हिमाचल प्रदेश के इन जिलों में दबा है अकूत खजाना, 784 टन यूरेनियम का भंडार
Himachal Pradesh Weather News: केंद्र सरकार का दावा है कि हिमाचल प्रदेश में यूरेनियम अयस्क का अकूत भंडार है। किन जिलों में दबा है अकूत खजाना जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट...
केंद्र सरकार हिमाचल में यूरेनियम अयस्क भंडारों की खोज कर रही है। इसके लिए परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय (एएमडी) ने हमीरपुर, ऊना और शिमला जिला में तीन यूरेनियम निक्षेप स्थापित किए हैं। इनसे अभी तक 784 टन (टी) यूरेनियम ऑक्साइड का अनुमान लगाया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डाॅ. जितेन्द्र सिंह ने सांसद डॉक्टर सिकंदर कुमार द्वारा राज्यसभा में पूछे गए सवाल के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने बताया कि ऊना जिला के राजपुरा में 364 टन, शिमला जिला के कशा कलाड़ी में 200 टन औऱ मंडी जिला के तलेली में 220 टन यूरेनियम ऑक्साइड मिलने का अनुमान है। उन्होंने यह भी कहा कि (ए.एम.डी.) ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश में प्रारंभिक निरीक्षण किया है जिससे हमीरपुर जिले के मसनवल में भी यूरेनियम अयस्क के भंडार मिलने की सम्भावना है। केंद्रीय राज्य मंत्री ने बताया कि हिमाचल में अभी तक यूरेनियम उपचार संयंत्र की स्थापना की योजना नहीं बनाई गई है।
डॉक्टर सिकंदर कुमार ने हिमाचल प्रदेश से जुड़े विभिन्न विषयों को राज्यसभा में उठाते हुए प्रधानमंत्री से हमीरपुर और ऊना जिलों में यूरेनियम समृद्ध स्थलों, यूरेनियम भंडार की अनुमानित मात्रा और केन्द्र सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश में यूरेनियम उपचार संयत्र स्थापित करने सम्बन्धी जानकारी मांगी थी।
डॉक्टर सिकंदर कुमार ने हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) के अंतर्गत खाद्य फसलों के उत्पादन का मामला उठाते हुए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री से जानना चाहा कि केन्द्र सरकार द्वारा हिमाचल में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत खाद्य फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं और विगत पांच वर्षों के दौरान प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के लिए कुल कितनी धनराशि स्वीकृत हुई।
इसके जवाब में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह ने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हिमाचल प्रदेश सहित 28 राज्यों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन को कार्यान्वित कर रहा है जिसका उदेश्य खाद्यान्न उत्पादन को बढ़ाना है।
उन्होंने बताया कि पिछले 5 वर्षों के दौरान एनएफएसएम कार्यक्रम के तहत हिमाचल प्रदेश सरकार को वर्ष 2019-20 में 11.44 करोड़ रुपये, 2020-21 में 11.20 करोड़ रुपये, 2021-22 में 5.81 करोड़ रुपये, 2022-23 में 2.99 करोड़ रुपये और 2023-24 में 7.08 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता प्रदान की गई। डॉक्टर सिकंदर ने कहा कि केन्द्र सरकार उदार मन से हिमाचल प्रदेश की आर्थिक मदद कर रही है और मौजूदा बजट में भी हिमाचल प्रदेश के हितों का बाकायदा ध्यान रखा गया है।
रिपोर्ट- यूके शर्मा
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