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Himachal Cloud Burst : हिमाचल में आसमानी आफत से जगह-जगह दिखे बर्बादी के निशान, सड़कें और पुल तबाह; 6 लोगों ने गंवाई जान

हिमाचल प्रदेश में कम से कम छह जगहों पर बादल फटने से कई जगहों पर भारी तबाही के निशान देखने को मिले हैं। यहां बादल फटने की इन घटनाओं में छह लोगों की मौत भी हो गई, जबकि 49 अन्य लापता बताए जा रहे हैं।

Praveen Sharma शिमला। लाइव हिन्दुस्तान, Fri, 2 Aug 2024 09:08 AM
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हिमाचल प्रदेश में कम से कम छह जगहों पर बादल फटने से कई जगहों पर भारी तबाही के निशान देखने को मिले हैं। यहां बादल फटने की इन घटनाओं में छह लोगों की मौत भी हो गई, जबकि 49 अन्य लापता बताए जा रहे हैं। अचानक आई इस आसमानी आफत से हिमाचल में सात घंटे में सामान्य से 305 मिलीमीटर ज्यादा बारिश दर्ज की गई। इसके चलते कई जगहों पर सड़कों और पुल भी बह गए और नदी-नाले उफान पर हैं।

हिमाचल प्रदेश में राहत और बचाव में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ सेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है। लापता लोगों का पता लगाने के लिए ड्रोन तैनात किए गए हैं। सेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है। एनडीआरएफ की 14 टीमें, सेना के 125 जवान राहत व बचाव कार्य में उतर गए हैं। इंजीनियर टास्क फोर्स के साथ 20 सदस्यीय मेडिकल टीम को लगाया गया है।

अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल के कुल्लू जिले में नैन सरोवर, भीमडवारी, मलाणा, मंडी जिले के राजवन, चंबा में राजनगर और लाहौल के जाहलमा में बादल फटने की घटनाएं हुईं। कुल्लू के निरमंड में नैन सरोवर और भीमडवारी में एक साथ बादल फटे। इसका पानी बागीपुल, समेज और गानवी की तरफ आया, जिससे 30 किलोमीटर नीचे तक तबाही मच गई।

हिमाचल में बादल फटने की घटना के बाद दो एनएच समेत 445 सड़कें बंद हैं और सात पुल बह गए और सतलुज व व्यास नदियों का जलस्तर खतरे के करीब पहुंचने लगा है। रामपुर में गानवी खड्ड में आई बाढ़ में पांच घर, तीन गाड़ियां और एक पुल बह गया। शिमला में भी कई जगह भूस्खलन हुआ। वहीं, आनी के निरमंड में दो जगह, कुल्लू के मलाणा, मंडी जिले के थलटूखोड़, लाहौल के जाहलमा और चंबा जिले में बादल फटे हैं। इससे कई मकान, पुल और सड़कें क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि मलाणा जलविद्युत परियोजना के बांध को भारी नुकसान पहुंचा है। शिमला जिले के रामपुर का समेज क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित है।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने बुलाई आपात बैठक

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हालात की समीक्षा के लिए गुरुवार सुबह आपात बैठक की। इसके बाद उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, से बात की। मुख्यमंत्री ने राज्य में भारी वर्षा और बादल फटने के कारण उत्पन्न स्थिति से अवगत करवाया। उन्होंने केंद्र सरकार से इस आपदा से निपटने के लिए उदारतापूर्वक सहयोग करने का आग्रह किया।

अमित शाह ने दिया मदद का भरोसा

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने घटना के बाद हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बात की और स्थिति की जानकारी ली। गृहमंत्री ने सीएम को एनडीआरएफ की तैनाती से लेकर राहत और बचाव को लेकर हर संभव मदद का वादा किया है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, ''मैं राज्य के मुख्यमंत्री के संपर्क में हूं और लगातार स्थिति की जानकारी ले रहा हूं। पार्टी कार्यकर्ताओं पीड़ितों की मदद के लिए आगे आएं।''

जेपी नड्डा ने सीएम से मांगी विस्तृत रिपोर्ट

इस मामले पर आपात बैठक करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में सुक्खू ने कहा कि आपदा निगरानी के लिए राज्य में 13 स्थानों पर राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र भी स्थापित किए गए हैं और जिला प्रशासन को प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत प्रदान करने तथा अस्थायी पुल (बेली ब्रिज) बनाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में परिवहन गतिविधियों को संचालित करने के लिए पुलिस को पांच परिवहन ड्रोन उपलब्ध करवाए जाएंगे तथा बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पुलिस को 50 जनरेटर दिए जाएंगे। उन्होंने लोगों से एहतियाती कदम उठाने और नदियों के पास नहीं जाने का आग्रह किया। सुक्खू ने बताया कि अमित शाह और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि सेना तथा वायुसेना से मदद मांगी जाएगी और राज्य में आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ के दो और दल भेजे जाएंगे। वहीं, जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और मोदी सरकार की ओर से हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया है।

चार-पांच दिन बारिश जारी रहने का अनुमान

भाषा के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में कई हिस्सों में बुधवार शाम से ही भारी बारिश हो रही है। राज्य में अगले चार-पांच दिन बारिश जारी रहने का अनुमान है। हिमाचल प्रदेश के आपात अभियान केंद्र के अनुसार, मंगलवार तक दर्ज आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 27 जून को मॉनसून के पहुंचने के बाद से बारिश से जुड़ी घटनाओं में 65 लोग मारे जा चुके है। प्रदेश को 433 करोड़ रुपये का नुकसान भी पहुंचा है। 

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