हिमाचल में खत्म होगा दो महीने का सूखा, इस दिन से जमकर होगी बारिश; शिमला और मनाली में गिरेगी बर्फ
Himachal weather forecast: पूरा प्रदेश भीषण सर्दी की जद में है। बीते 24 घंटों के दौरान न्यूनतम तापमान में 1.4 डिग्री की गिरावट आई है। मैदानी क्षेत्रों में भी पारा शून्य के नीचे दर्ज किया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश में पिछले करीब दो महीने से चल रहे शुष्क मौसम से जल्द निजात मिलेगी। राज्य में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से मौसम में बदलाव आएगा। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला द्वारा जारी पूर्वानुमान के मुताबिक, 31 जनवरी से दो फरवरी तक समूचे प्रदेश में विक्षोभ का असर देखने को मिलेगा। इस दौरान मैदानी भागों में बारिश और पर्वतीय इलाकों में बर्फ गिरने की प्रबल संभावना है। 28 से 30 जनवरी तक भी पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम खराब रहेगा, जबकि मैदानों में मौसम शुष्क बना रहेगा।
शिमला और मनाली में गिरेगी बर्फ
मौसम विभाग के इस पूर्वानुमान से राज्य में अच्छी बारिश-बर्फबारी होने की संभावना जगी है। बर्फबारी को तरस रहे पर्यटन स्थलों- शिमला और मनाली में सर्दियों में पहली बार बर्फ का नजारा देखने को मिलेगा। शिमला शहर में तो पिछले दो साल से बर्फबारी नहीं हुई है। यही हाल अन्य मशहूर पर्यटक स्थलों का है। बर्फबारी के अभाव में राज्य के पर्यटन स्थल सैलानियों से सूने पड़े हैं और इससे पर्यटन कारोबार प्रभावित हुआ है। ऐसे में 31 जनवरी के बाद जमकर बारिश होने की भविष्यवाणी की गई है।
छह शहरों का माइनस में पारा, बिलासपुर में घना कोहरा
हिमाचल प्रदेश में ठंड कहर बरपा रही है। पूरा प्रदेश भीषण सर्दी की जद में है। बीते 24 घंटों के दौरान न्यूनतम तापमान में 1.4 डिग्री की गिरावट आई है। राज्य के मैदानी क्षेत्रों में भी पारा शून्य के नीचे दर्ज किया जा रहा है। राज्य के छह शहरों का न्यूनतम पारा शनिवार को माइनस में रिकॉर्ड किया गया। राजधानी शिमला समेत राज्य के अधिकांश हिस्सों में शनिवार को धूप खिलने से मौसम सुहावना रहा। हालांकि बिलासपुर में दोपहर तक घना कोहरा छाया और दृश्यता कम होने से वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
कहां कितना पारा?
मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक लाहौल स्पीति जिला का समधो सबसे ठंडा रहा, जहां न्यूनतम तापमान -5.9 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। इसके अलावा कुकुमसेरी में -5.8 डिग्री, कल्पा में -3.6 डिग्री, नारकंडा में -2.1 डिग्री, मनाली में -1.5 डिग्री और रिकांगपिओ में -0.8 डिग्री सेल्सियस रहा। इसी तरह सराहन व सियोवाग में 0.5 डिग्री, भरमौर व मंडी में 0.9, भुंतर में 0.7, बरठीं में 1 डिग्री, सुंदरनगर में 1.1, शिमला में 4, ऊना में 3,धर्मशाला में 5.2, पालमपुर में 3.5, सोलन में 2.6, कांगड़ा में 4.6, डल्हौजी में 2.7, जुब्बड़हट्टी में 6.6, कुफ़री में 1.4, धौलाकुंआ में 3.9, पांवटा साहिब में 7 और देहरा गोपीपुर में 9 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
इस विंटर सीजन में बादलों के न बरसने से प्रदेश में सूखे के हालात पैदा हो गए हैं। जनवरी महीने में सामान्य से 99 फीसदी कम बारिश-बर्फबारी हुई है। जनवरी महीने में इस तरह के हालात 58 साल बाद पैदा हुए हैं। इससे पहले साल 1966 में प्रदेश में जनवरी में सामान्य से 99.5 फीसदी कम बारिश-बर्फबारी हुई थी।
सूखे से जहां अप्पर हिमाचल में सेब की पैदावार के प्रभावित होने की आशंका है, वहीं निचले हिमाचल में गेहूं व अन्य फसलें बर्बाद होने के कगार पर है। कृषि व बागवानी विशेषज्ञों की मानें तो अगले कुछ दिन बारिश न होने से गेहूं की 20 से 30 फीसदी फसल नष्ट हो सकती है। फसलों-फलों के लिए बारिश की बेहद जरूरत है, ऐसे में आगामी दिनों में बादलों के बरसने से सूखे की मार झेल रहे किसानों-बागवानों को राहत मिल सकती है।
रिपोर्ट- यूके शर्मा
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