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इन नौ फैसलों से खजाना भरने की तैयारी में सुक्खू सरकार, कहां कितनी की जाएगी कटौती?

Himachal Pradesh Economic Crisis: हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार अपना खजाना भरने के लिए कठोर वितीय फैसले लेने जा रही है। इसके लिए सुक्खू सरकार नौ बड़े निर्णय ले चुकी है।

Krishna Bihari Singh लाइव हिन्दुस्तान, शिमलाSat, 10 Aug 2024 09:50 PM
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आर्थिक तंगी से जूझ रही हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार अपना खजाना भरने के लिए कठोर वितीय फैसले लेने जा रही है। पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में चलाई गई योजनाओं को बदलकर राजस्व जुटाने के तरीके निकाले गए हैं। मौजूदा वक्त में सरकार की माली हालत इतनी खस्ता हो गई है कि तकरीबन हर महीने कर्ज उठाना पड़ रहा है। ऐसे में सुक्खू सरकार अपना खजाना भरने के लिए नौ बड़े निर्णय ले चुकी है। सुक्खू सरकार इन फैसलों को जमीनी स्तर पर लागू कर के इस वितीय वर्ष में करीब दो हजार करोड़ का राजस्व जुटा सकती है।

मुफ्त बिजली योजना में बदलाव
सुक्खू सरकार ने 125 यूनिट मुफ्त बिजली योजना में बदलाव कर साधन संपन्न लोगों को इसके दायरे से बाहर कर दिया गया है। इसके अलावा होटल कारोबारियों को झटका देते हुए कमर्शियल मीटर पर दी गई सब्सिडी को भी खत्म कर दिया है। इन कदमों से बिजली बोर्ड सालाना लगभग 900 करोड़ रुपये अर्जित करेगा। यही नहीं राज्य सरकार को बोर्ड को भारी भरकम ग्रांट भी देनी नहीं पड़ेगी। 

मुफ्त पानी योजना को लेकर भी आदेश
दो दिन पहले सुक्खू कैबिनेट ने भाजपा सरकार की गांवों में मुफ्त पानी योजना को भी बंद कर दिया है। गांवों में अब गरीबों, एकल महिलाओं, विधवाओं और दिव्यांगों को छोड़कर अन्य लोगों को मुफ्त पेयजल सुविधा नहीं मिलेगी। प्रति घरेलू पेयजल क्नेक्शन पर 100 रुपये मासिक और व्यवसायिक पेयजल क्नेक्शन पर 100 रुपये मासिक के साथ मीटर रीडिंग के आधार पर पानी के बिल आएंगे। इससे सरकार को जल शक्ति विभाग को बिजली बोर्ड की करीब 800 करोड़ रुपये की अदायगी करने में मदद मिलेगी। 

एचआरटीसी बस यात्रा में सफर पर भी निर्णय
सुक्खू कैबिनेट ने पुलिस कर्मचारियों को एचआरटीसी बस यात्रा में सफर करने पर प्रतिपूरक राशि देने का फैसला किया है। ऐसे में पुलिस कर्मियों के वेतन से मासिक 110 रुपये नहीं कटेंगे और उन्हें एचआरटीसी बसों में सफर के दौरान अपनी जेब ढीली करनी पडे़गी। इस फैसले को भी मुनाफा अर्जन के साथ देखा जा रहा है। 

नई आबकारी नीति से भारी राजस्व जुटाने की तैयारी
प्रदेश सरकार राजस्व जुटाने के लिए खनन नियमों में भी संशोधन कर चुकी है। इसके अलावा नई आबकारी नीति लागू होने से शराब के ठेकों की हर साल नीलामी से सरकार को 600 करोड़ की आय होगी। 

दो से पांच स्टूडेंट वाले 460 स्कूलों पर ताला
शिक्षा विभाग में शून्य पंजीकरण वाले 99 स्कूलों और दो से पांच संख्या विद्यार्थियों वाले 460 स्कूलों को बंद कर भी सरकार अपने राजस्व की बड़ी राशि की बचत कर रही है। सुक्खू कैबिनेट के कर्मचारियों की स्टडी लीव पर जाने पर वेतन का 40 फीसदी देने के फैसले से भी करोड़ों का खर्चा बचेगा। 

नई खनन नीति
सरकार अवैध खनन पर शिकंजा कसने के लिए नई नीति लेकर आई है, इससे सरकार को अतिरिक्त राजस्व मिलने की संभावना है। 

सीमित किया हिमकेयर योजना का दायरा 
पूर्व सरकार से चल रही हिमकेयर योजना का दायरा सीमित करने से भी सरकारी कोष की बचत होगी। सरकार ने हिमकेयर योजना से निजी अस्पतालों को बाहर कर दिया है। इससे सरकार को निजी अस्पतालों को भारी भरकम राशि नहीं देनी पड़ेगी। सरकार का तर्क है कि सरकारी अस्पतालों में जो मामूली आप्रेशन 25 हजार रूपये खर्च करके हो जाता है, वो आप्रेशन कुछ निजी अस्पतालों में एक लाख रूपये तक होता है। हिमकेयर योजना में इसका खर्चा सरकार को वहन करना पड़ता था।

88 हजार करोड़ पहुंचा कर्ज का बोझ
बता दें कि प्रदेश सरकार के बजट का बड़ा हिस्सा कर्ज की देनदारियां चुकाने और कर्मचारियों के वेतन व पैंशन पर खर्च हो रहा है। करीब 70 फीसदी से ज्यादा बजट इन पर लग रहा है। इस वजह से विकास कार्यों के लिए सरकार के पास बजट कम होना स्वभाविक है। सूबे की खस्ता माली हालत से निपटने के लिए सरकार को कर्ज उठाना पड़ रहा है। हिमाचल प्रदेश पर कर्ज का बोझ 88 हजार करोड़ पहुंच गया है।

रिपोर्ट- यूके शर्मा

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