने के लिए काम कर रही हैं। लगभग 10-15 घरों को खाली कर सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। नुकसान संपत्ति का अभी पता नहीं चल पाया है।"
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण भूस्खलन, बादल फटने और सड़कें अवरुद्ध होने से कम से कम 55 लोगों की जान चली गई है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को प्राकृतिक आपदा प्रबंधन के लिए हाई पावर कमेटी के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि पिछले चार दिनों में बारिश में 157 प्रतिशत की वृद्धि के कारण पूरे राज्य में व्यापक क्षति हुई है।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य सरकार प्राथमिकता के आधार पर बहाली के प्रयासों में तेजी लाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कुल 1220 अवरुद्ध सड़कों में से लगभग 400 को फिर से चालू कर दिया गया है। उन्होंने प्रतिकूल रूप से प्रभावित बिजली और पानी की योजनाओं को शीघ्रता से बहाल करने के निर्देश दिये।
शिमला में मूसलाधार बारिश के चलते 500 से अधिक पेड़ उखड़ गए हैं। जिससे स्थानीय निवासियों के लिए संभावित चुनौतियाँ पैदा हो गईं। इन चिंताओं को कम करने के लिए, वन विभाग को गिरे हुए पेड़ों के त्वरित और उचित निपटान के लिए निर्देशित किया गया है। हिमाचल प्रदेश में अगले कुछ दिन भारी बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है।
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